पहले साइकिल आ नंबर आया... बैठने की जगह तो एक के लिए ही थी पर अभि ने फरमाइश कर मुझे भी बिठा दिया...
अगला नम्बर था "हट" में छुपा छुपी खेलने का.. "भागो, भागो, पकड़ो, पकड़ो"
और ये क्या.. आदि नीचे और अभि ऊपर...
पापा ये सभी शरारतें कैमरे में कैद कर रहे थे... तो हमने भी कैमरे की डिमांड कर डाली.. अपनी फोटो खुद लेगें...
अगली बारी घोड़े की थी... दोनों दोनों घोड़े की सवारी कर रहे थे... बारी बारी..
और जब बिस्तर लग गया तो... जंप जंप करने का मजा लिया...
हमारी दोस्ती इतनी पक्की हो गई की मैं दिल्ली में "अभि-अभि" करता रहता हूँ और अभि भोपाल में "आदि-आदि"
कैसी लगी हमारी दोस्ती..
ओये ओये खुब मस्ती हो रही है हीरो.... अभी भी बेहद प्यारा है.....नया दोस्त मुबारक हो हीरो.....
ReplyDeletelove ya
वाह..नया दोस्त अभि..और उसके साथ इतनी मस्ती..अब तुम कब भोपाल जा रहे हो?? लवि से पूछ कर जाना...उसको भोपाल की सब बढ़िया जगह मालूम है खेलने के लिए.
ReplyDelete"नए साल में नई दोस्ती - तुमको बहुत मुबारक़ हो!"
ReplyDelete--
ओंठों पर मधु-मुस्कान खिलाती, रंग-रँगीली शुभकामनाएँ!
नए वर्ष की नई सुबह में, महके हृदय तुम्हारा!
संपादक : "सरस पायस"
aur ham bareilly me aadi aadi kar rahe the kai dino se
ReplyDeleteदेखा दोस्तों के साथ कितना मजा आता है इसीलिए तो लोग दोस्त बनाते है
ReplyDeleteमजेदार रहा ये मिलन!
ReplyDeleteलोहिड़ी पर्व और मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ!
तो नये दोस्त के साथ खूब मस्ती की आपने :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर आदि,बहुत प्यारा दोस्त है तुमहारा, बिलकुल तुमहारी तरह
ReplyDeleteपापा वापिस आये बढ़िया !
ReplyDeleteएक दोस्त लाये और भी बढ़िया !
वाह आदि...मकरसक्रांति की शुभकामनाएं. नया दोस्त अभि भी तेरी तरह बहुत ही प्यारा है.
ReplyDeleteरामराम
मजेदार प्यारे! हम तुम्हारी उम्र के हो जायें तो क्या मजा रहे!
ReplyDeleteखूब मस्ती हो रही है आदि जी
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