Tuesday, February 10, 2009

रंग बिरंगे गुब्बारे..

कल शाम मम्मी की दवा लेने पापा के साथ मार्केट गया.... गाड़ी पार्क कर सीधे पहुँचे दवा की दुकान, मम्मी की दवा ली.. फिर दुसरी दुकान से घर का कुछ समान.. यहाँ तक तो सब ठीक था.. मैं पापा की गोद में सवार सभी चीजों को टुकुर टुकुर देखता रहा.. अचानक मेरी नजर गुब्बारों पर पड़ी.. रंग बिरंगे गुब्बारों ने मेरा ध्यान खींचा और मैने "हूँ हूँ" कर पापा से अपनी फरमाईश रख दी... पापा भी तुरंत पिघल गये और गुब्बारे वाले के पास चले गये.. मैंने गुब्बारों को छू कर देखा.. और पापा ने मेरे लिये गुब्बारे खरीद लिये, पहली बार.. उनको हाथ में लेकर मैं बहुत खुश था.. बस इंतजार था घर आकर उनके साथ खेलने का.. खेला तो खुब पर पापा ने गुब्बारा खाने नहीं दिया..


ना आदि, गुब्बारा नहीं खाते..

भा गई न मेरी बातें ! बन जाओ मेरे सखा.. यहाँ चटका लगा कर!!

10 comments:

  1. अरे वाह!! खूब रंग बिरंगे गुब्बारे आ गये. पापा सही कह रहे है-गुब्बारे नहीं खाते. बस, खेलते हैं उनसे.

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  2. अरे वाह बड़े रोमांचित हो रहे हो , गुब्बारे पा के ! लेकिन इनसे सिर्फ़ खेलना इन्हे काटना नही |

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  3. "रंग बिरंगे गुब्बारे के साथ मस्ती.....वाह .....पता है आदि गुब्बारे मुझे भी बहुत पसंद हैं....और ये बडे वाला पीला वाला मेरा है ओके. हा हा हा हा "

    Love ya

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  4. भाई पल्टू , गुब्बारे नही खाया करते. खाने की चीज तुमको पहले बता रखी है ना. फ़िर क्यों गुब्बारे के पीछे पडे हो?

    थोडा ठहर जाओ फ़िर खाने की एक और बढिया चीज तुम्हे बतायेंगे.... अरे यार थोडा बडा होके मम्मी पापा का माथा खाया करना.:)

    रामराम.

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  5. पापा जीत गये इसलिए मज़े कर रहे हो..

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  6. गुब्बारे को मुंह में नही लेते छोटू मियां ...फूटेगा तो एक दम डर जायोगे ....पापा से कहो पंखे के ऊपर एक आवाज वाला खिलौना लटकाये ....ओर हाँ टेटनस का अब वो टीका भी आने लगा है जिसमे दर्द नही होता ओर बुखार भी नही आता इस बार वही लगवाना ..

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  7. कित्ते लोग हैं गुब्बारे के लालच में!

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  8. अरे बहुत सुंदर लगे बेटा गुब्बारे !!! लेकिन बेटा इन गुब्बारो से खेलना अच्छा नही पापा को बोलो पहले थोडी देर गुब्बारा अपने हाथ मे ले कर, ओर फ़िर उस हाथ को सुंघे...... जबाब खुद ही मिल जायेगा, ओर तुम तो बेटा इसे मुंह मे डाल रहे हो...
    अगर खेलने के लिये कुछ ऎसा चाहिये तो प्लास्टिक की बाल लेलो, लेकिन उसे भी पहले अच्छी तरह से साबुन से धोऎ फ़िर तुम्हे दे
    प्यार ओर प्यार बेटा

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  9. आदि, भाटिया अंकल की बात पर ध्यान दो.

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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