Saturday, July 12, 2008

अब मैं अपना खिलौना खुद़ पकड सकता हूँ.

आज का दिन बहुत अच्छा था. सुबह-सुबह सुमित चाचा का फोन आया. वो CA मे पास हो गये, मुझे नहीं पता ये CA होता क्या है, पर सब बहुत खुश थे. पापा बहुत देर तक फोन पर बात कर रहे थे..

और हां आज पापा भी पुरे दिन घर पर थे। मेरे दिल्ली आने के बाद पहली बार, शायद आज ओफिस की छुट्टी होगी.. आज मनोज मामा भी आये थे पर मैं तो सो रहा था, मुझसे मिले बिना चले गये।
बहुत दिनों से कोशीश कर रहा था. खिलौना पकडने की.. आज सीख गया.. अब मैं अपना खिलौना खुद़ पकड सकता हूँ.

हाँ, कुछ बात चल रही है कुछ प्रोग्राम की शायद अगस्त में बाहर जाना पड़े । आप सभी आयेगें न?



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6 comments:

  1. This is what my son-in law is! I am not surpised as he is bound to be intelligent! See he could learn to hold his toys so very soon.... Keep it up darling.. your mother in law will keep posting motivational comments for you.... YIPPPYYYYYYYYYY Lov u Aditya

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  2. hi aadi
    your snaps are as sweet as you are and your writing skills are superb!
    I wish could be also as smart and intelligent as you are. love you very much , saloni

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  3. भाव सेल लवलीन. सुंदर. लिखते रहिये. शुभकामनायें.
    ---
    यहाँ भी आयें:
    उल्टा तीर

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  4. these are really very sweet n lovely pictures nice to see them.
    n very touching text
    love to see them again n again
    gutta luv u missing u

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  5. these are really very sweet n nice pictures n very touching text love to see it again n again
    gutta luv u missing you

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