Wednesday, September 22, 2010

बत्तख पकड़ो !!

मम्मा मेरे लिए काँटा और बत्तख लाई....  मैं चला बत्तख पकडने... 





है न बिल्कुल अहिंसक तरीका...

14 comments:

  1. लगे रहिये खुटर पुटर में अहिंसक तरीके से .........गणपति बब्बा मोरया

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  2. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

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  3. तुम यहाँ बत्तख पकड़ रहे हो
    और यहाँ तुम्हारी जलेबियाँ कितने लोग उड़ाकर ले गए!
    मन को भाने नए दोस्तों का दिन आया : सरस चर्चा (14)

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  4. हाँ ये तो बड़ा मज़ेदार गेम खेल रहे हो ....
    नन्ही ब्लॉगर
    अनुष्का

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  5. पीली वाली तो पकड़ में नहीं आई!

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  6. पकड़ो..पकड़ो...!! सारी पकड़ लो.. :)

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  7. सही में बिलकुल अहिंसक खेल , प्रेरणादायक

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  8. बहुत खूब मज़े करो। आशीर्वाद।

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  9. aaj hame hasa rahe ho kal bare hokar jab ye dekhoge to khud bina hase nahi rah paoge ....

    aur han yahan ki guarantee .... granted

    jio puttar.....

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  10. कभी हमारे पास आओगे तो अहिंसक तरीके से मछलियां पकडना सिखायेंगे बस उसी दिन हम तुमसे बतख पकडना सीख लेंगे :)

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  11. वाह बेटा वाह, अब सीधे मछली पकडने की तैयारी मत करने लगना.:) याद रहे अहिंसा परमो धर्म:.

    रामराम.

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  12. अरे अरे आदि क्या यार अग्रेजो का स्टाईल बना रखा है, देशी तरीका अपना कुद जा टब मै तो पकड ले एक ही बार मै सारी बत्त्खे:), बहुत सुंदर लग रहा है बेटा, यह खेल बहुत सुंदर है,लेकिन वो ही बत्तख पकडना जो शाका हारी हो.वेसे ताऊ जी आदि तोडे अहिंसा कर रहा हे, वो तो कांटा पकड रहा है बत्ख को, आदि ने तो बस कांटे को पकडा है ना.... अहिंसा परमो धर्म:.

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  13. अब बत्तख पकड़ने के साथ-साथ पढ़ना भी होगा!
    --
    आपकी पोस्ट की चर्चा तो यहाँ भी है!
    --
    http://mayankkhatima.blogspot.com/2010/09/18.html

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  14. वाह तो एक बत्तख पकड़ ही ली :) बड़ा ही मुश्किल काम रहा होगा ये तो :)

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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