पहले तो प्लानिंग थी की पापा ऑफिस जाते हुए आदि को स्कुल छोडेंगें और मम्मु आदि को स्कुल से वापस घर लाएगी... पर आदि को कंपनी देने के लिए प्लानिंग बदल दी गई.. अब मम्मु ही आदि को छोडती है और मम्मु ही आदि को स्कुल से घर लाती है...
स्कुल चलें हम... मम्मु के साथ टुक टुक में... |
मेरा स्कुल.. |
मिट्टी में खेलने की हसरत.. जी भर के.. |
और फुल मस्ती इस स्लाइडर पर..
और पार्क जैसे झूले भी स्कुल में.. |
और ये मेरे नए दोस्त...
अब ये न कहना की इतनी मस्त जगह है तो फिर जाने से रोता क्यूँ हूं?
कल शाम आदि से मिलने काजल अंकल आये थे... आदि ने खुब मस्ती की.. स्टंट किये.. और एन्जॉय किया..
वाह! वाह!
ReplyDeleteमन प्रसन्न हो गया.
स्कूल, यानी मौज मस्ती।
ReplyDelete--------
पॉल बाबा की जादुई शक्ति के राज़।
सावधान, आपकी प्रोफाइल आपके कमेंट्स खा रही है।
जीवनभर तो पढना ही है आदि .. अभी थोडे दिन मस्ती कर लो !!
ReplyDeleteपढाई और मस्त साथ-साथ..क्यों आदि.
ReplyDeletebahut majedaar school hai aadi ka ..:)
ReplyDeletebahut achchhe AADITYA
ReplyDeleteखूब खेलो, खूब पढ़ो...काजल अंकल के साथ क्या मस्ती की??
ReplyDeleteवाह! क्या स्कूल है आदि !
ReplyDeleteहमें तो तुम्हारी उम्र में पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाते थे मास्टर जी !
कित्ता बढ़िया स्कूल है जी ! इसे तो देख के ही मंझा आ गया :)
ReplyDelete@ रंजन मोहनोत , भला आपको एडिटर क्यों चाहिये बच्चे का ब्लॉग है बच्चे से वर्तनी की गलतियां हुईं तो क्या :)
बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDelete--
आप यहाँ तो गये ही नही हो-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/blog-post.html
आदि हमारे यहां इसे किंडर गार्डेन कह्ते है, बहुत अच्छा लगा आदि का स्कुल
ReplyDeletefull fun and frolic in school.
ReplyDeleteenjoyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyyy
Ali bhai,
ReplyDeleteIs blog ki chuninda posts ko ek pustak kaa rup dene ki yojana he. socha ki pustak main galtiyan rahana achcha Nahi lagega...
वाह आदि, दोस्ती ढंग से गाठियेगा।
ReplyDeleteगुड़... वेरी गुड़..
ReplyDeleteमुझे तो मजा आता है आदि के बारे में जानकार.
मैं तो उसकी एक-एक हरकत का दीवाना होता जा रहा हूं भाई.
सच कहूं तो असली ब्लाग तो मुझे आपका ही लगता है.
वाह..क्या स्कूल है आदि का...काश हमारा भी स्कूल वैसा ही होता ;)
ReplyDeleteऐसे ही मस्त रहो:)
खूब मजे है आदी के..
ReplyDelete(Facebook)
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं
इसे देखकर तो कानपुर का अपना कंगारू-किड्स स्कूल याद आ गया.
ReplyDeletewaaaaoooo
ReplyDeleteवह भई आदि, तुम्हें तो जैसा photos में देखा था उससे भी कहीं बढ़िया पाया...कल तक तो मुझे पता ही नहीं था कि इडली से कैसे मून और अम्ब्रेला बनाए जा सकते हैं :-))
.... थाईलैंड को फूलों और मुस्कुराहटों का देश बनाए रखने में शायद तुम्हारी सी ही प्रवृत्तियों का योगदान रहता आया है. ढेर सारा आशीर्वाद.
मेरी बेटी इस वर्ष नर्सरी में गई है आदि कि ये फोटो देख कर उसे और मुझे भी उसके प्लेग्रुप कि याद आ गई जब हमारे बच्चे दो घंटे स्कुल में बिताते थे और सारी मम्मिया बाहर बैठ कर गप्पे मारा करते थे दोनों के मौज थे |
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteआपकी चर्चा तो यहाँ भी है-
http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/07/2010.html
आदि ....अभी मेरी छुट्टिया चल रही है पर तुम्हारी स्कूल कि मस्ती देखकर लग रहा है बस आ जाऊ वह पर......
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