Saturday, January 31, 2009

फिर आया है पोलियो रविवार.

दो महीने पहले हुऐ पोलियो रविवार की सुचना मैने आपको दी थी, विवेक अंकल को ये अन्दाज बहुत भाया.. तो मैने सोचा कि इस बार भी आपको खबर कर ही दूँ.. पर इस बार एक दिन पहले.. ताकि आप अपने रविवार के कार्यक्रम में इसे शामिल कर सकें..

तो इस बार मेरे मंथली बर्थडे से ठीक पहले यानि 1 फरवरी को है पोलियो रविवार.. और इस दिन पाँच साल से छोटे बच्चों (जैसे चार साल के सन्तु भैया या फिर एक साल के मन भैया ) को पिलाई जाती है.. पोलियो की दवा.. कोई ज्यादा मात्रा में नहीं.. बस दो बूंद.. दो बूंद जिन्दगी की..


कई सारे पोलियो बूथ बनाये जाते है.. हर सरकारी अस्पताल, स्वास्थ केन्द्र इत्यादि जगहों पर.. बडे़ शहरों मैं तो चौराहो पर भी ऐसे बूथ होते है.. पता किजिये आपके घर के आस पास भी जरुर होगा एसा बूथ.. बस फिर क्या है रविवार को चले जाइये सुबह 9 बजे से शाम के 5 बजे के बीच (आपके शहर में हो सकता है समय आधा/एक घण्टा आगे पीछे हो).. अगर आप सफ़र कर रहे है तो भी चिन्ता की कोई बात नहीं ये दवा तो बस स्टेण्ड और रेल्वे स्टेशन पर भी पिलाई जाती है.. ये दवा क्यों पीनी और हर बार पीनी जरुरी है ये आपको पिछली पोस्ट में बता ही चुका हूँ.. तो देर किस बात की.. रविवार को चलते है पोलियो बूथ पर..

Friday, January 30, 2009

इतने सारे शुभकामना संदेश..

आदि के जन्म की सूचना सभी मित्रों, परिवारजनों को फोन, SMS और ईमेल से दी.. जबाब में शुभकामना, बधाई और आशीर्वाद संदेशों की झड़ी लग गई.. इतने संदेश आये की पापा का पुरान मोबाइल झेल ही नहीं पाया और अगले दिन मरम्मत करवानी पडी़..

मित्रों के इन शुभ संदेशों को स्थाई याद के रुप में इस ब्लोग पर सहेज रहा हूँ.
Amit Chakraverty - Congrats
Amit Chhazed - Congratulation to both of you
Anita Bharatiya - Con. N Thanks for rem. Me.
Anju Sharma - Congrats
Ashutosh Dadhich - Heartly good wishes from my side & congrats to both of u.
Basanta Kar - Great GOD Bless. Thaks fr being a proud father.
Bhawana Sati - Congrest!
Bijit Roy - Great News buddy congratz
Biraj Sarangi - CONGRATULATION
CVC Prasad - congratulation! our best whishes to you three.
Dr. Sridhar  - Congratulation! And how's the dad doing?!
J Kandimala - congratulation my blessings 2 ur baby. Hope u r following INHP new born care practices.
Jaya Kumar G - Congrats to Jacha bacha and papa
Jitendra Lalchandani - Congrtulation my dear friend.
Jose Sool - Heartly Congratulation
Jyoti Puri - Heartiest Congratulation! Time for party.
Krishn K Borana - Congrates
Krishn Kumar - god bless him
Manish Agrawal - Heartiest Congratulations. May God bless all  of you with love & joy.
Mukesh Kumar - Just heard from Usha. Congratulation on being a Proud parent.
Pravesh Chopra- Congratulation to you and Anju.
Ramesh Sharma - Wowwwwwwww!!!!!!!!!! This is such big news.............:) congratulation and celebrations.. to the ENTIRE Family..... party time..... party time. Have Fun :)
Ramsey Raysis- Great News! Congratulation!
Ravindra Nath - Congratulations and god  bless the child and couple.
Reetu Sharma - Great News. Yippy...congrats
Ruben Menon - Wow congrats
Sanjay Kumar - Mubarak....
Seema Pawar - Congrats!
Snehal Shah- Congrats, PAPA:)
Subhashish Bhadra - Great. Welcome to the world of parents. Best wishes to your family.
Sujeet Ranjan - A Big Congratulation Badhai to both of you. My good wishes and ashirvad to the little one.
Trupti Desai - Heartiest Congratulations
Usha Kiran - Congratulations. When. Birth Wt. did you initiate bf?
Vinod Sati- Congratulations

ये संदेश तो केवल SMS के है..इसके अलावा बहुत सारे email भी है.. और आपकी शुभकामनाऐं तो रोज मिलती है, आपके कमेंट्स के रुप में..

मुझसे दोस्ती करोगें?  यहाँ चटका लगाओ..

Thursday, January 29, 2009

क्या कहते हैं ज्योतिषी..


जन्म के कुछ समय बाद ही दादा मेरी जन्मपत्रिका बनवा लायें. जोधपुर से ज्योतिषी श्री रिद्धकरण पारीक जी से. पत्रिका तो दादा के पास ही रखी है. उसके कुछ अंश आपसे भी शेयर करता हूं. वैसा ही जैसा पत्री में लिखा है अक्षरक्षः  
चलित से
"सिंह लग्न"
 "शनि छटेश सप्तमेश व्यय भाव में केतू के साथ है. अतः दामपत्य जीवन सुखी रहने का योग है, प्रवासी योग बना है.
बुध धनेश लाभेश भाग्य भाव में होने से धन परिवार सुख का पूर्ण योग है. जातक भाग्यशाली होगा.
सुर्य लग्लेश अष्टम भाव प्राक्रमेश दशमेश शुक्र के साथ ही है. जातक दिर्घजीवी स्वतंत्र विचारों वाला तथा विशेष खर्चिले स्वभाववाला होगा.
मंगल सुखेश भाग्येश लाभ भाव में है. जातक के अपने ही बुद्धीबल से अपना स्टेटस बनाने का योग. भूमी भवन सुख का भी उत्तम योग बना है.
गुरू: पंचमेग अष्टमेश स्वगृही पंचम भाव में होने से कमर्शियल (कानून) + विज्ञान (तकनिकी) शिक्षा का पूर्ण योग हैतथा संतान सुख का भी पूर्ण योग है. जातक भाग्यशाली होने के साथ दिर्घजीवी योग बना है.
चन्द्र का व्ययएश सप्तम भाव में है. पानी से भय रहेगा पाचन क्रिया कमजोर रहेगी अत: रत्ती का मोती गले में पहिनना शुभ रहेगा."
तो ये है मेरा भविष्यफल.. और भाग्यशाली तो मैं हूँ ही न? आप सभी का प्यार जो मिलता है, और आपसे दोस्ती भी हो गई..क्या कहा आप अभी मेरे दोस्त नहीं बने.. कोई बात नहीं जल्दी से यहाँ क्लिक करें..  

Wednesday, January 28, 2009

ये लूं कि वो लूं...

आपको तो पता ही है मुझे लटकने वाली चीजें बहुत पंसद है.. चाहे धागे हो या बैग का बेल्ट.. बस मैं उन पर देखते ही धावा बोल देता हूँ.. पता नहीं क्यों मुझे इनसे इतना लगाव है.... इन्हीं के चलते मैनें बिल्ली की पूँ कुतर डाली.. देखा कहीं ऐसा बहादुर चूहा.. और तो और मैने तो कुशन कवर के फूदें भी तोड़ डाले.. अरे अगर ऐसे लिस्ट बनाऊगां तो बहुत लम्बी हो जायेगी.. पर ये सभी चीजें मुझसे बचाने की होती है..


लेकिन कभी कभी मैं भी कंफ्युज हो जाता हूँ.. जब एक साथ दो दो चीजें मिले.. समझ नहीं आता किसे लूं और किसे छोड दूं.. ऐसा ही मेरा जैकेट है.. दो-दो लटकने वाली चीजें है.. और दोनों मुझे बराबर आकर्षित करती है..समझ नहीं आता कि ये लूं कि वो लूं.. फिर क्या दोनों पकड़ लेता हूँ.. और उन्हे मुँह में डालना तो मेरा अधिकार है..





कैसी लगी आपको मेरी बातें? जरुर बताऐं..

आया मजा? मेरे दोस्त बनोगे? दोस्त बनने के लिये यहाँ क्लिक करें!

Tuesday, January 27, 2009

देश का ६० वाँ और मेरा पहला..

कल गणतंत्र दिवस था.. ६० वां गणतंत्र मेरे देश का.. और मेरा पहला..

सुबह समय से ही उठा.. सात बजे.. और हमेशा की ही तरह..नहा के तैयार हो गया.. आज मम्मी ने नये कपडे़ पहनाये कुर्ता-पायजामा.. पापा भी तैयार हो गये.. और हम चले.. पर ये क्या आज पापा आंटी के घर जाने के बजाय मुझे नीचे ग्राउंड पर ले गये.. वंहा पहले से काफी लोग थे.. तब पता चला आज कुछ खास है... थोड़ी देर बाद ही ध्वजारोहण हुआ.. सबने "जन-गण-मन" गाया.. और फिर लड्डू भी मिला.. मैने तो अपना लड्डू वहीं खा लिया..




पापा मम्मी की भी छुट्टी, तो फिर पूरा दिन खूब मस्ती की आप भी देखिये एक झलक..








आया मजा? मेरे दोस्त बनोगे? दोस्त बनने के लिये यहाँ क्लिक करें!

(आपकी प्रतिक्रिया मिली थी की मेरा ब्लोग खुलने में काफी समय लेता है, तो आज इसका हुलिया बदल दिया है.. (वैसे तो कुश अंकल भी नया हुलिया भेजने वाले हैं.. पर तब तक ये ही सही).. अगर अब भी ये ज्यादा समय ले तो जरुर  बताना..)

Monday, January 26, 2009

दे ताली..

नई-नई चीजे सीखने लगा हूँ मैं.. मम्मी से प्यारी करता हूँ तो पापा से अलग तरह की मस्ती.. पता है अब मैं क्या नई चीज सीखा हूँ.. ताली बजाना..

पापा अपने हाथ मेरे सामने लाते है और कहते है "दे ताली".. फिर देखिये मैं पूरी ताकत से उनके हाथों पर अपने हाथ पटकता हूँ..और पापा खुश हो जाते हैं.. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे तालियाँ बजाते है..



अकेले में भी मैं दोनों हाथों से ताली बजाता हूँ.. और तो और कई बार ताली बजा बजा कर रोता हूँ.. है न मजेदार :)

आप सभी तो गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं!!

मुझे गले लगाने के लिये यहां click करें!

(आपकी प्रतिक्रिया मिली थी की मेरा ब्लोग खुलने में काफी समय लेता है, तो आज इसका हुलिया बदल दिया है.. (वैसे तो कुश अंकल भी नया हुलिया भेजने वाले हैं.. पर तब तक ये ही सही).. अगर अब भी ये ज्यादा समय ले तो जरुर  बताना..)

Friday, January 23, 2009

मैं भी अखबार में

आप सभी ने आशीष अंकल के ब्लोग में पढा़ होगा कि उन्होने "हिन्दी के खास ब्लोगस" के बारें एक लेख जयपुर से प्रकाशित होने वाले अखाबार "डेली न्युज़" में लिखा था.. और मेरे लिए खास बात ये कि इसमें मेरा ब्लोग भी शामिल किया गया.. मेरे ब्लोग के बारें में उन्होने लिखा कि
"आदित्य रंजन
अगर आप आठ महीने के बच्चे की बाल सुलभ अदाओं को नजदीक से देखना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग पर चले आइए। यहां जोधपुर के आठ महीने के आदित्य रंजन की सभी बातें उनके मम्मी-पापा (अंजु-रंजन) रोचक अंदाज में पहुंचा रहे हैं। यहां आदित्य के वजन, ऊंचाई, सफर, खाने-पीने से लेकर सभी तरह की दूसरी जानकारियां रोचक अंदाज में लिखी जा रही हैं।
और ये रहा पूरा लेख

अलग-अलग वजहों से मैं अब तक आशिष अंकल को धन्यवाद ही नहीं कह पाया.. आज इस पोस्ट से मैं उनको भी धन्यवाद दे रहा हूँ.... "ThankYou Uncle".

और ये रही कल शाम की मस्ती..


Thursday, January 22, 2009

शाम का इन्तजार..

शशि आंटीआपको को पता है कि दिन में मैं शशि आंटी के पास रहता हूँ.. पापा/मम्मी सुबह साढे़ आठ-नौ बजे ही मुझे शशि आंटी के पास छोड़ ऑफि़स चले जाते हैं.. और दिन में मैं उनके पास ही रहता हुँ, खाता हूँ, खेलता हूँ, मौसम अच्छा हो तो धूप में घूमने जाता हूँ.. और कभी कभी मंगलवार को किर्तन में भी चला जाता हूँ.. आंटी, अंकल, चाचा, चाची सभी मुझॆ बहुत प्यार करते है और मेरे साथ बहुत खेलते है.. और ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है.. इन्तजार रहता है शाम का जब छः बजे पापा मुझे लेने आते है.. और मैं उछल के पापा की गोद में चढ़ जाता हूँ.. और घर जाने के लिये मचलने लगता हूँ.. मैं और पापा घर पर बहुत मस्ती करते हैं, मम्मी के आने का इन्तजार करते करते... मेरी शाम का वो समय सबसे अच्छा होता है जब मम्मी ऑफिस से घर आती है... फिर क्या है.. मैं मम्मी की गोद में चला जाता हूँ.. मम्मी से लिपट कर अपनी ही भाषा में (हूँ - हूँ वाली) दिन भर की बातें बता देता हूँ..मम्मी के गले से लग इतनी प्यारी करता हूँ कि पापा भी इर्ष्या करने लगते है.. आदि भाई मैं भी तो ऑफिस से आता हूँ, तुम्हे प्यार करता हूँ पर तुम तो केवल मम्मी पर ही प्यार लुटाते हो? लेकिन वो भी मेरे और मम्मी की इन बातों का आनन्द लेते है..



आप भी गले लगाना चाहते है? यहां click करें!

Wednesday, January 21, 2009

कितनी दवाऐं खानी पड़ती है?

१४ तारीख को मुझे खांसी जुकाम हो गया.. और पहुँच गया डॉ तातेड़ के पास, उन्होने कुछ दवाऐं पीने के लिये दी.. ज्यादा नहीं बस दो थी.. अगले दिन बुखार भी आ गया और दस्त भी हो गये.. फिर डॉ के पास और दो दवाऐं और.. दो और दो कुल हुई चार.. कोई दिन में एक बार, कोई दो बार और कोई तो तीन बार, खैर बुखार और दस्त तो एक दिन में ठीक हो गई और कुछ दवाऐं भी कम हो गई.. पर खांसी जुकाम जारी था.. और खांसी तो काफी तेज थी..और तो और मेरा खाना पीना भी पहले से कम हो गया था क्या करता कुछ भी खाने को मन ही नहीं करता. इधर  जोधपुर से लिखी हुई सारी दवाऐं भी खत्म हो गई.... फिर रवीवार यानी १८ तारीख तो दिल्ली में डॉ घटक के पास गये.. डॉ अंकल ने बहुत प्यार से देखा और कहा की पेट में अभी संक्रमण है और खांसी तो है ही.. फिर क्या था.. चार दवाऐं लिख दी..
अब मैं समझने लगा हूँ तो मुझे दवा देना भी कोई आसान काम नहीं है... क्या क्या जतन करने पड़ते हैं.. पापा मम्मी की पूरी कसरत हो जाती है..दवा देने के नये नये प्रयोग..कभी बहला के, कभी ध्यान हटा कर तो कभी हाथ पकड़ कर.. कभी ड्रापर से, कभी चम्मच से.. आखिर मे  दवा तो खानी ही पड़ती है..जैसे तैसे ये कोर्स खत्म होने को है.. लेकिन मेरी हालत देख कर मम्मी को लगता है.. "एक दो दवा कम ही दे दें, तो क्या फर्क पडे़गा"

लेकिन अब मैं अच्छा हो गया हूँ... खाना पीना भी पहले जैसा हो रहा है... दवाईयें भी काफी कम हो गई है..लेकिन आप बताओ ये इतनी सारी दवाईयां क्यों होती है? बच्चों के लिये कम नहीं हो सकती? और हाँ ये कड़वी क्यों होती है.. हमारे लिये मीठी नहीं हो सकती क्या?.


और ये रही मेरे दो दाँतों वाली फोटो..

मुझे गले लगाने के लिये यहां click करें!

(चाचा की शादी में लिये फोटो जल्द ही आपको दिखाऊगां, और हाँ अगली बार बता कर जाऊगां सोरी....)

Tuesday, January 20, 2009

चाचा की शादी - १

बहुत दिनों से आपसे दूर रहा..क्या करता? चाचा की शादी में गया था, जोधपुर..घूम कर वापस आ गया हूँ.. अब सारी बात बताऊंगा..

शादी के लिये बहुत तैयारी की.. मेरे लिये बहुत सारे नये कपडे़ आये (नये कपडो़ में आपको फोटो जल्द ही दिखाऊंगा).. और हमने सारा सामान पैक कर दिया... पर ये क्या.. पापा शायद मुझे भी पैक करने के मूड में थे..

पर मैं कोई ऐसे पैक होता हूँ क्या..

हम इस बार भी ट्रैन से ही जोधपुर गये..  पर ट्रैन में हम अकेले नहीं थे.. ट्रैन में अर्पित और क्षितिज चाचा पहले से बैठे थे.. और तो और उन्होने तो तय भी कर लिया था कि मेरे साथ पहने कौन खेलेगा.. और वो मेरे लिये खिलौना भी लाये थे.. ट्रैन मैं बहुत मस्ती की, मामी दादी के साथ भी बहुत खेला..


सुबह ट्रैन बिक्कुल सही समय पर स्टेशन पहुँची.. दादा स्टेशन पर लेने आये.. और शुरु हो गई मेरी जोधपुर की unlimited मस्ती...


आदि को follow करने के लिये यहाँ क्लिक करें!



(शादी में व्यस्तता की वजह से आदि के बारें में काफी दिनों तक नहीं लिख पाये.. उसके बाद आदि बीमार हो गया.. सर्दी, खाँसी, बुखार और दस्त.. सभी एक साथ.. आदि की देखभाल में ही समय निकल गया.. अब आदि ठीक है.. और पहले की ही तरह नियमित रुप से आपसे मिलता रहेगा - रंजन)

Thursday, January 8, 2009

अब मैं इससे डरता नहीं हूँ!

छोटी बॉल से तो मैं बहुत खेलता हूँ, और पापा से एक मैच भी गया.. आपने देखा भी तो होगा न.. और उडन तश्तरी अंकल ने तो मुझे मैच के बीच फुटबाल टेस्ट करते हुऐ भी पकडा था.. पता है मेरे पास एक बड़ी बॉल भी है... बहुत बड़ी.. पर उससे तो मुझे बहुत डर लगता था.. अगर उसे कोई मेरे पास भी लाता तो मैं रोने लग जाता था.. पापा ने मेरा डर भगाने की कोशिश भी की पर.. ना बाबा ना..
मैं बडा़ हो गया हूँ . और अब मैं उस बॉल से बिल्कुल नहीं डरता हूँ.. ये तो अच्छी तरह से मेरी पकड़ में आ जाती है और मैं इससे बडे़ मजे से खेल सकता हूँ. अब कोई डर नहीं..



टोपी संभालु या बॉल?

कैसी लगी मेरी बातें?
मुझे follow करने के लिये यहाँ क्लिक करें!
मेरी बातें email से प्राप्त करने के लिये यहाँ क्लिक करें!!

Friday, January 2, 2009

मेरे लिये दो कविताऐं

टिप्पणीयों में मुझे दो कवितायें मिली है..बहुत प्यारी है.. आप सभी तक पहुचें इसलिये इन्हे उस पोस्ट पर लेकर आया हूँ.
पहली कविता शिव कुमार मिश्रा की कलम से



अले, मेला हीलो हमांगा भी कलता है!
टोपी पहनकर बाला क्यूट लगता है
दूध और बिस्किट खाता है
स्मार्ट है
इसे तो सूजी की खीर और फल भी भाता है
पापा और मम्मी से मेहनत भी करवाता है
जब भी दीखता है, एक मुस्कान दे जाता है.

दूसरी कविता रावेंद्रकुमार रवि की  कलम से 
मेरे मन को भा गए अब तुम प्रिय आदित्य,
मन करता है - आज से देखूँ तुमको नित्य!





थेंक्यु अंकल..


आज मेरा मंथली बर्थडे है, अब मैं पूरे आठ माह का हो गया.. क्या कहा इस मौके पर आप मुझे गले लगाना चाहते हो? आप दूर हैं कोई बात नहीं e-hug है न? यहां click करें मुझे गले लगाने के लिये. .

Thursday, January 1, 2009

स्वागत २००९ का..

कल २००८ बीत गया और आज से एक नये साल का आगाज हुआ.. नये साल का स्वागत करने में मैं भी पीछे नहीं रहा.. शाम को हम सभी सोसाइटी के प्रोग्रम में गये.. पता है हमारी सोसाइटी में नये साल के स्वागत के लिये नाच-गान और भोजन का कार्यक्रम रखा था और वहां अलाव भी जलाया गया था, जो मेरे लिये तो अजूबा था, मैं एकटक उसे ही देख रहा था..

बहुत सारे लोग नाच गा रहे थे.. पर मैं तो गोदी से ही उनको देख रहा था.. आखिर मेरा भी नम्बर आया और मैं मम्मी के साथ डान्स करने लगा..


सर्दी बहुत हो रही और नीदं भी बहुत आ रही थी, थोडा सा डान्स कर मैं तो घर आकर सो गया.. और २००९ में तो मैं सोते सोते ही पहुंचा..कोई बात नहीं ऐसी कई पार्टी आयेगी.

आप सभी को नये साल की शुभकामनाऐं!
Related Posts with Thumbnails