ये मेरा अभम है.. इसका नाम 'अभम' क्यों है.. कोई नहीं जानता.. केवल मैं ही जानता हूँ.. जब से मम्मी इसे मुंबई से लाई है.. मैंने इसका नाम अभम रख दिया.. और तब से सभी इसे अभम ही कहते है.....
ये मेरे पसंदीदा खिलौना में से एक है.. और दिसंबर में इसके आने के कुछ ही दिनों में मुझे सारे लेटरस की पहचान हो गई.. मेरे लिए 'A' एरो है..'B' बटरफ्लाई है... और 'C' कॉम्ब है...और इनको मैं इसी नाम से जानता हूँ... पुरे 'Z' तक...
और इसका फायदा ये हुआ की अब मैं साइन बोर्ड पढ़ सकता हूँ..... जैसे ये हुआ...
बटरफ्लाई.
एरो
नेस्ट
एरो
नेस्ट..
एरो..
है न आपका दोस्त पढ़ा लिखा?
किसका कौन सा दोस्त आदि, जो पढ़ा लिखा है??
ReplyDelete:)
हमारा तो बबुआ हमें पढ़ा लिखा लग रहा है.
वाह भई तुम्हारा अभम तो वाक़ई बमम है ... अब पढ़ने-लिखने के दिन आए जानो :)
ReplyDeleteकभी मम्मी 'कॉम्ब' लाने को कहे तो 'C' मत उठा लाना :)
ReplyDeleteअबे आदि यार तु तो अग्रेज बन गया.... जेंटल मेन जेंटल मेन जेंटल.... आदि बाबू जेंटल मेन... लंडन से आया है बन ठन के...:)
ReplyDeleteएक अभम हमारे लिए भी मांगा दो, हम भी कुछ पढ़-लिख लें!
ReplyDeleteबहुत प्यारी प्यारी तस्वीरें हैं आदि.
ReplyDeleteअब तो आप साइन बोर्ड पढ़ने लगे :) ..अभम ने इत्ती जल्दी सिखा दिया या आदि ने जल्दी सीख लिया..!
keep it up!