पापा अपने हाथ मेरे सामने लाते है और कहते है "दे ताली".. फिर देखिये मैं पूरी ताकत से उनके हाथों पर अपने हाथ पटकता हूँ..और पापा खुश हो जाते हैं.. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे तालियाँ बजाते है..
अकेले में भी मैं दोनों हाथों से ताली बजाता हूँ.. और तो और कई बार ताली बजा बजा कर रोता हूँ.. है न मजेदार :)
आप सभी तो गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं!!
मुझे गले लगाने के लिये यहां click करें!
(आपकी प्रतिक्रिया मिली थी की मेरा ब्लोग खुलने में काफी समय लेता है, तो आज इसका हुलिया बदल दिया है.. (वैसे तो कुश अंकल भी नया हुलिया भेजने वाले हैं.. पर तब तक ये ही सही).. अगर अब भी ये ज्यादा समय ले तो जरुर बताना..)
अरे यार पल्टू वो क्या है ना कि तेरे से मिलने की जल्दी रहती है ना इसलिये लगत है कि देर लग रही है.:)
ReplyDeleteआज दिन भर तालीयां बजा कर जवानों की होसला अफ़्जाई करते रहना.
गणतंत्र दिवस की बधाई और घणी रामराम जी.
अरे वाह खूब ! ताली बजा रहे हो !
ReplyDeleteपिछले १५ दिनों से तुम्हारे शहर जोधपुर में था आज ही आया हूँ आते ही तुम्हारा ब्लॉग देखा डिजाईन बहुत अच्छा लगा !
हमको भी-दे ताली!!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
बढ़िया पोस्ट। दे ताली!
ReplyDeleteपलटू भाई खुब बजाओ ताली. शाबस
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस पर आपको बहुत बहुत शुभकामनाएं