कल खेलते खेलते मैने ने ताला कहीं छुपा दिया.. और जब मम्मी बाहर जाने लगी तो ताला गायब मिला... और बिना ताला लगाये बाहर जा नहीं सकते..
मम्मी हैरान.. परेशान.. पुरे घर में ढुढ लिया पर मेरी छुपाई चिज भला मिल सकती थी.. परेशान हो आखिर माँ ने वो किया जो उन्हे बहुत पहले कर लेना चाहिये था.. मुझसे पुछा..."आदि ताला कहाँ है?" पर मैं एक बार में थोडे़ ही बताने वाला था.. और मम्मी के साथ ढुढने का नाटक करने लगा.. टेबल के निचे, कुर्सी के ऊपर, सोफा पर.. और यत्र, तत्र, सर्वत्र... हैरान मम्मी ने एक बार फिर पुछा.. "आदि ताला कहाँ है?" और मैं मम्मी का हाथ पकड़ कर टेरस पर ले गया.. और इशारा कर वो जगह बता दि जहाँ ताला रखा था..
है न आदि कमाल...
पसंद आया..
(फोटो ४ अक्तूबर की)
वाह भई !!
ReplyDeleteतुम्हारे याददाश्त की तो तारीफ करनी होगी !!
ReplyDeleteये तो कमाल हो गया
ReplyDeleteकल ताली आज ताला,
ReplyDeleteखूब खेलो नंद लाला॥
शैतान बच्चा है आदि :)चाबी गुम होते तो सुना था पर ताला गुम :)
ReplyDeleteकमाल है भी आदि...तुम तो खूब ही शैतान होते जा रहे हो...शाबाश...करते रहो शैतानी...ऐसे ही..
ReplyDeleteनीरज
बहुत अच्छे उस्ताद. यहां ताला गुम करवा दिया वहां ताऊजी डाट काम मे बिजली का प्लग उखाड दिया या लगा दिया? क्या किया? वो भी बता आवो अब.:) समीर अंकल याद कर रहे हैं.
ReplyDeleteरामराम.
खतरनाक हो प्यारे तुम! :)
ReplyDeleteशरारती हो गए हो आजकल ! लेकिन बढ़िया है होना भी चाहिए ! ऐसी शरारते सभी को बहुत मजा देती है | खूब शरारते करो आदि ..
ReplyDeleteवाह अदि भाई, शुक्र किसी के सर पर नही फ़ेंक दिया:)
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!!
ReplyDeleteबाप रे, गजब हैरान किया होगा...बहुत सही बालक!! ये शैतानी!! :)
ReplyDeleteतो तुम्हारी खुराफातें जारी हैं :) ऐसे शैतानी करोगे तो मम्मी पापा तुम्हें घुमाना बंद कर देंगे...आगे से ताला मत छुपाना :)
ReplyDeleteबहुत खूब आदि :)
ReplyDelete