Thursday, April 9, 2009
क्या-क्या पहचानता हूँ मैं?
बोलता तो नहीं हूँ पर पहचानना सीख रहा हूँ मैं.. अपने सीधे हाथ तर्जनी से इशारा कर बता सकता हूँ... पता है सबसे अच्छे से क्या पहचानता हूँ में? "आदि को".. हाँ खुद को खुब जानता हूँ मैं.. पुछो जरा "आदि कहाँ है?" तुरंत अपने सीने पर इशारा कर देता हूँ.. खुद को पहचानने के बाद सबसे अच्छे से जानता हूँ पंखे को.... पुछो कि "फैन कहाँ है?".. मेरी गर्दन तुरंत छत की और हो जाती है और अंगुली ऊपर.. पापा को भी पहचानता हूँ मैं और मम्मी को भी.. कबुतर भी मेरी पहचान सकता हूँ और केट भी.. हाँ मेरे एक सीपर पर केट बनी है.. सीपर गोल-गोल घुमा कर केट खोज ही लेता हूँ..
मेरे लिये तो ये सिख है, पर पापा के लिये खेल.. थोडी़ थोड़ी देर में पुछते रहते है.."आदि ये कहाँ है, आदि वो कहाँ है?".. जब मुड़ होता है तो बता देता हूँ नहीं तो...... गर्दन हिला न कर देता हूँ...
पता है आजकल दिल्ली का मौसम बदल रहा है, और मैं बदलते मौसम की चपेट में आ गया.. और कुछ नहीं थोड़ा सा वायरल हो गया.. डॉ अंकल ने कहा है कि चार दिन में ठीक हो जाऊंगा.. दो-तीन दिन तो हो गये...बस अब एक दो दिन की बार और है...
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ओह ओह बेटा जी को बुखार हो गया , अभी क्लास लगाते हैं उसकी छु मंतर हो जायेगा ओके ऐसे कैसे आदि को परेशान करने चला आया......हमे तो आदि हँसता खेलता और मुस्कुराता ही चाहिए हमेशा बस .....अच्छा ये बताओ आदि कौन है हा हा हा हा हा हा हा हा हा यहाँ तो ब्लॉग पर छोटे छोटे बहुत सारे आदि है अब किसकी तरफ इशारा करोगे हीरो हाँ चलो जल्दी से ठीक हो जाओ फिर ढेर सारी मस्ती ओके....
ReplyDeleteLove ya
Bahut sahi..sikhte chalo. :)
ReplyDeleteoh beta jaldi se acche ho jao.....love u...
ReplyDeletevah bhi adi ab to roz hi tumse milna padega ab tum pehchaanne lag gaye ho agar kabhi 2 miloongi to bhool jaya karoge aur kya kya seekh rahe ho? shubhkaamnayen
ReplyDeleteबुखार को जल्दी से दूर भगाओ...बहुत सारी नयी बाते सीखो :)
ReplyDeleteध्यान रखो नन्हे .वायरल में लिक्वीड डाईट थोडा बढा देते है.....
ReplyDeleteaare aadi ko bukhar ho gaya,jaldi jaldi thik ho jao,aur haa doc anurag uncle baat dhyan rakh na,ye bahut achha ,aap chize pehchan rahe ho,aise hi sikha karein,jaldi thik ho jaye:)
ReplyDeleteaccha game hain,khelo aur sikho bhi
ReplyDeleteजितना हम उन्हें समझते हैं- वे उससे कहीं अधिक जानते हैं- ऐसा आपको कई बार महसूस होगा और अचरज में डाल देगा।
ReplyDeleteबस ऐसे ही लगे रहो धीरे-धीरे सब कुछ जान जाओगे | और बुखार वैगेरह तो आते रहते है जल्दी ही ठीक हो जाओगे | फिर खूब खेलना |
ReplyDeleteयार आदि, अब तेरी तबियत तो टःईक हो गई होगी, पर यार ये तू आराम क्या स्विमिंग पूल मे कर रहा है? :)
ReplyDeleteकहीं इसी से तो वायरल नही आगया?
रामराम.
कल बहुत नहाए थे न ... इसलिए बुखार आ गया है ... और क्या क्या पहचानते हो बेटे ... मुझे पहचान पाओगे ?
ReplyDeleteज्यादा नहाना गलत बात! तुम्हारे मम्मी-पापा को पता नहीं क्या?! :)
ReplyDeleteचलो अपना ख्याल रखना आगे से ...
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