Thursday, January 8, 2009

अब मैं इससे डरता नहीं हूँ!

छोटी बॉल से तो मैं बहुत खेलता हूँ, और पापा से एक मैच भी गया.. आपने देखा भी तो होगा न.. और उडन तश्तरी अंकल ने तो मुझे मैच के बीच फुटबाल टेस्ट करते हुऐ भी पकडा था.. पता है मेरे पास एक बड़ी बॉल भी है... बहुत बड़ी.. पर उससे तो मुझे बहुत डर लगता था.. अगर उसे कोई मेरे पास भी लाता तो मैं रोने लग जाता था.. पापा ने मेरा डर भगाने की कोशिश भी की पर.. ना बाबा ना..
मैं बडा़ हो गया हूँ . और अब मैं उस बॉल से बिल्कुल नहीं डरता हूँ.. ये तो अच्छी तरह से मेरी पकड़ में आ जाती है और मैं इससे बडे़ मजे से खेल सकता हूँ. अब कोई डर नहीं..



टोपी संभालु या बॉल?

कैसी लगी मेरी बातें?
मुझे follow करने के लिये यहाँ क्लिक करें!
मेरी बातें email से प्राप्त करने के लिये यहाँ क्लिक करें!!

18 comments:

  1. शाबाश ! ऐसे ही सभी डर छोडते जाओ !
    पर भाई तुम्हारा ब्लॉग खुलने में बहुत समय लेता है . रहम करो गरीबों पर :)

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद विवेक अंकल,

    आपकी सलाह पर तुरंत काम किया है, काफी विजे़ट हटा दिये है.. अब शायद कम समय ले...

    यदि अब भी ज्यादा समय ले रहा है तो जरुर बताना.. पापा से और मेहनत करवाऊगां

    ReplyDelete
  3. वाह..तुम तो बड़ा मस्‍त इंसान हो। अब तुम वाकई बड़े हो गए हो, निडर भी। जम के खेलो।

    ReplyDelete
  4. बहुत अच्छे..अंकल के रहते किसी से भी क्या डरना. जरा इसे भी टेस्ट करके तो बताना कि कैसी है? हा हा!!

    न्यू ईयर के न्यू खिलौना दिलवाकर देने को कहो मम्मी पापा को वरना रो रो कर हालाकान कर देना.

    ReplyDelete
  5. यार छोटू इतने दिनों से आ नही पाया तुमसे मिलने.. अब तो तुम काफ़ी बहादुर हो गये हो.. इसी तरह से डर मिटाते रहो.. जब बड़े हो जाओगे और हमारे कमेंट्स देखोगे अपनी ब्लॉग पर.. तब हमे भूलना नही..

    तुम्हारे पापा तुमसे बहुत प्यार करते है.. देखो तुम्हारे लिए कितना प्यारा ब्लॉग बनाया है.. याद रखना तुम्हारे पापा 'बेस्ट डैड' है..

    हा एक शिकायत मुझे भी है.. ब्लॉग देर से खुलता है.. चिंता मत करो.. तुम्हारे लिए जल्दी से एक अच्छा ले आउट ढूंड के देता हू..

    ReplyDelete
  6. आदित्य,
    डरो मत, क्योंकि डर के आगे जीत है.

    ReplyDelete
  7. भविष्य के फुटबाल स्टार का दर्शन कर धन्य हुआ!

    ReplyDelete
  8. वाह!
    ऐसे ही 'बाल क्रीड़ा' करते रहो. टोपी संभालना पहले सीखो. टोपी है तो बाल है. टोपी गई नहीं कि बालों में धूल-मेल जम जायेगी.

    ReplyDelete
  9. लगता है आजकल बहादुर हो गए हो ! बस ऐसे ही बहादुर और निडर बने रहो !

    ReplyDelete
  10. अबे पलटू, अकेले अकेले ही खेल रहे हो भाई, अरे यार सभी बच्चे डर जाते है , गुबारा फ़टने से भी तो डर लगता है ना, लेकिन एक दो बार ही फ़िर नही, चलो अब बाहदुर बन गये तुम तो.
    प्यार
    अब भी बांलाग खुलने मै बहुत देर लगती है जब की मेरा नेट तो बहुत तेज है,

    ReplyDelete
  11. हां तो भाई पल्टू दादा, खेलो मस्ती करो और मम्मी पापा को तंग करो पर तुम सर्दी से बच कर रहो. ठीक है?
    और खेलने के लिये ताऊ को भी बुला लिया करो कभी
    कभी.

    ReplyDelete
  12. अरे छोटे हो कहाँ तुम ?

    ठीक तो हो !

    ReplyDelete
  13. बेहद सुन्दर .

    ReplyDelete
  14. विवेक अंकल,

    मैं बिल्कुल अच्छा हूँ, चाचा की शादी के लिये जोधपुर गया हूँ.. जल्द ही आपको खबर देता हूँ..

    धन्यवाद,
    आदि..

    ReplyDelete
  15. और क्‍या, डरते तो डरपोक लोग हैं। और तुम तो राजा बेटा हो।

    ReplyDelete
  16. dear aaditya be bold and never afraid of anything except ur parents, cos they love u very much

    ReplyDelete
  17. मस्‍त रहो पर ठंड से थोड़ा जरूर डरना।

    ReplyDelete

कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

Related Posts with Thumbnails