पहली कविता शिव कुमार मिश्रा की कलम से
अले, मेला हीलो हमांगा भी कलता है!
टोपी पहनकर बाला क्यूट लगता है
दूध और बिस्किट खाता है
स्मार्ट है
इसे तो सूजी की खीर और फल भी भाता है
पापा और मम्मी से मेहनत भी करवाता है
जब भी दीखता है, एक मुस्कान दे जाता है.
दूसरी कविता रावेंद्रकुमार रवि की कलम से
मेरे मन को भा गए अब तुम प्रिय आदित्य,
मन करता है - आज से देखूँ तुमको नित्य!
थेंक्यु अंकल..
आज मेरा मंथली बर्थडे है, अब मैं पूरे आठ माह का हो गया.. क्या कहा इस मौके पर आप मुझे गले लगाना चाहते हो? आप दूर हैं कोई बात नहीं e-hug है न? यहां click करें मुझे गले लगाने के लिये. .
मासिक जन्मदिन की हार्दिक बधाई बेटा ....
ReplyDeleteअदि की हर बात है न्यारी,
मुस्कान बिखेरे प्यारी प्यारी,
चंचल चंचल आंखों वाला,
बेपरवाह और मतवाला ,
सबके दिल को बहुत है भाता,
अपनी बाते जब वो सुनाता ..
"love ya'
baten to sab good hee hoti hain.
ReplyDeleteमुस्कान ही तो सबसे जरुरी है जिंदगी में. नारायण नारायण
ReplyDeleteदाता तुम पेर है आस्था
ReplyDeleteमेरी श्रादा का वास्ता
आदी को दिखाना रास्ता
उसका जीवन सफल हो
सिर्फ जन्मदिन ही नहीं
उसका हर पल उज्जवल हो
बहुत बढिया पल्टु राम जी। फ़टाफ़ट बडे हो जाओ और ताऊ की स्कूल मे भर्ती हो जाओ। तुम्हारे जैसे जन्मजात होनहार की जरुरत है ताऊ की स्कूळ में।
ReplyDeleteबहुत मुकद्दर वाले हो चिट्ठाजगत के लाडले आदि , अब दो और कविताये भी मिल गई |
ReplyDeleteसही कह रहे है रतन चाचा...
ReplyDeleteअबे पलटू अब तो खुब मस्ती कर रहा है, आज तो बहुत प्यारा लग रहा है बेटा,
ReplyDeleteप्यार
लो और आ गईं दो कविताएं . अब तो खुश ? और चाहिए तो बता देना शरमाने की जरूरत नहीं है . ऑन डिमाण्ड छाप देंगे ! कुछ स्पेशल चॉइस हो तो वह भी बता देना , मतलब रस छन्द अलंकार वगैरह वगैरह . हम से क्या शरमाना ? जहाँ फालतू लिखते रहते हैं वहाँ तुम्हारे लिए भी लिख देंगे . पर खुश रहो ! :)
ReplyDeleteबली प्याली प्याली कविताएं हैं।
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