छुट्टियाँ मनाने एक दिन चंडीगढ़ से अमृतसर गए.. छुट्टियों के चक्कर में पापा शनिवार और रविवार सब भूल चुके थे... एक और शनिवार को शुक्रवार समझ रविवार को चंडीगढ़ जाने का प्लान बनाने लगे.. और अपने पुराने साथी डॉ राजेश से फोन कर अमृतसर जाने का प्लान बनाने लगे.. रात १० बजे उनसे बात करने पर पता चला की जिसे वो शुक्र समझ रहे थे वो शनि है.. और रवि तो कुछ ही घंटों बाद है.. फिर क्या था.. तुरंत अमृतसर जाने का प्लान बन गया.. और हम सुबह ६ बजे की वोल्वो पकड़ कर अमृतसर प्रस्थान कर गए.....
डॉ राजेश ने और डॉ अंजुमन ने हमारे घूमने की सारी व्यवस्था कर ली थी... और ब्रेकफास्ट करने के बाद हम पहुँच गए.. स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)..
और चीजों के साथ एक और मजेदार चीज देखी.. वो थी लंगर में रोटी बनाने की ये मशीन...
मम्मु ने भी रसोड़े में कुछ रोटी बना कर 'सेवा' की...
और फिर लंगर में प्रसादा...
स्वर्ण मंदिर के बाद हम गए.. जलियाँवाला बाग में...
यहीं चली थी गोलियाँ...
भारत माता की जय...
अरे वाह आदि ! बहुत दिनों बाद आया और सुबह सुबह स्वर्ण मंदिर के हमें भी दर्शन करा दिए साथ जलियांवाला बाग़ के शहीदों को याद कराते हुए बाघा सीमा के सुरक्षा प्रहरियों से भी मिलवा दिया
ReplyDeleteबड़े दिनों बाद दिखाई दिए आदि यार..
ReplyDeleteसब फोटो मस्त हैं...
अच्छा है..सब जगह घूम रहे हो :)
बहुत अच्छा :कभी समय मिले तो हम्रारे ब्लॉग //shiva12877.blogspot.com पर भी आयें /
ReplyDeleteओए आदि यार तु कहां चला गया था, हम तो तुझे रोज ढुढते थे यहां,ओर तु घुम भी आया सारा अमृत सर बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteआदि ठंड मे घूम रहे हो . जलियाबाला बाग जाने की मेरी भी बहुत इच्छा है
ReplyDeleteदिन भूल रहे हैं ! पापा को टेंशन हुई क्यों हुई आदि !
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