ये देखो न पापा मम्मी मेरे खिलौने कहाँ रख देते है? मेरा हाथ भी नहीं पहुँच सकता है इतना ऊपर तक... कितनी कोशिश करनी पड़ती है और ताकत लगानी पड़ती है.. अब पापा मम्मी तो संमझते नहीं न?
और एसे बात नहीं बने तो पंजे पर खडे़ होकर भी कोशीश करनी पड़ती है, और साथ में एक चीख... (आंईईईई............) अगर कोई सुन ले...
ना सुने तो खुद ही चढ़ लो...आखिर है ही कितना ऊपर..:)
वैसे आपका ये भ्रम दूर कर दूँ कि मेरी रुची खिलौनों में है.... वो तो एक बहाना है... वहां रखे ताले, चाबी, पेन, पेचकस.. वगैरह मुझे ज्यादा आकर्षित करतें हैं....
काश मै जानता होता कि आपका घर किधर है तो आकर आपका मदद करता....बहुत सुन्दर्
ReplyDeleteमम्मी पापा तुमको सिखा रहे हैं की जीवन में अपनी पसंद की चीजें आसानी से नहीं मिलती...समझा करो आदि जनाब.
ReplyDeleteनीरज
खिलौने तक पहुचने के लम्बाई बढानी पडेगी, जिसमे अभी समय है, तो पापा से मागना पडेगा ।
ReplyDeleteहां वो तो तेरी कारगुजारियां हमको पता ही चल गई हैं कि तू अब बडा हो चला है और खिलोनों की बजाये अब पेचकश पाने तुझको ज्यादा आकर्षित करते हैं.
ReplyDeleteपहले मैं भी ऐसा ही करती थी. पर मेरा नाम मत लेना, ला तेरा कान इधर ला..चुपचाप सुन..एक प्लास्टिक की बाल्टी ला कर यहां औंधी रख कर उस पर चढ जा..और उसपर से टेबल पर...मैं तो सिआ ही करती हूं.:)
देख आदि मेरा नाम लिया तो अगली बार कोई टिप नही दूंगी.:)
हां वो तो तेरी कारगुजारियां हमको पता ही चल गई हैं कि तू अब बडा हो चला है और खिलोनों की बजाये अब पेचकश पाने तुझको ज्यादा आकर्षित करते हैं.
ReplyDeleteपहले मैं भी ऐसा ही करती थी. पर मेरा नाम मत लेना, ला तेरा कान इधर ला..चुपचाप सुन..एक प्लास्टिक की बाल्टी ला कर यहां औंधी रख कर उस पर चढ जा..और उसपर से टेबल पर...मैं तो सिआ ही करती हूं.:)
देख आदि मेरा नाम लिया तो अगली बार कोई टिप नही दूंगी.:)
बस कुछ दिन और फिर आप यहाँ तक पहुँच जायेंगे ...कोशिश जारी रखे पर ध्यान से :)
ReplyDeleteअरे पलटू तु इस राम्प्यारी कॊ घर ले आ यह तेरी मदद करेगी, ओर हां पिछले दिनो तुम ने एक छोटा सा स्टूल दिखाया था, वो कहां है यार...
ReplyDeleteप्यार प्यार
वाह बेता कई दिन बाद देखा है अरे तुम तो बडे हो गये हो वह अब घर के सामान की खैर नहीं अधिक तोड फोड नहीं करना वैसे हर चीज़ की पहचान कर लोीआशीर्वाद जल्दी से बडे हो कर नानी के पास आ जाना
ReplyDeleteमम्मी पापा से कहो कि बस खेलूँगा-बदमाशी नहीं करुँगा-मिल जायेंगे खिलौने...वरना तो बस ईईईईईईईईईई करते रहो. :)
ReplyDeleteसही बात है भई, इत्ती परेशानी जो होती है।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Bahut hi badhiyan lekh hai. Ise dekhakar apney bachpan ki shaitaniyan yaad a gai. Vaisey kisi cheez ko pane k liye tab tak prayas karna chahiye jab tak vo mil na jae. So, carry on aditya! untill u get it :)
ReplyDeleteखिलौनों से ज्यादा टेक्नीकल चीजें पसंद आ रही हैं :) होनहार बिरवान के लक्षण दिख रहे हैं.
ReplyDeleteबहुत अच्छा ! प्रयास जारी रखो कामयाबी जरुर मिलेगी |
ReplyDeleteshaetani jindaWAAD ,
ReplyDeleteintzaar kuchh din aur sweetu
ReplyDeleteझुंझलाहट और खीझ के बीच मुस्कान फंस कर रह गयी.. बाकी तो सब ठीक ही है।
ReplyDeleteबेटे यह एक साजिश है. तुम्हारे पापा मम्मी चाहते हैं कि तुम जल्दी से बड़े हो जावो. मेरी मनो तो बेकार मेहनत मत करो. जोरदार चिल्लाओ. झक मार कर तुम्हें सभी खिलौने दे देंगे. बताना नहीं कि हमने बताया है.नहीं तो बोलेंगे कि हमारे बच्चे को बिगाड़ रहे हो.
ReplyDeleteजल्दी से बड़े हो जाओ बेटा।
ReplyDeleteइस लिये क्युकी हम तुम्हारे मम्मी पापा हैं . चुप
ReplyDeleteरहो अगर ब्लॉग जगत मे हमारी शिकयात करोगे
तो लोग हमको डाट पिलायेगे , क्या तुम ऐसा
सोचते हो ?? देखो किसी नए नहीं डाटा , समीर
ताउजी नए भी नहीं . इस लिये अब शोर मत
मचाओ हम तुम्हारे मम्मी पापा हैं और ब्लॉग
जगत हमारे साथ हैं .
नहीं आदि बेटा ऐसा नहीं हैं , मे तुम्हारे साथ हूँ
और रंजन तुंरत आदि को खिलोने उतार के दो
वर्ना गूगल से शिकायत करके तुमको बाल
क्षम आयोग के कानून के तहत सजा दिलवाई
जायेगी कितना लिखवाते हो ब्लॉग तुम आदि बेटा से
आदि तुंरत पोस्ट लिख कर बातो पापा और मम्मी
पर मेरी बातो का कुछ असर हुआ या नहीं
with lots of love
Rachna
Very unfair of Papa and Mommy...
ReplyDelete(on facebook)
बहुत बुरी बात है, लगता है आज पापा और मम्मी को डाँटना पड़ेगा। हमारे छोटे से आदि को परेशान करते हैं!!
ReplyDelete:)
beta jara mummy papa ko kissi kar do saare khilone aapki god me aa jayenge ..........kar ke to dekho
ReplyDeletepyaar ke saath
bhavna