कल सुबह पापा की बहुत याद आ रही थी.. और मुझे पता है पापा कहाँ दिखते है और बात करते है.. कंप्यूटर तो ऑन ही था...बस हेडफोन के दोनों सिरे (माइ़क और स्पीकर) सही सही लेपटाप में लगाए.. और फिर कान पर हेडफोन लगा कर पापा पापा आवाज लगाने लगा...
ये देख मम्मी भी चकित हो गई और तुंरत पापा को फोन लगा कर मेरी बात करवाई.. और पापा भी मेरी आवाज सुन.... अब ये भी मैं बताऊ.. पापा ये क्यों नहीं पूछ लेते आप...
पसंद आई मेरी ये अदा..
(फोटो सितम्बर माह का है)
नटखट आदि...तुम्हारी शैतानियाँ अब बढती जा रही हैं...देख कर बहुत अच्छा लग रहा है...
ReplyDeleteनीरज
आदि तुम्हारे बहुत अच्छे संस्कार हैं।
ReplyDeleteवरना इस युग में पापा को कौन याद करता है?
हाँ पाप को सब याद कर लेते हैं।
dont worry aadi....keep smiling...
ReplyDeleteबहुत तेज हो गए हो तुम !!
ReplyDeleteसात समंदर पार से,
ReplyDeleteगुड़ियों के बाजार से..
अच्छी सी गुड़िया लाना..
गुड़िया चाहे ना लाना..
पप्पा जल्दी आ जाना..
ये पोस्ट देख लेना आदि.. http://prashant7aug.blogspot.com/2008/10/blog-post_17.html
आदि समझदार होता जा रहा है?
ReplyDeleteरामराम.
कभी यह बालक पल्टू हुआ करता था!
ReplyDeleteaap ki ada bhi nairali hai papa ko yaad karane ka
ReplyDeleteबिलकुल भई, आनी भी चाहिए।
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परा मनोविज्ञान-अलौकिक बातों का विज्ञान।
ओबामा जी, 70 डॉलर में लादेन से निपटिए।
पापा को अब तो आना पड़ेगा जब आदि इतने प्यार से बुलाए तो ..स्वीट बच्चा :)
ReplyDeleteक्या कहूँ दोस्त,,, शायद मैं भी अब कुछ दिन लवी से दूर रहूँगा... तुम्हारे पापा की दिल की बात समझ सकता हूँ.
ReplyDeleteबहुत अच्छे आदि.. लगे रहो
ReplyDeleteहैपी ब्लॉगिंग
Aditya aap to bahut intelligent ho..
ReplyDeleteaap ko Papa ki yaad aayi aur Papa se baat bhi ho gayee..
बहुत ्सूंदर बेटा, अब सयाने हो गये हो, बस ओर दो चार महीनो मे पीसी चलाना भी सीख जाोगे
ReplyDeleteआदित्य तुम तो बड़े ही समझदार हो गए हो और साथ ही थोड़ी बहुत शैतानी भी कर रहे हो !
ReplyDeletenice
ReplyDeleteआदित्य
ReplyDeleteयहाँ नज़रें ठहरती हैं तो सुकून सा मिलता है . बच्चों की बातें मन को भाती हैं .फोटो सहित हों तो सोने पर सुहागा .
हमने तो अब देखा, जब पापा आ भी गये. :)
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