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Thursday, January 22, 2009
शाम का इन्तजार..
शशि आंटीआपको को पता है कि दिन में मैं शशि आंटी के पास रहता हूँ.. पापा/मम्मी सुबह साढे़ आठ-नौ बजे ही मुझे शशि आंटी के पास छोड़ ऑफि़स चले जाते हैं.. और दिन में मैं उनके पास ही रहता हुँ, खाता हूँ, खेलता हूँ, मौसम अच्छा हो तो धूप में घूमने जाता हूँ.. और कभी कभी मंगलवार को किर्तन में भी चला जाता हूँ.. आंटी, अंकल, चाचा, चाची सभी मुझॆ बहुत प्यार करते है और मेरे साथ बहुत खेलते है.. और ऐसे ही पूरा दिन निकल जाता है.. इन्तजार रहता है शाम का जब छः बजे पापा मुझे लेने आते है.. और मैं उछल के पापा की गोद में चढ़ जाता हूँ.. और घर जाने के लिये मचलने लगता हूँ.. मैं और पापा घर पर बहुत मस्ती करते हैं, मम्मी के आने का इन्तजार करते करते... मेरी शाम का वो समय सबसे अच्छा होता है जब मम्मी ऑफिस से घर आती है... फिर क्या है.. मैं मम्मी की गोद में चला जाता हूँ.. मम्मी से लिपट कर अपनी ही भाषा में (हूँ - हूँ वाली) दिन भर की बातें बता देता हूँ..मम्मी के गले से लग इतनी प्यारी करता हूँ कि पापा भी इर्ष्या करने लगते है.. आदि भाई मैं भी तो ऑफिस से आता हूँ, तुम्हे प्यार करता हूँ पर तुम तो केवल मम्मी पर ही प्यार लुटाते हो? लेकिन वो भी मेरे और मम्मी की इन बातों का आनन्द लेते है..
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" आदि बडे शरारती हो गये हो आजकल....हाँ तुमाहरी प्यारी प्यारी हरकते हमारे तो मन को लुभाती है ऐसे ही हँसते खेलते रहो...."
ReplyDeleteLove ya
बेबी तुमसे कौन प्यार नहीं करना चाहेगा!
ReplyDelete---आपका हार्दिक स्वागत है
चाँद, बादल और शाम
पापा को भी प्यार से चिपक जाओ..तुम तो हो ही इत्ते प्यारे कि क्या बतायें. बहुत सुन्दर तस्वीरें.
ReplyDeleteSo u r very adjustable and clver baby. Good
ReplyDeleteभाई पूत के पांव पालणै म्ह ही दिखण लाग रे सैं. :)
ReplyDeleteaadi bahut smaart ho gaye ho bahut bahut ashirvaad
ReplyDeleteवाह भाई आदित्य मम्मी से तो बडा प्यार करते हो और अभी से कीर्तन भी सुनते हो ,बडे अच्छे बच्चे हो.
ReplyDeleteसही बात है, माँ के प्यार की तुलना नहीं की जा सकती। उसके लिए इंतजार करना पडता है, यह तो बडे दुख की बात है। पर किया भी क्या जासकता है।
ReplyDeleteवाह.. बिटवा को खुश देख कर दिल खुश हो गया.. पापा को ऐसे ही परेशां करते रहना.. कमेन्ट करने वाले अंकल आंटी की मत सुनना.. :)
ReplyDeleteआदि भाई,
ReplyDeleteमाँ तो माँ होती है. उसकी ममता ही अलग होती है.
टोपी पहनो भाई.....ठंडी बहुत है
ReplyDeleteमाँ के सामने पापा को तो सभी भूल जाते हैं . तुमने कुछ गलत नहीं किया . तुम्हारी सरकार को हमारी पार्टी का समर्थन है :)
ReplyDeleteअबे पलटू यार, बहुत अच्छा लगा है ना जब शाम को ममी पापा घर आते है, खुश रहो बेटा
ReplyDeleteबहुत प्यार