रविवार का दिन था, बहुत सुकुन से गुजरा.. सुबह मालिश हुई.. नहाया और सोया.. आज पापा ने मेरे नाखुन काटने की कोशीश की, पुरे दिन की मश्कत के बाद केवल दो नाखुन काट पाये.. मुझे पता है जब मे सो रहा हूँगा तो कोइ मेरे नाखुन काट देगा।
शाम में परी दीदी मिलने आई। मैं सो रहा था पर जैसे ही दीदी आई मे उठ गया। दीदी मुझे देख कर बहूत खुश हुई.. दीदी अपने मम्मी-पापा के साथ आई थी..परी की मम्मी ने मेरी बहुत कसरत करवाई.. वो कह रही थी मुझे "रफ - टफ" होना चाहीये.. परी मेरे साथ बहुत खेल रही थी। और किसी को भी मुझे छुने नहीं दे रही थी।
देर शाम जब मे रोया तो मेरी आखों मे आँसु आये.. मम्मी ने बताया की अब रोने पर मेरी आँखे गीली होती है..
रात को मुझे बहुत मस्ती आ रही थी.. बिल्कुल नींद नही आ रही थी..पापा के साथ खुब देर तक खेलता रहा..
रात को मुझे बहुत मस्ती आ रही थी.. बिल्कुल नींद नही आ रही थी..पापा के साथ खुब देर तक खेलता रहा..
Hi Aadi,
ReplyDeletetu bahut pyari bate karta he. ek pyari si puchchi dene ko man kar raha he hummmmmm..puch.
love you
guess who..
Hello Dear Aaditya
ReplyDeletewelcome .. I am sure you must be very very happy with your loving writteres / creaters .
both of them are very nice and good soles .
how are you I must call you Baby..
take care
pratibha
Dear Littile boy you look so sweet , I just saw your lovely photo.
ReplyDeletewish to see you soon
pratibha