जब भी शोपिंग जाता हूँ तो कुछ कुछ चीजें अपने लिए खरीद ही लेता हूं.. परसों शाम को फूडलेंड में कलर पसंद आ गए.. ऊपर रखे थे तो बाबा को समझ नहीं आ रहा था की क्या चाहिए.. गोदी ने चढ कर बताना पड़ा...
बाबा ने वो कलर दे तो दिए... पर उन्हें लगा की मैं सीरियस नहीं हूं.. बस ऐसे ही मस्ती में लिए है.. थोड़ी देर बाद उन्होंने कहा "आदि ये कलर वापस जगह पर रख दो.." पर मेरा जबाब सुनकर वो "लाजबाब" हो गए...
पता है मेरा क्या जबाब था?
"ये मुझे चाहिए इसीलिए में ले रहा है, ये मेरा गिफ्ट है"
और ये बात जिस कलर के लिए थी वो ये रहे.
कल मिलते है.. आदि की प्यारी प्यारी बातें के साथ...
वाह !! कुछ कलर करके भी दिखाओ !!
ReplyDeleteआदि बेटा आप सही हैं ,बाबा पर उम्र का असर दिखने लगा है देखो तो सही कलर्स की अहमियत भी भूल चले :)
ReplyDeleteअरे वाह अब तो चुस्त हो गया आदि
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteसही बात है.
ReplyDeleteआदि के गिफ़्ट पर कोई और कैसे फ़ैसला कर सकता है.
अब कलर मिल गए है तो हो जाये दीवारों पर चित्रकारी शुरू
ReplyDeleteचादर, फ्रिज, दीवार, बाबा की व्हाईट शर्ट, मम्मू कू अलमारी...अहा!! अब तो सब रंगीन रंगीन करेगा हमारा बबुआ...सब कितने खुश हो जायेंगे, है न!!
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