Saturday, November 22, 2008

गोल गोल थाली, गोल गोल रोटी

गुरुवार की शाम मम्मी खाना खाने के बाद थाली पास में रख मुझसे और पापा से बात कर रही थी.. मेरी समझ मे नहीं आ रहा था आखिर ये थाली और रोटी है क्या...फिर क्या था.. चकमा देकर निकल लिया पता लगाने.. आप भी साथ हो लो मेरे इस मिशन में....






इतनी मेहनत से ये रोटी हाथ लगी है....

10 comments:

  1. " ha ha ha ah tum to such mey hero bn gye ho, dekha na mehnet ka phal kitna meetha hota hai, roti mile na ha ha ha "

    LOve ya

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  2. अरे, तुम तो बड़ी जल्दी रोटी खाने लग गए! गोल-गोल थाली और गोल-गोल रोटी...:-) बहुत बढ़िया है. अभी से चीजों के बारे में पता लगा रहे हो!

    रंजन जी, ध्यान दें. पूत के पाँव तो तेज थे ही, अब हाथ भी तेज चलने लगा है....:-)

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  3. हा हा हा क्या बात है, बहुत बढ़िया .

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  4. बेटा ध्यान से,कही गले मै मत फ़ंसा लेना.

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  5. बहुत खुबसूरत लम्हा !!!!

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  6. पडे पडे रोटी तोडते रहते हो कि कुछ काम धाम भी करते हो ?

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  7. हा हा हा रोटी चोर या मेहनत की रोटी कमाने वाला. :)

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  8. अभी तो इतनी मेहनत कर रहा है रोटी के लिए, पर बच्चू जब खाने का समय आएगा ना तब देखना मम्मी तो तेरे पीछे-पीछे और तू आगे- आगे...

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  9. मेहनत तो पुरी की है रोटी के लिए ,खाने के बाद स्वाद केसा लगा जनाब

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  10. अरे बड़ी शैतानी करता है ??????

    अब तो आदत सी हो गई है हमको!!!!!!!!

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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