अभी तक तो लेपटोप पर जू जू, एनिमल्स और पोएम्स देखता था.... अभी कुछ दिनों से बाबा मुझे व्हाईट व्हाईट (MS word का खाली पेज) दे देते है.. और में मजे से की बोर्ड ठोकता हूँ.. कल हमने लेपटोप पर एक बड़ा की-बोर्ड (External) लगा दिया और मेरी उंगली पकड़ के ये टाइप किया.....
ABCDEFGHIJKLMNOPQRSTUVWXYZ
12334…….56789 10 10121.2.2.2.
वैसे तो लेपटोप पहले भी चलाया है... पर ओपचारिक रूप से ये है मेरा पहला पाठ...
थर्मामीटर..
मेरी तबियत अब बहुत ठीक है... बुखार भी ९९ के आस पास ही हे... शरारतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है....
कुछ फोटो..
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मेरी नई कुर्सी.. |
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मुस्कान लौट आई... चहरे के लाल नीशान तेज बुखार की देन |
आदि बेटा!
ReplyDeleteपहले सेहत फिर पढ़ाई!
कोई बात नहीं बुखार भाग जाएगा.
ReplyDeleteशाबाश अच्छे से पढ़ रहो हो तुम आदि.
पहल् स्वास्त्य तब पढ़ाई।
ReplyDeleteहम तो बस उस दिन का इंतजार कर रहे है जब आदि यहाँ अपने आप पोस्ट लिखा करेगा :)
ReplyDeleteShastri Ji, Praveen bhai,
ReplyDeleteAadi ki padhai abhi shuru nahi hue... bas jo vo khelta he use kuch creative form men badal dete he.. and he enjoy it..
अरे हीरो को बुखार आ गया.......अभी पिटाई करते हैं बुखार की , ऐसे कैसे आ गया नालायक ......हीरो के पास......बस ऐसे ही मुस्कराते रहो......बुखार छूमंतर हो जायेगा.....
ReplyDeletelove ya
बेटा अभी तो तुम्हारी मुस्कराहट में भी बुखार का असर झलक रहा है ,इसलिए पहले दवाई बाद में पढाई !
ReplyDeleteमेरे बच्चे, थोड़ा और आराम कर ले<<दूध अंडा खा ले..पढ़ाई तो हो जायेगी बाद में.
ReplyDeleteadi
ReplyDeleteall the best
आदि बेटा तुझे हंसता देखकर बहुत शुकुन मिला. पढाई का सिलसिला शुरु होने लगा है यह एक अच्छी बात है. जल्दी से पुर्णतया दुरुस्त होजावो.
ReplyDeleteरामराम
आदि बेटा, समीर अंकल की बात मत मानना. ये तुझे बिगाडने के चक्कर में हैं.:)
ReplyDeleteदूध में अंडा कभी मत पीना. तू तो सिर्फ़ दूध ही पीते रहना अंडा नही. बस दूध अच्छे से पीना...ताऊ तुझे भी पहलवान बना देगा.
बोलो शाकाहार की जय!!!
रामराम.
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ReplyDeleteजल्दी से स्वस्थ होकर मौज-मस्ती करो आदि...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट!
ReplyDelete--
इसकी चर्चा यहाँ भी है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/9.html
आदि बेटे अब हुयी ना बात, अबे यह कमजोरी भी एक दो दिन मै भाग जायेगी, दादा दाई अभी यही है या वापिस भारत गये? उन्हे मेरी नमस्ते बोलना, अब मै भी ठीक हो गया हुं, जब तुझे समीर अंकल बता दे कि ....<<दूध अंडा खा ले..तो हमे भी बताना इस दुध को केसे खाये:) आज तो मामी पापा भी बहुत खुश होगे आदि बाबा जो ठीक हो गये है
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ReplyDeleteपढो बेटा आदि, आखिर तुम्हारे पिताजी कब तक तुम्हारे बारे में लिखते रहेंगे?
…………..
प्रेतों के बीच घिरी अकेली लड़की।
साइंस ब्लॉगिंग पर 5 दिवसीय कार्यशाला।
यार आदि तू हँसता रहा कर.. खामख्वाह टेंशन हो जाती है..
ReplyDeleteसब अच्छा लिखा है.. चार लाइनों वाली कोपी मंगवा लेना बाबा से और उसमे अक्षर जमा जमा के लिखना..
सबसे अच्छी बात है -
ReplyDeleteमुस्कराहट का लौट आना!
बुखार चला गया...निशान भी चले जायेंगे. पहला पाठ सही सीखा
ReplyDeleteशुभकामनायें !
ReplyDeleteआदि स्वस्थ हो गया , जानकार खुसी हुई .
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