Sunday, January 9, 2011

छतबीर जू..

जू देखना मुझे और मम्मु को बेहद पसंद है.. जहाँ भी जाते है.. जू देखने का कार्यक्रम बना ही देते है.. इस बार जब चंडीगढ़ गए तो वहाँ भी जू देखने का प्लान बना ही लिया. हालांकि जू दूर थी.. फिर भी.. चंडीगढ़ के पास छतबीर जू है.. जू के बारे में ज्यादा जानकारी यहाँ पर...

और जू का मेप यहाँ पर.. मेरे साथ..

अर्पित चाचा का exam था इसलिए उन्हें छोड़ दिया और क्षितीज चाचा हमारे साथ हो लिए.. जू में घूमने के लिए हमने ये गाड़ी ले ली...  मैं तो फ्री.. बाकी सभी के ५० रुपये..

यहाँ का दरियाई घोड़ा बहुत मस्त है... बहुत करीब से देखा..


और तालाब में ये बत्तखें...

भालू सुस्ता रहा था...

और पेंथर के पिंजरे के बहार ये सूचना...

ये उल्लू...

और जू खत्म.. वैसे यहाँ लायन सफारी भी है.. लेकिन उसमे मजा नहीं आया.. केवल दो शेर है वो भी बीमार से..

एक दिन की पिकनिक के लिए ये जू अच्छी जगह है.. पर अगर आप टेक्सी से जा रहे है तो वापसी की व्यवस्था कर लें...

Saturday, January 8, 2011

मेहरानगढ़ दुर्ग...

अर्पित चाचा के हार्दिक इच्छा पर आखिर गुरूवार (7 जनवरी) को मेहरानगढ़ दुर्ग जाने का कार्यक्रम बन ही गया..  तुरंत ही चर्मी और बंटी भुआ को फोन कर उन्हें भी साथ ले लिया... और किले की चढाई शुरू कर दी....




किले की घाटी में चढाई और उतराई का खूब मजा लिया..

इस किले के झरोखे बहुत सुन्दर है..

और इस झरोखे के निचे.. मम्मू, बाबा और मैं...

और ये हमारी पूरी टीम...

किले ये दिखता... खूबसूरत उम्मेद भवन पैलेस...

किले में बहुत सारी तोपें भी रखी है...

और इस पर चढ़कर मेरा मासूम सवाल.."बाबा ये कौनसी गाड़ी है?"

ये है घंटाघर...

मंदिर के पीछे झरोखे में..

और जाते जाते.. ये दुर्ग की सुन्दर फोटो...



Friday, January 7, 2011

मिनी वैष्णो देवी : माता लाल देवी मंदिर अमृतसर

वाघा बोर्डर देख कर हम पहुँच गए.. मिनी वैष्णो देवी यानी  "माता लाल देवी मंदिर"..


स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने में मजा आया तो यहाँ भी हर मूर्ति के आगे मत्था टेकता रहा...




इसी के साथ हमारी अमृतसर यात्रा समाप्त हुई.. रात को गेस्ट हाउस (बचत घर) में रुके और सुबह फिर चले चंडीगढ़ की और...

डॉ राजेश और डॉ अंजुमन ने हमारी ये यात्रा बहुत सरल और रोचक बना दी.. उनको बहुत Thanks!!!

मेरी पहली कविता...


अभी सोते हुए कुछ लाइनों की तुकबंदी कर दी..  ये मेरी पहली तुकबंदी है.. 


मैं तो सो रहा हूँ.. मेरी किसने मालिश की..
मेरी मम्मु ने मालिश की..

मैं तो सो रहा हूँ.. मुझे किसने दुधु पिलाया..
मुझे मम्मु ने दुधु पिलाया.

बोक्सर...

चंडीगढ़ में अर्पित और क्षितिज चाचा का बोक्सिग किट मिल गया.. फिर क्या था.. हीरो बोक्सर बन गया...

साइज में बड़े थे तो क्या.. टशन में कोई कमी नहीं थी...




कैसा लगा ये स्टाइल....

Thursday, January 6, 2011

ऑटोमेटिक रोटी मशीन...

स्वर्ण मंदिर में रोटी बनाने वाली ऑटोमेटिक मशीन की एक झलक....

1. आटा गूंथना...


२. गोली बनाना



३. रोटी बेलना....


४. रोटी सेकना...

और ये लाइन से गरमा गरम रोटी तैयार...

और मशीन फैल हो जाए तो ...


है न मजेदार मशीन...

(Golden Temple, Automatic Roti Maker)

Wednesday, January 5, 2011

अमृतसर में एक दिन...

छुट्टियाँ मनाने एक दिन चंडीगढ़ से अमृतसर गए..  छुट्टियों के चक्कर में पापा शनिवार और रविवार सब भूल चुके थे... एक और शनिवार को शुक्रवार समझ रविवार को चंडीगढ़ जाने का प्लान बनाने लगे.. और अपने पुराने साथी डॉ राजेश से फोन कर अमृतसर जाने का प्लान बनाने लगे..  रात १० बजे उनसे बात करने पर पता चला की जिसे वो शुक्र समझ रहे थे वो शनि है.. और रवि तो कुछ ही घंटों बाद है.. फिर क्या था.. तुरंत अमृतसर जाने का प्लान बन गया.. और हम सुबह ६ बजे की वोल्वो पकड़ कर अमृतसर प्रस्थान कर गए.....


डॉ राजेश ने और डॉ अंजुमन ने हमारे घूमने की सारी व्यवस्था कर ली थी... और ब्रेकफास्ट करने के बाद हम पहुँच गए.. स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)..



और चीजों के साथ एक और मजेदार चीज देखी.. वो थी लंगर में रोटी बनाने की ये मशीन...

मम्मु ने भी रसोड़े में कुछ रोटी बना कर 'सेवा' की...

और फिर लंगर में प्रसादा...


स्वर्ण मंदिर के बाद हम गए.. जलियाँवाला बाग में...


यहीं चली थी गोलियाँ...

और फिर वाघा बोर्डर...
भारत माता की जय...
Related Posts with Thumbnails