दो दिन पहले लोहड़ी थी.. वैसे तो कोई कार्यक्रम तय नहीं था.. पर शाम को पता चला की सोसाइटी में लोहड़ी मनाई जायेगी तो हम भी अपनी भागीदारी तय करने पहुँच गए... चंद तस्वीरें लोहड़ी की..
सर्दी बहुत थी तो हम भी टोपी डाल कर पहुँच गए..
क्या समझे..लोहड़ी सजा रहा हूँ... नहीं लकड़ी उठा कर भागने की तैयारी है..
और ये आगस्, फायर्स..
हम भी मम्मू की गोद में लोहड़ी की परिक्रमा कर आये..
हमलोग तो अपने यहां लोहडी में जा भी नहीं सके .. तुमने तो बहुत इंज्वाई किया .. गनीमत है टोपी पहने आज .. पॉटी नहीं !!
ReplyDeleteआपको भी हार्दिक शुभकामनाएं।
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थोड़ी अक्ल लगाएं, खूब करें एन्ज्वाय...
विष का प्याला पी कर शिवजी नीलकंठ कहलाए।
बधाई जी बधाई खूब लोहड़ी मनाई :)
ReplyDeleterudra to ghode bech kar sota raha ..............
ReplyDeleteठीक है भई थैन्क यू टू
ReplyDeleteहैप्पी लोहरी आदि...और हैप्पी मकरसंक्रांति भी...
ReplyDeleteनीरज
वाह
ReplyDeleteयार आदि तू तो शौकीन आदमी है, सारे त्योहांर मनाने मे आगे रहता है. हैप्पी लोहडी और मकर सक्रांती.
ReplyDeleteरामराम.
वाह बच्चे...खूब त्यौहार मना लेते हो..अब वेनेन्टाईन डे की तैयारी होगी, क्यूँ???
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हमारा प्रसाद.....U.....थैंक्यू!!!
... लेख मे 'लोहडी पर्व' पर भी तनिक प्रकाश डालते तो हम जैसे नये लोगों को जानकारी मिलती !!!
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