दिल्ली के चिड़ियाघर से मैं और मम्मा एक मगरमच्छ खरीद लाये.. बड़ा सा.. मुझसे भी बड़ा.. और अब प्रेक्टिस हो रही है उसे काबू में रखने कि...
| पहले मुंह चेक कर लेते है .. कहीं दांत तो तेज नहीं है... |
| पहले पीठ पर सवार हो लो.. |
| कर मुंह बंद कर.. |
| दम लगा के... |
| आ गया काबू में... |
| खोल मुंह... |
| है दम तो काट के दिखा.. |
| हा हा नहीं काट पाया... अब चल मुगफली खा... |
आ गया मगरमच्छ मेरी काबू में....















