कभी देखा है एसा शेर जो खुद पिंजरे में आता हो? ये शेर अपनी मर्जी से पिंजरे में आता है और अपनी मर्जी से बाहर भी निकलता है..
शशि आंटी* के घर पर एक बड़ा सा स्टूल है.. बिल्कुल मेरे साईज का.... और घूमते घूमते मुझे इसमें जाना बहुत पसंद है.. और कल तो बहाना भी मिल गया... मेरी बॉल उसमें चली गई थी न?
और इसमें बॉल से खेलने का मजा़ और है... कितना भी मारो वहीं की वहीं रहती है.... पिछे नहीं घूमता पड़ता...
और ये डण्डा पकड़ खो खो कर सबको डराने के भी मजे है....
बहुत हुआ भाई अब तो बाहर आ जाओ....
लो आ गये!! अपनी मर्जी के मालिक..
(*शशि आंटी - पापा मम्मी जब ऑफिस जाते है तो मैं इनके पास ही रहता हूँ)
आदि शरारतों में तुम्हारा जवाब नहीं....
ReplyDeleteनीरज
बाप रे!! ये शेर तो बाहर निकल आया..काटेगा तो नहीं? हम तो डर गये भई.
ReplyDeleteआदि तुम्हारा तो जवाब नही।
ReplyDeleteतुम्हारे इतने अच्छे चित्र खींचने के लिए,
छायाकार को बधाई।
आदि तुम टिक कर नहीं बठ सकते क्या आगे भी एक दिन तुम स्टूल पर चढ रहे थे आज नीचे घुस गये चलो कर लो बेटा शरारतें ये चार दिन ही हैं फिर तो पापा एक भारी सा बैग कँधे पर लटका देंगे फिर बनोगे बच्चू हा हा हा आशीर्वाद हमेशा खुश रहो
ReplyDeleteआदि तुम टिक कर नहीं बठ सकते क्या आगे भी एक दिन तुम स्टूल पर चढ रहे थे आज नीचे घुस गये चलो कर लो बेटा शरारतें ये चार दिन ही हैं फिर तो पापा एक भारी सा बैग कँधे पर लटका देंगे फिर बनोगे बच्चू हा हा हा आशीर्वाद हमेशा खुश रहो
ReplyDeleteअब बतायो ऐसे शेर पे प्यार क्यों आता है ?
ReplyDeleteSher To Bahut Hi Pyaara Hai...
ReplyDeleteअरे भाई यह खुला शेर किस का है, अरे अरे पकडो भी इसे.... अरे यह तो हमारा प्यारा प्यारा पलटू राजा है...
ReplyDeleteबहुत प्यार बेटे
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
. हमें तो डर लगता है. शेर बाहर हुआ और पिंजरा गिरा
ReplyDeleteअरे शेर भाई मुझे मत काट खाना.. मैं तो तुम्हारा सेकेरेट्री हूं.:)शिकार का नाम पता तो मैं ही बताऊंगा ना..बस उसी को काट खाना.:)
ReplyDeleteरामराम.
आदि यही तो बाल सुलभ शरारते होती है खूब खेलो और शरारते करो ! इनसे तुम्हारे साथ साथ सभी को मजा आता है |
ReplyDeletevery nice pics....
ReplyDeleteपिंजरा बडा प्यारा, उसमे बन्द शेर भी प्यारा
ReplyDeletewah Sherkhan wah... :)
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