Wednesday, May 27, 2009

खुद ही छुपा लो.. खुद ही ढुढ लो..

आदि नये नये खेल करने लगा है.. अपनी प्लेट खुद ही छुपाता और फिर उसे ढुढने का प्रयास करता है.... उसकी ये क्रिडायें देख सारी थकान छुमंतर हो जाती है..

ये देखो मेरी प्लेट..
और ये हो गई गायब..
जरा देखें तो है कहां?

और निचे देखना होगा...
नहीं मिली... आपने देखी क्या?
कैसी लगी ये शरारत? जरुर बताना... 

18 comments:

  1. वाह बेटा..कभी सोचता हूँ एक बार फिर यह मासूम शरारत कर पाऊँ..मगर तुमको करता देख कहीं एक तसल्ली सी हो जाती है..खूब खेलो ऐसे खेल!!!

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  2. वाह आदि उस्ताद छुपा छुपी खेल रहे हो और वो भी अकेले, पापा मम्मी को पकड़ के लाओ और उनके साथ खेलो

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  3. बहुत अच्छा बेटा...सीख लो फ़िर मम्मी पापा के साथ खेलना और थका डालना उनको..

    रामराम.

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  4. अच्छा है.. पापा मम्मी की थकान दूर करते हो.. पर ये क्या बात है आदि? हमेशा पापा ही पोस्ट करते है तुम्हारी बाते.. कुछ मम्मी से भी लिखवाओ भई..

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  5. वैसे ज्यादर तो मैं अपनी पोस्ट खुद ही लिखता हूँ.. कभी कभी पापा लिख लेते है...

    वैसे जब पापा दिल्ली में होते है तो मम्मी-पापा मिल कर पोस्ट लिखते हैं...ये उनका सोचना है बाकी सारा मेटर तो में ही देता हूँ..

    मम्मी से कहुँगा एक पोस्ट वो खुद लिखे..

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  6. आप इसे शरारत क्यों कह रहे हैं?
    आदि वैज्ञानिक प्रयोग करके देख रहा है!

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  7. शैतानियां बढती जा रही हैं। अच्छा है।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  8. ीआदि केसे हो बहुत शरारत करने लगे हो क्या खाते पीते नहीं कम्जोर हो रहे हो शरारतों के साथ 2 खूब खाया करो आशिर्वाद्

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  9. Intersting Probably might end up in CBI

    (one facebook)

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  10. पलटू यार तुम तो पुरे जादुगर बन गये हो , अगली बार आया तो तुम से कुछ जादू जरुर सीखूगां , ओर कपिला आंटी की बात पर भी ध्यान दो.
    प्यार, बहुत सा प्यार हमारे पलटू बाबा को

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  11. वाह उस्ताद जादू :)

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  12. बहुत प्यारी लगी ये शरारत :) तुम तो जादूगर हो गए हो आदि!

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  13. vaah.. hamara Hero Hiralal to Jadoogar bhi ban gaya hai.. :)

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  14. बहुत अच्छा.....खूब शरारते करो ! यही दिन शरारते करने के !

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  15. "ओफ्फो..ऐसे छुपोगे तो कोई ढूंढ़ना कैसे शुरू करेगा भई.."

    (on facebook)

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  16. बढ़िया खूब मज़े करो . और मै भी सिखाऊंगा तुम्हे शेतानिया आखिर मास्टर हूँ इन सब में

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  17. याद है आता वो अतीत
    जब हम भी ऐसा करते थे,
    आज ये आँखे खुश होती है
    देख के बचपन की हरकत को.

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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