मेरे लिये वो किसी खिलौने से कम नहीं... जैसे दुसरे खिलौनों से खेलता हूँ वैसे ही बिट्टु के साथ भी..
पता नहीं अंकल आंटी क्यों बिट्टु को मुझसे बचाते रहते हैं.. मैं तो उसे पकडने की कोशिश ही करता हूँ.. कभी हाथ, कभी पैर.. और कभी मुँह..
हम दोनों खुब मस्ती करते है.. बिट्टु के खिलौनो से मैं भी खेलता हूँ... वैसे आप "भी" की जगह "ही" पढे़ तो भी ठीक है...
आंटी जिस कमरे में बिट्टु को ले जाती है मैं भी उसके पिछे हो लेता हूँ.. ना उसको सोने देता हूँ न खुद ही सोता हूँ..
बिट्टु के आने से एक प्यारा दोस्त मिल गया है.. मेरी साईज का.. है न?कैसी लगी मेरी नई दोस्त?
शरारत ऑफ द डे अंकल के पिछे पिछे किचन में चला गया.. और अपनी नकली हंसी से उन्हे सम्मोहित करने लगा.. अंकल भी मुझे हँसता देख खुश हो गये और मुझसे बात करने लगे.. फिर अचानक उनका ध्यान मेरे से हटा और मैने पलक झपकते ही टोमेटो केचअप की बोतल उठा ली..... बोलत एक लिटर वाली थी और पूरी भरी हुई थी.. इतनी भारी बोतल मुझसे कैसे उठती... और.. और.. और.. धड़ाम...... ये क्या बोतल गिर कर टुकडे़ टुकडे हो गई.. अंकल ने पलट कर देखा तो मैं हंस रहा था.. आदि इतनी शरारत चोट लग जाती तो? |
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aaditya ki baaten samajhne ki puri kshamta rakhne wala aapka dimaag zyada achchha laga
ReplyDeleteaadi hzaaron saal jiye
बहुत अच्छा आपको दोस्त मिल गई लेकिन उसके बाल मत खींचना और उसे काटना भी मत वरना अंकल आंटी बिट्टू को तुमसे दूर रखेंगे |
ReplyDeleteआदि आपकी दोस्त भी आपकी तरह ही प्यारी है
ReplyDeleteबेटा देख बिट्टू तेरे से छोटी है पर जब तुझसे तेरी उम्र से बडे दोस्त मिलेंगे तब वो तुझसे कैसे खेलेंगे? इसलिये बिट्टु को बिल्कुल प्यार से रखा कर.
ReplyDeleteऔर टमाटो केच अप की बोतळ फ़ोड दी वो अच्छा किया आखिर हमारा राष्ट्रिय उत्पादन बढाने मे तूने मदद की. कांच के टूकडों से खुद को बचाते हुये यह राष्ट्र सेवा किया कर.:)
रामराम.
अरे वाह, दोस्ती मुबारक हो।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत अच्छे, socialization यहीं से शुरू होता है.
ReplyDeleteये देखे प्यारी बिट्टु.. बिट्टु अभी ६ माह की है और भाग नहीं सकती... केवल पेट के बल सोती है..
ReplyDeleteअबे पलटू क्या इरादे है ? अभी से भगाने के चक्कर मै:)
बेटा बच्चे हमारे गुरु होते है, यह तुम ने बोतल तोड कर सिद्ध कर दिया, लेकिन मजा आया कि हमारा पलटू बु्द्धु नही मास्टर है मास्टर.
बहुत बहुत प्यार बेटा, लेकिन कांच से बच कर रहना
बहुत शरारती हो प्यारे! :)
ReplyDeleteओये हीरो अभी ये दोस्त छोटी है तो जरा ध्यान रखना उसको भी चोट न लगे हाँ......ज्यादा शरारत नहीं ओके...
ReplyDeletelove ya
ये बढ़िया रहा-एक दोस्त मिल गई. खूब खेलो बिट्टू के साथ मगर काँच की बोतल-अगर चोट लग जाती तो भूल जाते सारे नकली हँसी-जरा संभल कर. इत्ती बदमाशी नहीं करते.
ReplyDeleteकांच के टुकड़ों में
ReplyDeleteछवियां नहीं तलाशी
फिर तो जाओ काशी।
आदित्य और बिट्टु की जोड़ी बहुत अच्छी है।
ReplyDeleteआदि, आपकी दोस्त बहुत प्यारी है.
ReplyDeletebadhiya hai.. apne barabar ka dost mil hi gaya Adi ko.. :)
ReplyDeleteबिट्टू प्यारे, जमाए रहो...! धीरे-धीरे बिट्टू भी तुम्हारी जैसी सयानी हो जाएगी।
ReplyDeleteभूल सुधार: सम्बोधन ‘आदित्य’ को था बिट्टू को नहीं।
ReplyDeleteभई तुम्हारी फ़ोटू खिंचवाने की इश्टाइल हमें बहुत पसंद आई !
ReplyDeletedost milne ki badhi ho aadi
ReplyDeleteबहुत प्यारी दोस्त है आपकी .बिलकुल आपके जैसी खूब खेलो और शरारत ऐसी मत करो कि कि लग जाए आपको :)
ReplyDeleteआदि तुम्हारी दोस्त तो बहुत ही प्यारी है!
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