रात को मुझे सुलाने के लिये कभी कभी पापा मुझे कहानी सुनाते है.. मै पापा की गोद में लेटा हुआ प्यार से कहानी सुनता हूँ.. और सुनते सुनते कब नींद आ जाती है पता ही नहीं चलता.. कल रात ऐसा ही हुआ.. पापा की कहानी चलती रही और मेरी नींद.. आप भी देखिये
"एक जंगल में दो शेर रहते थे. उनके नाम था राम और श्याम.. दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे..हमेशा साथ-साथ रहते थे. साथ साथ शिकार करते, खाते, खेलते.. बहुत ताकतवर थे दोनों..पुरे जंगल में उनका राज चलता था.. सारे जानवर उनसे डरते थे. उसी जंगल में मोनु बंदर रहता था.. मोनु बहुत शरारती था.. उसको शेरों की दोस्ती से बहुत ईर्ष्या होती थी.. एक दिन उसने तय किया कि वो शेरों की दोस्ती तोड़ के रहेगा..
जल्द ही उसे वो मौका भी मिल गया.. एक दिन राम और श्याम हिरण का शिकार कर के लाये.. शिकार को श्याम के पास छोड़ राम नदी में पानी पीने चला गया... मौका देख मोनु श्याम के पास आया और बोला श्याम जी आप बहुत ताकत वाले है.. आपको ही जंगल का असली राजा होना चाहीये.. देखिये शिकार तो आप करते है.. पर खाने का मजा राम ले लेता है..
अलग होने के बाद दोनों की हालत खराब हो गई.. उनको शिकार मुश्किल से मिलने लगे.. और जंगल में उनका रुतबा भी कम हो गया.. अब जानवर उनसे पहले कि तरह नहीं डरते थे.. ये सब देख चिकुं खरगोश को उन पर दया आ गई.. उसने छानबीन की तो पता चला की ये सब शरारत मोनु की है.. वो राम से मिला और सारी बात बताई.. पहले तो राम को विश्वास नहीम हुआ पर चिकुं के जोर देने पर वो मान गया. और दोनों सच्चाई जानने के लिये मोनु बंदर के पास गये.. राम नजदीक झाड़ी में छुप गया और चिकुं मोनु से बातें करने लगा..
श्याम मोनु की बातों में आ गया.. उसने कहा.. तुम सही कहते हो मोनु..मुझे ही जंगल का राजा होना चाहिये.. और उसने हिरण को खाना शुरु कर दिया.. अब मोनु बंदर भाग कर राम के पास गया और बोला.. राम जी.. आज तो आपको पानी से ही पेट भरना पडेगा.. आपका शिकार तो श्याम अकेला ही खा गया है.. कह रहा था मैं जंगल का असली राजा हूँ.. आलसी राम तो केवल मेरा मारा शिकार खाता है..
ये सुन राम को गुस्सा आ गया और तो तुरंत श्याम के पास गया, वहां उसने देखा श्याम हिरन खा रहा था.. ये देख राम, श्याम से लड़ पडा.. दोनों में खुब लडाई हुई और फिर दोनों एक दुसरे को कोसते हुई अलग-अलग रास्तों पर चल पडे़..
अलग होने के बाद दोनों की हालत खराब हो गई.. उनको शिकार मुश्किल से मिलने लगे.. और जंगल में उनका रुतबा भी कम हो गया.. अब जानवर उनसे पहले कि तरह नहीं डरते थे.. ये सब देख चिकुं खरगोश को उन पर दया आ गई.. उसने छानबीन की तो पता चला की ये सब शरारत मोनु की है.. वो राम से मिला और सारी बात बताई.. पहले तो राम को विश्वास नहीम हुआ पर चिकुं के जोर देने पर वो मान गया. और दोनों सच्चाई जानने के लिये मोनु बंदर के पास गये.. राम नजदीक झाड़ी में छुप गया और चिकुं मोनु से बातें करने लगा..
चिकुं ने मोनु से कहा तुम बहुत बहादुर हो.. तुमने कैसे एक ही पल में राम और श्याम की दोस्ती तुड़वा दी.. देखो दोनों की क्या हालत हो गई है.. सच में मोनु तुम्हारा जबाब नहीं. ऐसी बाते सुन मोनु भी घमण्ड में आ गया और बोला.. अरे ये कौनसी बड़ी बात है.. वो दोनों तो थे ही मुर्ख.. ये सुन राम झाडियों से निकल गया और उसमे मोनु को दबोच लिया..
राम उसे लेकर श्याम के पास गया और सारी बात बताई और कहा की ये शरारात इस मोनु की है.. श्याम ने कहा दोस्त मोनु ने सही कहा हम मुर्ख है जो इसकी बातो मे आकर आपस में लड़ पडे़.. दोनों एक दुसरे के गले मिले और उन्होने चिकुं को धन्यवाद दिया.. और मोनु को जंगल से भगा दिया..
oye hero, khane ktm bhee nahee huee or thumahree good night bhee ho gye han, very clever han, khanee se jyada shayad preeyon ke sapne jyada acche lgten hain thumeh ha ha ha ....bt tum sotey hue bhee bhut hee cute lg rhe ho...
ReplyDeletelove ya
बहुत खूब।
ReplyDeleteगुड नाइट दोस्त।
आदि कहानी के अलावा लौरी भी सुना करो बड़ा मजा आएगा
ReplyDeleteहम तो ठाकुर गाने सुनाते थे ....इत्ती लम्बी कहानी नन्ही सी जान को .
ReplyDeleteशुभ रात्रि
ReplyDelete"नींद तो आयेगी ही ऐसी बोर स्टोरी कहने पर. भला राम और स्याम कोई शेर कस नाम होता है. शेर का नाम शेर जैसा होना चाहिए. नही सुनानी शेर के नम पर बकारिव्ले नामों की कहानी. शुभ रात्री को ऐसी छद्म कहानी के लिए क्यो बरबाद किया जाए. अतः सुभ रात्री! तात्! सुबह मिलेंगे."-AAditya throght his counsel Prince Mamosa @Dr. madhu soodan Rajpurohit
ReplyDeleteDr.