मुझे मिल गई मम्मी की आई लाईनर... चित्रकारी करने के लिये और क्या चाहिये होता है? क्या कहा कैनवास? अरे घर में इतनी सारी जगह है.. और आप कैनवास की बात करते है... देखिये मेरी चित्रकारी का एक नमुना.. ये काम अभी शुरु ही किया है तो क्लेक्शन में ज्यादा आईटम नहीं है.. अभी तो इसे ही निहारिये
ज़रा औजार ठीक कर लूं..
और मम्मी का आदेश हुआ है तो रुई से साफ साफ भी करना पडेगा..
आपके घर की दीवारें सुनी सुनी तो नहीं है? बुला लो मुझे..
वाह बेटा अब पिटाई होगी मैं तो चली आशीर्वाद्
ReplyDeleteअब छोडो ये सफाई भी .. तुम्हारे भोलेपन का मम्मा फायदा उठा रही है .. तुम्हारा काम सिर्फ शैतानी करना है .. और मम्मा का काम उसे सुधारना .. जल्दी से दादी को फोन लगाओ !!
ReplyDeleteअरे मम्मी को बोल इतनी सुंदर चित्रकारी को कोई मिटाता है, अरे कुछ सम्भाल कर भी रख ले, जब आदि बडा हो जायेगा तो देखे गा ना.
ReplyDeleteराम राम भाई आदि
apne ghar kee deewaren to hamne chitro se saja rakhi hain. tere layak bachi hi nahin hai.
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ReplyDeleteडियर आदि
ReplyDeleteवाल पेंटिंग सब बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है , कोई कितना भी धमकाए डरना नहीं !
पेंटिंग्स जारी रहें !
रंजन जी
ReplyDeleteआदि का बचपन और बचपना देखकर बच्चा बन जाने का मन करता है .
wah ji...teri saari harkatein ham se milti hain..
ReplyDeletegud..
bahut aage jayega....
केनवास बड़ा है...चित्रकार भी.
ReplyDeleteआदि अब तो आप शैतानों के सरदार बन गये हो!
ReplyDeleteअगली बार लिपिस्टिक और नेल पॉलिस से करना..फिर देखेंगे मम्मी को..कैसे रुई से छुड़वाती हैं..छूटेगी ही नहीं...थोड़ा नेल पालिस मूँह पर पोत लेना..नहलाने में ही समझ आ जायेगा मम्मी को...बच्चे से भला कोई साफ कराता है ऐसे... :)
ReplyDeleteहा हा हा हा हीरो दीवार कम पड़ रही हो तो फर्श भी है याद रखना और हाँ समीर अंकल की बात पर ध्यान देना हा हा हा हा
ReplyDeletelove ya
आदि घर की एक भी दीवार बिना चित्रकारी के नहीं बचनी चाहिए !
ReplyDeleteye kaun chitrakaar hai vala geet yaad aa gaya hai..
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