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Wednesday, September 30, 2009
धरा बचाओ, पेड़ लगाओ
उडन तश्तरी अंकल कहते है "धरा बचाओ, पेड़ लगाओ".. जब उन्होंने कहा है तो मुझे कुछ तो सिखना पडे़गा.. तो उनकी बात पर अमल करते हुऐ मैं अब पौधों में पानी डालना सीख रहा हूँ.. मम्मी जब गमलों में पानी देती है तो मैं भी उनकी मदद करने पहुचँ जाता हूँ..
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Monday, September 28, 2009
कन्या भोज है तो कन्या बन जाओ..
अष्टमी को कन्या भोज था.. तो मैं भी पहूँच गया भेष बदल कर हलवा पुड़ी खाने... हलवा पुड़ी के साथ सुन्दर टीका भी लगाया और मोली भी बंधवाई..
और फिर घर आकर "यम यम.." भी
और मम्मी की नकल कर अब बेलन चलाना भी सीख लिया आदिती ने...
ये देखो.. छोटा सा विडियो... कैसे चला रहा हूँ मैं बेलन..
और फिर घर आकर "यम यम.." भी
और मम्मी की नकल कर अब बेलन चलाना भी सीख लिया आदिती ने...
ये देखो.. छोटा सा विडियो... कैसे चला रहा हूँ मैं बेलन..
आप सभी को विजयदशमी की शुभकामनाऐं!!
Friday, September 25, 2009
लाईट वाली ठंडी अलमारी
एक दिन मम्मी लाईट वाली अलमारी साफ कर रही थी... अरे वही अलमारी जो ठण्डी भी होती है....मम्मी ने उसका सारा सामान बाहर निकाल कर साफ करने रख दिया.. और मैं... मैं मौका देख उस अलमारी में घुस गया.. बड़ा मजा आया उसमें..
आप गये हो कभी ऐसी अलमारी में... ट्राई करो..
कैसा लगा!
आप गये हो कभी ऐसी अलमारी में... ट्राई करो..
कैसा लगा!
Thursday, September 24, 2009
यम यम यम यम......
कल कुकर की सीटी बजवा रहा था... तो बीच में "यम यम" कि याद आ गई.. "यम यम" बोले तो खाने की चीज.. जैसे किशमिस, मटर, इत्यादि.... जब भी तलब लगती है कटोरी उठा कर मम्मी के पास पहुँच जाता हूँ... "यम यम यम.." करते करते...
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Wednesday, September 23, 2009
कुकर की सीटी में म्हारो मन डोले..
बडे़ होने के साथ साथ मेरे खेल भी बदल गये है..और अब खेल मेरी मर्जी से होते है.. आजकल कूकर की सीटी से बहुत लगाव हो गया है.. और जब भी सीटी सुनने की इच्छा होती है तो किचन में पहूँच जाता हूँ.. कुकर कहाँ रखा होता है.. कैसे फिट होता है.. मुझे सब पता है.. और मेरी फरमाइश पूरी करने के लिये मम्मी/पापा कूकर में पानी डाल सीटी बजाते है... तसल्ली से देखिये ये विडियो और देखिये मेरा ये खेल..
कैसा लगा?
शरारत ऑफ द डे कल शाम को पापा के साथ घूम कर आ रहा था तो लिफ्ट में एक अंकल मिल गये... अंकल अपनी धून में मस्त थे.. जेब से एक क्लोरोमिंट निकाली और खा ली.. मैनें तुरंत अपना विरोध जताया.. अंकल भी समझ गये.. जेब से एक क्लोरोमिंट निकाली और मुझे दे दी.. और मैने बदले में दी एक प्यारी सी स्माईल... दूबारा मत पुछना... |
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Friday, September 18, 2009
Sunday, September 6, 2009
आदि मजे में
आदि मजे में है और बहुत ज्यादा शरारती हो गया है.. कुछ नये शब्द भी सिखे है... जैसे ’चली गई’.. ऊपर चढ़ना सिखा है तो बस अब हर जगह चढ़ने कि कोशिस करता है.. और उस चक्कर में गिर भी जाता है.. पर वो खुब मौज कर रहा है..
आदि की मम्मी अब आदि के साथ खेलने के लिये हर समय घर पर होती है.. तो आजकल मम्मी का कुछ ज्यादा लाड़ला हो गया है.. हर समय मम्मी मम्मी..
कुछ दिनों तक व्यस्तता बनी रहेगी.. लेकिन कोशिस रहेगी सप्ताह में कम से कम एक बार आदि की खबर आप तक पहूँचा दें..
अगले १४ दिन जकार्ता और बैंकाक में कटेगें तो आपके साथ मैं भी आदि को बहुत मिस करूगां..
आदि की मम्मी अब आदि के साथ खेलने के लिये हर समय घर पर होती है.. तो आजकल मम्मी का कुछ ज्यादा लाड़ला हो गया है.. हर समय मम्मी मम्मी..
कुछ दिनों तक व्यस्तता बनी रहेगी.. लेकिन कोशिस रहेगी सप्ताह में कम से कम एक बार आदि की खबर आप तक पहूँचा दें..
अगले १४ दिन जकार्ता और बैंकाक में कटेगें तो आपके साथ मैं भी आदि को बहुत मिस करूगां..
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