Sunday, December 27, 2009

क्रिसमस फेस्टिवल

शुक्रवार को हम बाल भारती स्कूल में क्रिसमस फेस्टिवल में गए...  दादा-दादी और पापा-मम्मी के साथ... ज्यादा कुछ नहीं बस ये तस्वीरें देखिये...

मम्मी के साथ गोल गोल घूमने वाला झूला..




ये छुक छुक ट्रेन..





ये दादी की बिंदी..




मेले में जाए और बेलून न लाये...


घर पर.. बेलून ऊपर.. आदि नीचे..






शरारत ऑफ द डे
पापा के 'लेपटाप' पर अब आदि की नजर है... आदि को लेपटाप पर जू जू देखने होते है.. तो ब्लॉग पर आपको नए पोस्ट नहीं मिले तो समझियेगा की आदि जू जू देख रहा है.... 


Tuesday, December 22, 2009

जू जू मेरी नई पसंद...

इन दिनों कार्टून से लगाव हो गया है.. और कार्टून नेटवर्क पर टॉम और जैरी भी पसंद आने लगे है..  कभी टीवी चलवाकर भी कार्टून देखे जाते है..  ये कार्टून देखते देखते बीच बीच में आने वाले जू जू से कुछ ज्यादा ही प्यार हो गया..  और ये बेकरारी ऐसी बढ़ी की मुख्य कार्यक्रम भी बेकार लगाने लगा और नॉन स्टॉप जू जू की डिमांड होने लगी..  हमेशा आने वाले ये विज्ञापन पता नहीं क्यों नहीं आ रहे थे.. और मेरी बेकरारी बढाती ही जा रही थी.. इन्तजार और बेकरारी देखीये इस वीडियो में...



और जब काफी देर तक कोई बात नहीं बनी तो पापा ने अपना लेपटाप ऑन किया और यू ट्यूब पर जू जू का ये वीडियो दिखाया.. और तब से अब तक करीब दस बार देख चुका हूँ इसे में..

ये जू जू के प्रोग्राम टीवी पर क्यों नहीं आते?
आपको पसंद है जू जू..

Monday, December 21, 2009

इसी को कहते है.."कलेजा मुंह को आना"

कल मम्मी से वीडियो चेट किया. "स्काइपे पर"... बहुत देर तक मम्मी से बात की.. साथ में चाचा चाची और "भ" भी था.... और आज सुबह मम्मी का फोन आया... तो फिर मम्मी से बात कर ली..

हेलो मम्मु!!








मेरी आवाज आ रही है.. जल्दी आओ!!





शरारत ऑफ द डे
शाम को बाबा अपना खाना लेकर आये.. प्लेट में गरम गरम चावल थे.. मैंने आव देखा न ताव खाना खान करके अपना बायाँ हाथ गरम गरम चावल में दे मारा.. और मेरी रुलाई शुरू.. बाबा एकदम हक्के बक्के.. तुरंत मेरा हाथ नल के नीचे लगाया... फिर हाथ ठन्डे पानी से भरे मग में दाल दिया.. मेरा रोना अब भी बंद नहीं हुआ.. लेकिन बाबा को अब तक समझ आ गया की मेरा हाथ जला नहीं है.. फिर एक गीले नेपकिन में हाथ लपेट कर हम गैलेरी में मेट्रो और भो भो देखने गए... पांच मिनिट बाद वापस आये तो मेरी मुस्कान भी वापस आ गई थी... इसी को कहते है.. "कलेजा मुंह को आना' 

Saturday, December 19, 2009

छुक छुक ... ऊउऊ.........

मेट्रो में गए बहुत दिन हो गए.. बहुत दिनों से दूर से ही देखता हूँ...  कल बाबा ने मन बनाया की चलो आदि को मेट्रो में घुमा कर लाते है..  फिर क्या बाबा ने मुझे तैयार किया.. और एक सुन्दर सी पोनी भी बना दी...



फिर हम पहुच गए सेक्टर १३ के मेट्रो स्टेशन पर.. सुरक्षा जाँच करवाई..  और चले प्लेटफार्म पर..  कुछ देर बाद  आई मेट्रो में हम सवार हो गए...


और शुरू हो गया आदि... छुक छुक ऊउऊ..........


मेट्रो में ज्यादा लोग नहीं थे.. पर जो थे वो मुझसे हेलो करने और स्माइल करने से नहीं चुके..

पसंद आया..

Friday, December 18, 2009

आदि चला ''हट'' में..

पापा "ओ (ऑरेंज)" और यम यम देकर किचन में चले गए.. कुछ देर बाद आकार देखा तो आदि गायब.. पापा ने आवाज लगाईं "आदि.." और हट में से आवाज आई "क्या".. अरे आदि तो अपनी हट में चला गया.



पर आदि हट से बाहर क्यों आ रहे हो?


देखो.. पापा ने फोटो लेने के चक्कर में मेरे "हट" का पर्दा ऊपर कर दिया..  ठीक करना पड़ेगा..


अब चलो फिर से हट में..


अब आयेगा मजा खाने का..


और खाने के साथ ताब ताब पढाने की अदा..


पसंद आया....

Thursday, December 17, 2009

चवनप्रास

चवनप्रास मेरी पसंदीदा चीजों में है.. मम्मी कहती है की सर्दी में चवनप्रास खाने से सेहत मस्त रहती है.. खांसी जुकाम भी कोसों दूर रहते है..  अब जब इतने फायदे है तो ट्राई करने में क्या हर्ज है..








पसंद आया..


Wednesday, December 16, 2009

पो पो भी खायेगा यम यम

यम यम मिली तो पो पो (हिप्पोपोटोमस) को भी खिला दी.. डर की कोई बात नहीं.. बहुत आसान है.. पो पो को पकड़ो.. और यम यम मुँह में डाल दो.. सिखाना है तो ये फोटो है..









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Tuesday, December 15, 2009

आदि के साथ रविवार..

हालांकि आदि मेरे साथ पहले भी दो तीन बार रह चुका है पर इस बार में ज्यादा घबराया हुआ था.. अब आदि समझने लगा है और अपनी पसंद और नापसंद को हर तरह से (रो कर, जिद करके) जाहिर भी करता है.. पता नहीं आदि कैसे रहेगा. मम्मी मम्मी तो नहीं करेगा.. वगैरह वगैरह.. पर आदि के साथ पहला दिन इतना अच्छा गुजरा की साड़ी चिन्ताए दूर हो गई..
सुबह आदि करीब नौ बजे उठा और जोर से आवाज लगाईं... "मम्मा, बाबा" वैसे अक्सर वो मम्मी को ही बुलाता है.. पर कल दोनों को साथ साथ बुलाया जैसे उसे पता हो की मम्मी चली गई है.. या जो भी आस पास सुन रहा हो मेरे पास आ जाओ.. ये सुन कर भगा भागा आदि के पास गया.. और उसका मुस्कराता चेहरा देख खुश हो गया..
फिर शुरू हो गया आदि के फरमाइशो का दौर..  पहले यम यम.. (खाने की मीठी चीज), फिर साइकल, साइकल की घंटी खराब थी.. "बाबा बाबा.." आवाज लगाई और घंटी ठीक करके दी.... कुछ देर बाद बारी आई टेंट की.. वो भी लगा..  बस इसी तरह खेलते खेलते पूरा दिन निकल गया..
शाम को आदि को लेकर मार्केट गए.. यम यम का कोटा ख़त्म हो रहा था... तो वो भी लाना जरुरी था.. रास्ते में बैलून देखे तो वो भी ले लिए.. कार वाला झुला भी झुलाया.. और फिर साबुन के बुलबुले बनाने वाला भी ले आये..  तो कुल मिला कर आदि के साथ पहला दिन शानदार रहा.. और शाम होते होते चिंता छूमंतर हो गई...


Sunday, December 13, 2009

Happy Sunday!!



रविवार शुभ हो!!
मस्ती भरा हो!!
मेरा भी!!
और
आपका भी!!
"Happy Sunday"




पसंद आया!!



मम्मी मुंबई जा रही है आज.. एक दो दिन के लिए नहीं..पुरे १२ दिनों के लिए... मम्मी को MPS (Masters in Population Sciences) की परीक्षा देने.. परीक्षा है तो में तो साथ नहीं जा सकता न... तो मैं और बाबा घर में खूब धमाल मचाने वाले है...

Saturday, December 12, 2009

आमने सामने

"बाबा" के चश्मे पर जैसे ही मेरी नजर पड़ी मैंने उसे अपना समझ के हक़ जता दिया.. और एक बार में हक़ जता दूँ फिर तो लेकर ही मानता हूँ.....  हीरो लग रहा हूँ न मैं...




आँखों पर चढाने की कोशिश की जाए..


अरे आप देख रहे हैं न?


अब ज़रा कॉच में भी नजर डाल ली जाए..


अब बताओ लग रहा हूँ न समीर अंकल जैसा!!

आमने - सामने

पसंद आया..

Friday, December 11, 2009

जादू!!

ये देखो.. जादू.. मेरा मतलब है जादू का शो..कल बताया था ना की बिट्टू की बर्डे पार्टी में मेजिक शो हुआ था..  देखिए उसी की झलकियाँ इस फोटो शो में..



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Thursday, December 10, 2009

बी बर्डे….

रविवार को बी का बर्डे था.. बी यानी “बिट्टु”.. बिट्टु मेरी बेस्ट फेंड..  ये पहला बर्डे था जब मुझे बुलाया गया था.. मम्मी पापा के साथ… और ये पहला बर्डे था जब मैं पुरे शबाब में था.. फूल मस्ती में..  स्नेक्स खाये, कोल्ड ड्रिंक पी, डांस किया, बैलुन से खेला, केक खाया.. और खाना तो खाया ही...

और हां magic show भी देखा..

देखिये कुछ तस्विरें “बी” के जन्मदिन की..




magic show की तस्विरें अगली पोस्ट में…

पसंद आया!!

* बी बर्डे शीर्षक इसलिए.. क्योंकि में पुरे सप्ताह "हैप्पी बर्थ डे बिट्टू" की जगह "बी बर्डे" बोलता रहा..

Tuesday, December 8, 2009

मेरी बगियाँ...

मम्मी ने  टेरस पर एक छोटी सी बगियाँ बनाई है.. हमारी बगियाँ में बहुत प्यारे प्यारे फूल भी खिले है.... आओ मेरे साथ आप भी ताजा हवा का झोंका ले लीजिये..


मुझे मजा आता है अपने हाथों से फूलों को छूना..


ये है मेरी बगियाँ के फूल..



पकड़ लो इन सबको...


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शरारत ऑफ द डे
वैसे तो में पौधों को पानी मम्मी के साथ ही देता हूँ.. पर अब में खुद पानी देना सिख गया हूँ..  परसों मम्मी पापा हैरान हो गए.. जब में बाथरूम से खुद ही पानी से भरी बाल्टी और मग लेकर टेरस पर पहुँच गया.. और अपने नन्हे नन्हे हाथों से पौधों को पानी देने लगा.. वो भी बिलकुल सही तरीके से..  

*** तिहरा शतक ***
आपसे बातें करते करते १७ माह का यह सफर आज ३०० वीं पायदान पर पहुँच गया... इस सफर में साथ देने के लिए आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया..
धन्यवाद!!!  

Monday, December 7, 2009

वाह बाबु क्या ठाठ है..

सोफा, कुशन, काजु सब मिल जाये तो... फोटो देखिए और देखिए आची क्या कर रहा है.. कँहा देख रहा हूँ..



एक काजू और उठा लो...


हाथ डब्बे में और नजर.. अरे वो ही तो आपको सोचना है..


इतना मगन.. अरे ये काजू कहाँ चले गए.. लगता है हाथ गलत जगह पड़ गया..


अरे ये ताब ताब कहाँ से आ गई..


पता चला.. ये देखो इस तस्वीर में... बाबू ठाठ से टीवी देख रहा है..



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Sunday, December 6, 2009

ये पानी हमेशा मुझ पर ही क्यों बरस रहा है..

मम्मी को कॉलिन से स्प्रे करते देख मैंने भी कॉलिन की मांग कर डाली.. कॉलिन मिलना आसान नहीं था... तो मैंने भी हठ पकड़ ली.. और उसका नतीजा ये हुआ की मम्मी ने स्प्रे बोतल में साफ पानी डाल मुझे पकड़ा दी.. फिर क्या था मैंने भी स्प्रे शुरू कर दिया.. पर ये क्या ये पानी तो हमेशा मुझ पर ही बरस रहा था.. देखो ये वीडियो और बताओ कोई उपाय..


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Friday, December 4, 2009

पकड़ सकते हो!!

ये मेरा पसंदीदा खेल है.. कभी बाबा के साथ तो कभी मम्मी के साथ.. खूब खेलते है पुरे जोश और मस्ती के साथ.. बाबा थक जाते है पर 'आची' नहीं.. २ मिनिट का ये वीडियो देखिए और बताइये आप पकड़ेगें मुझे..


कैसा लगा?

Wednesday, December 2, 2009

बाबु ये तो गिरने वाली हरकत है...

टेबल हल्की है और मेरे खेलने के लिये perfect..  जब मुड़ होता है इसे पल्टी मार कर खेलना शुरु.. आदि बाबु एसे दम लगाओगे तो गिर जाओगे.. जरा संभल के मेरे दोस्त..





डांट लगाओ आदि को आज...

Monday, November 30, 2009

चिडियाघर घूमें मेरे साथ

किताबों में तो मैने बहुत सारे Animals देखें थे और शेर के जैसे आवाज लगा कर सभी को डराना भी सीख लिया.. पर असली के Animals तो बहुत कम ही देखे थे.. और जो मजा असली में देखने का है वो मजा फोटो में कहां..  आजकल पापा बहुत मेहरबान है…. कल मुझे और मम्मी को लेकर चिडियाघर गये... और वहां पर मैने बहुत सारे animals देखे.. बहुत मजे किये..

मुझे पता है आप बहुत दिनों से चिडियाघर नहीं गये हो.. तो कुछ फोटो आपके लिये ले आया हूँ.. फोटो देख लें पर असली मजा तो वहीं जाकर देखने में है..

सैर की शुरुआत हुई बत्तख देख कर.. और उसके बाद तो बहुत सारे birds और animals.. 
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ये है सफेद मोर..

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ये है हिरन..

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और ये है सफेद हिरन..
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ये सुन्दर पक्षी कौन है.. मम्मी बताओ जऱा


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ये तो दरियाई घोड़ा है..

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ये बन्दर..

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वहां देखो कौन है…. दिख रहा है… होSSSSS

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ये रहा शेर…..
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वो देखो बाबा “मगरमच्छ”

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ओर ये भालू तो सो रहा है…
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ये तेंदुआ


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बाबा ऊधर देखो!!! वो क्या है?

aaditya ranjan-11292009_0719 e सफेद शेर

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घूम लिये न पूरा चिडियाघर.. पर आप सोच रहे होगें इतना बड़ा चिडियाघर आदि कैसे घूमा होगा.. थक गया होगा न.. ? अरे मैं पैदल थोड़ी न घूमा.. ये देखो.. चिडियाघर में घूमने के लिये एक कार भी थी…
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और कार से उतर कर.. “बाबा”

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वैसे तो बहुत मजा आया पर वहाँ थोडी सी.. बू.. आ रही थी.. कोई बात नहीं.. नाक बंद कर सकते है… aaditya ranjan-11292009_0778 eऔर अगर आपको घूमना है तो ये रहा नक्शा…

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पसंद आया?


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