"(माता कहती हैं-) `आज तुझे बाँध (ही) दूँगी, देखती हूँ कौन खोलता है । साथ बहुत ऊधम तूने किया ।' यह कहकर हाथ पकड़कर (उसे) रस्सी के द्वारा ऊखलसे बाँध रही हैं । माता को अत्यन्त क्रोधित देखकर मोहन ने अपने को बँधवा लिया और माता के मुख की ओर देखकर आँखों से आँसू ढुलकाने लगे ।"
ऐसा ही हुआ कल.. आदि ने बहुत शरारत की.. और मम्मु ने आदि के हाथ बाँध दिए... आदि बोला.. मम्मु अब कभी बमाशी नहीं करेगा... मेरे हाथ खोल दो.... मम्मु ने हाथ खोल दिए और दिन भर अतिरिक्त प्यार की बरसात करती रही....
हमारा प्यारा कान्हा....
सूरदास जी की ये दोहे ऐसी ही लीला का वर्णन करतें है....
बाँधौं आजु, कौन तोहि छोरै ।
बहुत लँगरई कीन्हीं मोसौं, भुज गहि ऊखल सौं जोरै ॥
जननी अति रिस जानि बँधायौ, निरखि बदन, लोचन जल ढोरै ।
यह सुनि ब्रज-जुवती सब धाई, कहतिं कान्ह अब क्यौं नहिं छोरै ॥
ऊखल सौं गहि बाँधि जसोदा, मारन कौं साँटी कर तोरै ।
साँटी देखि ग्वालि पछितानी, बिकल भई जहँ-तहँ मुख मोरे ॥
सुनहु महरि! ऐसी न बूझिए, सुत बाँधति माखन-दधि थोरैं ।
सूर स्याम कौं बहुत सतायौ, चूक परी हम तैं यह भोरैं ॥
(आभार - कविता कोष)
हा हा हा.. मजा आया.. मजा आया.. (आदि को चिढा रहे हैं) :D
ReplyDeleteदेखा बदमाशी करने पर कैसी सजा मिलती है ! अब मम्मू को परेशान मत करना !!
ReplyDeleteओह बहुत दुःख हुआ मेरे बच्चे :(
ReplyDelete( अब मम्मू की मम्मू से इंसाफ मांगने में हम तुम्हारे साथ हैं )
बेटा आदि यह अत्याचार तो आदि काल से ही चला आ रहा है .
ReplyDeleteअरे, खोल दीजिये । अब नहीं करेंगे, हम गारन्टी लेते हैं ।
ReplyDeleteअरे आदि यार तेरी सारी हरकते मेरे बेटो से क्यो मिलती है यार.... हम ने भी एक बार बच्चो के हाथ पांव कुछ समय के लिये युही बांध दिये थे,ओर हम ने फ़ोटू खींच ली थी.
ReplyDeleteबहुत प्यार लगा हमारा आदि, बहुत बहुत प्यार
बढ़िया है!
ReplyDeleteथोडा सा इंतज़ार कीजिये, घूँघट बस उठने ही वाला है - हमारीवाणी.कॉम
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ये तो बहुत ज्यादती है भई।
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किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
कभी-कभी लगता है ये ठीक ही है। फिर दया और प्यार भी आता है। मैंने भी 'जादू' को बांधने की कोशिश की थी। पर उसने तो आसमान सिर पर उठा लिया और वो तो बंधा ही नहीं। आदि कित्ता सीधा है ना।
ReplyDeleteकभी-कभी लगता है ये ठीक ही है। फिर दया और प्यार भी आता है। मैंने भी 'जादू' को बांधने की कोशिश की थी। पर उसने तो आसमान सिर पर उठा लिया और वो तो बंधा ही नहीं। आदि कित्ता सीधा है ना। वैसे बंधे हुए बड़े क्यूट लग रहे हो।
ReplyDeletemamta ji sahi kah rahi hain.. mera bhatija 1 saal 7 mahine kaa hai.. use baadhne ki koshish me maine apni mummy se khoob daant khayi kyonki chilla-chilla kar ghar ko sar par utha liya tha..
ReplyDeleteaadi sachchi me bahut sidha hai.. :)
हम्म्म्म शरारत की ?
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