छुक छुक छुक छुक रेल चली.... आदि जी की रेल चली....
ये नया खेल सिखा है.. दिल्ली में तो मेरी रेल में एक या दो डिब्बे ही जुड़ते थे..पर अब जोधपुर में तो बहुत बड़ी ट्रेन बनती है.... कल शाम मेरे साथ खेलेने के लिये प्रितु दीदी सहित सभी दोस्त आ गये.. और हमने बहुत बड़ी रेल बनाई..
देखे मेरी रेल के कुछ फोटो..
आज ऋषभ भैया का जन्मदिन है.. शाम को पार्टी है.. खुब मौज होगी..
"ऋषभ भैया को जन्मदिन कि शुभकामनाऐं!!"
सुचना
दिपावली मनाने दादा दादी के पास कल जोधपुर आ गया हूँ.. तो दिपावली तक वहीं मस्ती होगी..
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