Wednesday, January 28, 2009

ये लूं कि वो लूं...

आपको तो पता ही है मुझे लटकने वाली चीजें बहुत पंसद है.. चाहे धागे हो या बैग का बेल्ट.. बस मैं उन पर देखते ही धावा बोल देता हूँ.. पता नहीं क्यों मुझे इनसे इतना लगाव है.... इन्हीं के चलते मैनें बिल्ली की पूँ कुतर डाली.. देखा कहीं ऐसा बहादुर चूहा.. और तो और मैने तो कुशन कवर के फूदें भी तोड़ डाले.. अरे अगर ऐसे लिस्ट बनाऊगां तो बहुत लम्बी हो जायेगी.. पर ये सभी चीजें मुझसे बचाने की होती है..


लेकिन कभी कभी मैं भी कंफ्युज हो जाता हूँ.. जब एक साथ दो दो चीजें मिले.. समझ नहीं आता किसे लूं और किसे छोड दूं.. ऐसा ही मेरा जैकेट है.. दो-दो लटकने वाली चीजें है.. और दोनों मुझे बराबर आकर्षित करती है..समझ नहीं आता कि ये लूं कि वो लूं.. फिर क्या दोनों पकड़ लेता हूँ.. और उन्हे मुँह में डालना तो मेरा अधिकार है..





कैसी लगी आपको मेरी बातें? जरुर बताऐं..

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10 comments:

  1. तुम्हें बार बार बताना पडेगा क्या ? जब दाँत सुरसुराएं तो काट खाने के लिए मम्मी पापा हैं ना ! क्यों आलतू फालतू चीजों को कुतरते हो ?

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  2. पल्टू भाई जरा विवेक जी की बात पर गम्भिरता पुर्वक ध्या दो और उसका रिजल्ट हमें बताना. :)

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  3. टोपी खा जाओगे तो पहनोगे क्या??

    पापा/मम्मी की गोद में तो बैठे हो, धीरे से कान काट लो. फिर हँसना. :)

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  4. अरे वाह.. हमारा चूहा बिटवा तो अब बिल्ली कि पूछ तक को कुतरने लगा है.. :)

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  5. अदीईई आज तो ये नीला पिला रंगों वाला टेम्पलेट आँखों को खुब भाया.....और तुम्हारी प्यारी प्यारी बातें दिल को....."

    Love ya

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  6. कमल कर रहे हो तुम. छोटू अगर इसी तरह से दो-दो चीजें सामने रखकर फ़ैसला करोगे तो डिसीजन मेकिंग थ्योरी के मास्टर बन जाओगे....:-)

    डिसीजन मेकिंग कैपेसिटी तो बिल्ली की पूँछ क़तर कर साबित भी कर दिया. फालतू में सब कहते हैं कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा? तुमने साबित कर दिया कि गले में घंटी बाँधने की ज़रूरत ही नहीं है. पुँछ क़तर कर बिल्ली को उसकी औकात बताई जा सकती है.....इंटेलिजेंट किड.

    फोटो में गजब लग रहे हो. मैं निर्णय नहीं कर पा रहा हूँ कि कौन सी फोटो सबसे बढ़िया है.

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  7. doobeyji kho gaye adi ki shararton mein

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  8. ये लूं कि वो लूं...
    जो मर्जी ले ले आदि, अभी तुझे कोई कुछ नही कह सकता , जितनी मर्जी तोड़ फोड़ कर | जब बड़ा होकर इस ब्लॉग पर ये फोटो देखेगा तब मजा आएगा |

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  9. आज मैंने सुंदर-सुंदर फूलों के
    सौ से ज़्यादा फ़ोटो लिए,
    पर तुमसे ज़्यादा प्यारा
    और
    ख़ूबसूरत उनमें से एक भी नहीं था।
    तुम जब भी "सरस पायस" पर आते हो,
    वहाँ की शोभा
    कई गुना बढ़ जाती है!
    मेरी ओर से
    तुम्हारे लिए -
    प्यार ही प्यार!
    बेशुमार!

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