दम लगायेगें!!
जोर लगायेगें!!
अलमारी हिला देगें हम!!
अलमारी खोलने में बहुत मजा आता है.... .. दिलचस्पी अलमारी में रखी चीजों में नहीं है, मजा अलमारी खोलने की प्रक्रिया में है.. डेढ मिनिट का ये विडियो आपको चहरे के कई भाव स्पष्ट रुप से दिखायेगा... जैसे अलमारी न खुलने पर गुस्सा, अप्रसन्नता, रोष और मदद की पुकार करना... अलमारी खुलने पर प्रसन्नता जाहिर करना, और अलमारी खोलने के लिये नई तरकिबें लगाना... देखिये और बताइये कैसा लगा आपको ये विडियो...
हमें तो मजा आ रहा है आदि की शरारत में..आपकी आप जानो कि कैसे मैनेज करोगे. :)
ReplyDeleteबहुत सही बेटा...रो रो कर तो मनवा ही लोगे अपनी बात!!
देखा आदि..खडे होने के फ़ायदे? अभी तो आगे आगे और कितनी ही उत्सुकताएं जागेंगी. लगा रह..हम भी तेरे मजे ले रहे हैं.:)
ReplyDeleteरामराम.
बहुत बढ़िया ! ऐसे ही जोर और तरकीब लगाते रहो कामयाबी जरुर मिलेगी !
ReplyDeleteलगे रहो प्यारे! कभी देश की जड़ता भी हिलाओगे!
ReplyDeleteऐसे ही हिलाने की प्रैक्टिस करो .. और बडे होकर ज्ञानदत्त पांडेय जी की बात को याद रखना .. शुभकामनाएं।
ReplyDeleteयह बात भूलना मत बेटे..
ReplyDeleteमानव जब जोड़ लगाता है,
पत्थर पानी बन जाता है..
वीर तुम बढे चलो....धीर तुम बढे चलो......
ReplyDeleteआदि की बातो से आपने जो अपना ब्लॉग सजाया है वो सहरानीय है . भाई हमको तो मजा आ गया . फर्क इतना है की आप आदि की बातो से हमको कुछ सन्देश देना चाहते हो और मैं अपनी बातो को गुफ्तगू के माध्यम से पेश करता हूँ . आपका भी स्वागत है . www.gooftgu.blogspot.com
ReplyDeletekeep it up.....
ReplyDelete"mission impossible" successfully made possible:)
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