बुखार है तो क्या... दवा पीते ही बुखार छु मंतर हो जाता है, फिर पता नहीं चलता कि बुखार है कि नहीं..मंगलवार शाम को डॉ अंकल को दिखा कर घर आये, दवा पी.. और शुरु हो गया अपनी गाड़ी (गाडोले) के साथ... एक हाथ में थैला ले कर.. और कुछ शब्द नहीं ये तस्विरें खुद बोल रही हैं..
तो आजकल चलने का शौक चर्राया है जनाब को... गाडोला, कुर्सी हो, टेबल हो या स्टूल बस पकड़ कर चलने लगता हूँ...
बुखार अब ठीक है, कल दिन भर ठीक रहा.. आपका प्यार जो मिलता है...
थोड़ा आराम कर लो बाबू-जल्दी बुखार उतरेगा. सब्जी खरीदने पापा चले जायेंगे, उसकी चिन्ता छोड़ कर झोला रख दो किनारे. :)
ReplyDeleteओये हीरो देखा ना बुखार छु मन्त्र हो गया न .......और आदि तो थैला लेकर चलता भी बना....नन्हे नन्हे कदम रख कर...वीर तुम बडे चलो हा हा हा हा हा है ना बेटा जी....
ReplyDeleteLove ya..
अरे वाह अब तो आदि घर के काम भी करने लगा है. माँ का प्यारा बेटा बहुत ही अच्छा हैं. लेकिन जरा देख कर, जरा सी लापरवाही से वायरल फिर से आ जाता है....
ReplyDeleteaare wah bukhar utar gaya,ye badi achhi baat huyi:)thoda aaram karle aur:)kuch din.
ReplyDeleteआदि ये क्या कर रहे हो अभी कल तो बीमार थे तुम्हारा ये क्या केहते हैं इसे जिस के सहारे तुम चल रहे हो? ये हमारे जमाने मे हुआ करता था हमे भी बचपन की याद दिला दी ये कहां से लाये ?
ReplyDeleteहाय कैसे मम्मी पापा हैं - सारा काम तुमसे कराते हैं। :)
ReplyDeleteउप्स्स्स्स्स नन्ही सी जान और इतना सारा काम :) गाडी बहुत बढ़िया है आपकी ..क्या लेने जा रहे हो आप बाजार से :)
ReplyDeleteअच्छा तो चाचा की शादी की शोपिंग करने जा रहे हो.. :) बुखार से डरते नहीं हो.. अछि बात है
ReplyDeleteयार आदि तू गाडी लेके मार्केट ही गया होगा ..मुझे तो तेरा थैला (शापिंग बैग) दिखा तू मेरे लिये क्या लाया?:)
ReplyDeleteरामराम.
कितनी मेहनत कर रहे हो ... थोडा आराम भी कर लो।
ReplyDeleteओ भैये ज़रा संभल कर
ReplyDelete"आप ने बचपन याद दिला दिया जब गुडले चलाया करते थे। यही उन दिनों का बैबी वाकर था।"
ReplyDelete(on facebook)
वाह, अब तो तुम गाडोले की मकेनिकी भी कर लेते हो..शाबाश..आगे चलकर अपनी गाड़ी की देखभाल में बहुत मदद मिलेगी. बुखार को जल्दी से, जोर की एक किक दो.
ReplyDeletevaah aadi, tumhara gondola dekh kar to mujhe bhi apna bachpan yaad aa gaya, aajkal to ye kahin nazar hi nahin aata.
ReplyDeletemagar bukhar thik hone ke baad thoda aaram to kar lo nahin to fir se aa jaayega.
अरे वाह, चलने के लिए पापा ने अच्छी गाड़ी दिलाई है। मैं तो अपने बेटे को ये वाली गाड़ी तो दिलाना भूल ही गया। अब वो दो साल का हो गया है।
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