हरी लाइन के पास-पास ही मेरा वजन बढ़ रहा है.. सामान्य रुप से..
जोधपुर आकर में अब उल्टा होना सीख गया हूँ.. और सोते समय बिस्तर में घूम जाता हूँ.. मम्मी ढुढती रहती है :)
19 सितंबर को मम्मी का हाथ देख कर घुमने की कोशिश
5 अक्टुबर को चण्डीगढ़ में मम्मी ने करवट से सुलाया तो में पलट गया
एक बात और अब मुझे मेरा नाम कुछ-कुछ समझ आने लगा है... आप "आदि" कहोगे तो आपकी तरफ देख लूगां.. और एक smile मिल जाये तो आपका ’लक’ है :)
जोधपुर की मस्ती आज खत्म होने वाली है, शाम को मण्डोर एक्सप्रे़स से फिर दिल्ली चला जाऊंगा... कुछ बाते और है.. जो दिल्ली जा कर बताऊगा.
तुम मे हिन्दी ब्लॉगर बनने के पूरी गुन हैं जल्दी से लिखना सीखो और अपनी पोस्ट ख़ुद लिख कर पढ़वाओ
ReplyDeleteऔर तुम मुझे हमेशा अच्छे लगते हो
क्या बात है? पापा ने अपनी statistics तुम्हारा weight-graph बनाने भी इस्तेमाल कर ली. पापा-मम्मी अच्छी देख-भाल कर रहें हैं, median से ज्यादा deviations नहीं है. बधाई हो!
ReplyDeleteअरे वाह बिटवा..
ReplyDeleteलगे रहो.. अभी ख़ुद पलटी मार रहे हो बड़े होकर जमाने को पलटी मारना.. :)
मंथली हेप्पी बर्थ डे टू यू
ReplyDeleteसदा स्वस्थ, प्रसन्न रहो। हम सब का स्नेहाशीष तुम्हारे साथ है।
ReplyDeleteबेटा खुब सारा आशिर्वाद युही बडे हो जाओ
ReplyDeleteशुभाशीष
ReplyDeleteशुभकामनाएँ
वाह वहा!! मंथली केक कहाँ है??
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई-आप तो आधे साल के हो गये.शाबाश पलटूराम..अब पलटना सीख गये हो, इसलिए. :)