ओसियन वर्ड में कई तरह के समुद्री मछलियों और अन्य प्रजातियों को बहुत खूबसूरत तरीके के रखा गया है.. हम पुरे साढ़े तीन घंटे तक घूमते रहे... वैसे अगर निनी न आये तो पुरे दिन भी वहाँ रहा जा सकता है... और शार्क से लेकर पेंग्विन तक तो खेलते निहार सकते है... और बीच बीच में फीडिंग शो... वक्त का पता ही नहीं चलता....
निहारिए रंग बिरंगी मछलियों को....
सब जगह घूमने के बाद हमने देखा एक 4D सिनेमा... और सिनेमा देखते देखते मैं सो गया...
सियाम का टिकट महँगा (~30USD) जरुर है.. पर मेरे लिए तो एंट्री फ्री थी... ये है ९० सेमी से कम होने का फ़ायदा...
(SIAM बैकोक में हाल में हुए हंगामे का केन्द्र बिंदु था.. इसलिए वहाँ जाना मुनासीब नहीं था)
सैर कराने का शुक्रिया आदित्य!
ReplyDeleteनिन्नी भी जबरदस्ति आ जाती है मेरे बबुआ को ऐन टाईम पर...हम भी घूम लिए तुम्हारे साथ. मझ्झा आया, :)
ReplyDeleteअरे वाह हमने भी हीरो के साथ बैकोक की सैर कर ली.......मछलिया तो सच में सुन्दर है हीरो...
ReplyDeletelove ya
4D सिनेमा? भाई, ये क्या बला है?
ReplyDelete3D तक तो सुना था।
नीरज भाई,
ReplyDelete३ डी सिनेमा में एक और डी physical effects का जोड़ दे तो ४ डी हो जाता है.. इस इफेक्ट को फ़िल्म के साथ जोड़ देते है... जैसे कोई जानवर परदे पर पानी फैक रहा है और वो पानी आप पर गिरे.. (वास्तव में), या बैठे हुए आपकी कुर्सी हिलने गले... बहुत मजेदार होता है.. लगता है जैसे आप अभी फ़िल्म के एक पात्र हो...
आइये बैकोक घुम्मकड़ी करने.. दिखाते है आपको....
रंजन
90 सेंटीमीटर से कम होने के फायदे ...वाह !
ReplyDeleteहमें भी मंझा आया :)
मजेदार रही यह यात्रा, हम भी घूम लिए...
ReplyDeleteआदि के माध्यम से हमें भी सुन्दर नज़ारों के
ReplyDeleteदर्शन हो गये!
वाह आदि मजे हो रहे हैं
ReplyDelete4D सिनेमा? अरे हम ने भी देखा है यह सिनेमा बहुत रोचक... अब तो टी वी भी ३D वाले आ गये है, जिन पर फ़िल देख कर ऎसा लगता है जेसे हम भी उन के अंदर ही बेठे है... मजेदार बिलकुल 4D सिनेमा की तरह से, राम राम आदित्या
ReplyDeleteबढ़िया और आकर्षक होने के कारण
ReplyDeleteचर्चा मंच पर इस पोस्ट की चर्चा
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इस दुनिया में सबसे न्यारे!
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टर्र-टर्रकर मेढक गाएँ -
पेड़ लगाकर भूल न जाना!