ये देखो मम्मु
ये देखो बाबा...
मैंने सेंडल पहने है...
कल सुबह स्कुल जाते समय आदि खुद ही अपने सेंडल पहन कर आ गया... और इतरा इतरा कर दिखाने लगा...
सेंडल तो पहन लिए... पर पेंट भी तो पहनना पडेगा? या ऐसे ही स्कुल जाने का इरादा है...
(आदि की स्कुल अच्छे से चल रही है... सुबह लगभग आराम से तैयार हो जाता है.... बातें करते करते घर से भी निकल जाता है.. पुरे रास्ते गप्पे लगाता है.. सड़क पर गाडियां देखता है... उनके कलर बताता है... पर जैसे ही स्कुल की गली में गाड़ी मुडती है... "मैं स्कुल नहीं जाएगा" कहना शुरू कर देता है.. स्कुल के बाहर गाड़ी रुकते है पुरे दम से रोता है.. "मैं स्कुल नहीं जाएगा".. रोते रोते ही मैडम/मैड की गोदी में चढ जाता है... मैडम बताती है की हमारे जाते ही रोना बंद कर स्कुल में खेलने लग जाता है.)
देखो, चढ्ढी के साथ सैंडल पहना दी। कम से कम हॉफपैन्ट तो रहता।
ReplyDelete@ प्रवीण जी..
ReplyDeleteकिसी ने नहीं पहनाई.. ये भाई खुद पहन कर आ गया...:)
वेरी गुड. लेकिन बायां बाएं व दायां दाएं पांव में ही पहनने की आदत पक्की करनी होगी :)
ReplyDeleteस्कुल के बाहर गाड़ी रुकते है पुरे दम से रोता है.. "मैं स्कुल नहीं जाएगा".. रोते रोते ही मैडम/मैड की गोदी में चढ जाता है... मैडम बताती है की हमारे जाते ही रोना बंद कर स्कुल में खेलने लग जाता है.)
ReplyDeleteअंत भला तो सब भला !!
भई, एक पाजामा और ले ले। मस्त मजा आया करेगा स्कूल में।
ReplyDeletewowww well done hero...
ReplyDeletelove ya
प्यार ...
ReplyDeleteसैंडिल देख लिए है भई ! अब तो पेंट पहन लो !!
ReplyDelete@ नीरज
पाजामा नहीं चलेगा क्योंकि पाजामा पहनने के बाद सैंडिल नहीं दिखेंगे :)
बहुत खूब नन्हे जी ......
ReplyDeleteसैंडिल तो बहुत सुन्दर पहन ली...:)
ReplyDeleteसैंडल का तो जवाब नहीं।
ReplyDelete………….
संसार की सबसे सुंदर आँखें।
बड़े-बड़े ब्लॉगर छक गये इस बार।
लगता है ज्यादा दिन माँ बापू को कष्ट नहीं देगा आदि ,अपने काम खुद करने लगा है ना :)
ReplyDeleteआदि भाई अब यह पेमपर भी बन्द कर दे पहनाने यार... बस चड्डी पहना कर ओर फ़िर पेंट निकर जो भी चाहो
ReplyDeleteसैंडल और नेकल दोनों प्याले हैं।
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