बाबा नेपाल से दौरा-सूरवाल लाये... बताइये साबजी कैसा लग रहा हूं मैं....
चक्कर पोटी का!! सर्दी क्या आई जिसे देखो अपने सर पर पोटी लगाए घूम रहा है.. रंग बिरंगी पोटी.. आदि से सर पर पोटी.. बाबा से सर पर पोटी.. बिना पोटी लगाए कोई घर से बाहर ही नहीं निकलता... मम्मी जब मुंबई गई तो मैंने और बाबा दोनों दोनों से सर पर पोटी लगा दी.. सर्दी बहुत थी न.. और जब ये बात मम्मी को बताई तो मम्मी हैरान.. मुझे पता है आप भी हैरान हो गए होगें... चक्कर ये की मैं "टोपी" को "पोटी" बोलता था.. अब जाकर सही तरह से टोपी बोलना सिखा हूं.. |
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हा हा हा हा हा हा सोना लग रहा है हीरो....
ReplyDeletelove ya
काँचा रे काँचा रे हहा हा हा हा
ReplyDeletelove ya
बहुत सुंदर लग रहे हो .. अब टोपी बोलना सीख गए न .. अर्थ का अनर्थ हो रहा था पहले !!
ReplyDeleteJust a Big WOW. beta is looking cool and so handsome. I just want to hug him. pleaseeeeeeeeeee
ReplyDeleteश्श्लाम शाब!!..ये क्या नेपाल से आया बबूआ!!
ReplyDeleteपोटी....हा हाहा!!
बहुत प्यारे लग रहे हो!!
अले अले हमाला पलटू बाबा तो बहादुर लगता है, बहुत सुंदर
ReplyDeleteअरे बिलकुल हीरो लग रहे हो बेटा!
ReplyDeleteसाब जी आप हमें बहुत अच्छे लग रहे हो तभी तो हमने आपको चर्चा मंच पर शामिल कर लिया है!
ReplyDeleteअरे कान्चा शुन्दर लग रहे हो .और तुम्हारी पोटी सारी टोपी बहूत शुन्दर है .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteअरे ये आदि आजकल नेपाली बन गया क्या?
ReplyDeleteरामराम.
श्लाम शाब जी । अम बंबई से लिखता है शाबजी ।
ReplyDeleteतुम तो अपना आदमी निकला शाबजी ।
बोलो इदर कब आता है ।
और तुमारा कांची किदर है शाबजी