Thursday, August 26, 2010

वो स्कुल आया... वो स्कुल आया....

(आज स्कुल जाते हुए आदि की बातें..  इटेलिक में लिखा हुआ आदि की बातें है)


देखो बड़ी बड़ी क्रेन

हाँ बेटा बड़ी क्रेन...

अपने घर से दीखती है न..
......

मैं मम्मा पियु के पास जाएगा..

मम्मा पियु के पास जाएगा...

हाँ

ठीक है..  

जाएगा..

जाएगा..अच्छा

मम्मा पियु तेरे को प्यार करती है?

हाँ..

अच्छा.. कैसे प्यार करेगी...

ऐसे (गाल को छूते हुए)

मैं स्कुल जा रहा है

हाँ बेटा

मैं स्कुल जा रहा है

हाँ बेटा..

मैं स्कुल जा रहा है.. स्कुल

अच्छा फिर क्या करेगा स्कुल में?

फिर रोना नहीं रोना नहीं...

हाँ..

हंस कर जंप कर के टिचर के पास जाना.. मम्मा पियु के पास जाना..

हाँ... हाँ..

जाएगा..

अच्छा..

मैं स्कुल जाएगा..

........

मैं स्कुल में नहीं रोया..

हाँ...

फिर मम्मु साड़े ग्याराह आ जाती है..आ रही है म्मू साड़े.. आदि स्कुल जा रहा है...

हाँ बेटा...

आदि कार में स्कुल जा रहा है...

हाँ..

कार मैं स्कुल आता है..

वो स्कुल आया

वो स्कुल आया

हाँ...

वो स्कुल आया

वो स्कुल आया

हाँ....



आपको सुननी है तो ये विडियो देखें :)

Wednesday, August 25, 2010

गुस्सा तेरा वल्ला वल्ला..

15 अगस्त को ड्रीमवर्ल्ड गए थे....  ड्रीमवर्ल्ड की बाकि बातें बाद में अभी ये केवल तीन फोटो...

एकदम मस्ती के मुड में जा रहा था.. 

फिर अचानक क्या हुआ... 

और फिर ये तेवर....

आदि बाबु इतना गुस्सा नहीं करते....



बाबा और आदि की बातें...
(आज सुबह स्कुल जाने से पहले आदि दादा को याद कर रहा था... )

आदि - बाबा आप शर्ट पहनकर दादा को लेकर आ जाओ...
बाबा - कौनसे दादा को बेटा?
आदि- वो जो आदि बाबु कहते है न, उनको....
बाबा - कहाँ से लाऊं बेटा?
आदि - आप नीचे जाकर कार मे लेकर आओ...

Tuesday, August 24, 2010

रक्षाबंधन नंबर तीन...

आज मेरा तीसरा रक्षाबंधन था.. और इस बार मेरे लिए आकांशा ने राखी भेजी... मेरी राखी जोधपुर से दादा दादी के साथ बहुत दिन पहले ही आ गई थी...  

ये रही मेरी नन्ही बहन आकांशा....



आकांशा ने राखी भेज दी पर बांधने का काम तो मम्मु को ही करना पड़ा.. मम्मु ने प्यारी सी थाली सजाई.. ये देखो...


पर इस कटोरी में क्या है?

रेड रेड.. अभी पता चलेगा ये है क्या?

ये तो कुमकुम है... मम्मु ने सबसे पहले मुझे टीका लगाया...

और फिर टॉफी खिला कर मुहँ मीठा करवाया...

और फिर राखी बाँध दी... हाँ मुझे गुड भी खिलाया...

और फिर मेरी आरती... 

मम्मु ने इतना सब किया तो.. मैंने भी मम्मु को टीका लगा दिया... थंक्यू...

आपने राखी कैसे मनाई बताओ...?

Friday, August 13, 2010

मैं दवा नहीं पीऊँगा....

बुखार ठीक होने के बाद अब खांसी जुकाम हो गया.... खांसी के लिए मम्मु ने मीठी दवा बनाई है.. शहद, अदरक और तुलसी मिला कर... पर मैं इसे आसानी से पी जाऊं.. बिल्कुल नहीं... जैसे ही पापा ने इंजेक्शन में दवा भरी.. (हाँ, डाक्टर पीने की दवा के साथ भी इंजेक्शन देते है.. ताकि दवा पिलाने के कशमकश में दवा नहीं गिरे...) मैं टेबल से पेपर प्लेट का पैकेट उठा कर भागने लगा... फिर क्या हुआ.. आप खुद ही देख लीजिए...

आदि दवा पी ले.. मीठी मीठी है...

हटा ले बेटू...

ये ले... मैं हटा देता हूँ...

नहीं बाबा मैं दवा नहीं पीऊँगा...

नाटक खत्म...

बताओ मम्मु मैंने कैसे बमाशी करी...

अगर फालींग डाउन वाला डांस नहीं देखा तो ये लीजिए एक बार और...

Tuesday, August 10, 2010

लंदन ब्रिज इज फालींग डाउन (London Bridge is Falling Down)

मेरे फेवरेट गाने/पोइम्स की लिस्ट में ये नया जुड़ा है.. बार बार सुनना और पुरी ऊर्जा के साथ डांस करना मुझे पसंद है.. आप भी एन्जॉय कीजिये...


कैसा लगा मेरा डांस?

Sunday, August 8, 2010

दादी देखो ये बनाया स्कुल में....

इस शुक्रवार को पहली बार स्कुल की क्रिएटिविटी घर आई... और फिर मैंने घर पर सभी को दिखाया.... ये बनाया स्कुल में..


दादी ये देखो एंग्री...




आपको पसंद आया?

Thursday, August 5, 2010

दादा दादी के साथ टेम्पल टूर..

पिछले शुक्रवार (३० जुलाई) को मेरा बुखार बिल्कुल ठीक हो गया था.. डॉ को फोन किया तो उन्होंने अस्पताल आने से मना कर दिया.. बोले बिल्कुल ठीक हो.. आज दिखाने की जरुरत नहीं.. पर में तो बहार जाने के लिए बिल्कुल तैयार था..   वैसे तैयार तो दादा दादी भी थे.. टेम्पल टूर के लिए.. तो मैं भी उनके साथ हो लिया..  आखिर मैंने भी तो अब तक टेम्पल नहीं देखे थे न..

देखें कितने सुन्दर टेम्पल है...


ये प्राम जोधपुर से बैकोक आ गया.. दादा दादी लाये है..

चल चल चल मेरे हाथी...

दे ताली...

रुक आदि... कहाँ जा रहा है...

ये देखो दादी.. इत्ते सारे बुद्धा..

दादा दादी और आदि..
ये क्या है..



मेरे भी 'रस्सी' बाँध दो..

मम्मु अब चम्मा मुझे दे दो...


सब जैसा करते है.. मैं भी वैसा.. नक़ल नहीं कहते...

स्कुल अपडेट  

इस सोमवार से मेरा स्कुल फिर से शुरू हो गया.. बड़ी मुश्किल से स्कुल एन्जॉय करने लगा था.. छुट्टी हो गई.. और सारा रिदम टूट गया.. सोमवार से फिर जीरो से गिनती शुरू हुई.. सुबह सुबह तो मजा आ रहा था.. जैसे कहीं घुमने जा रहे है.. पर जैसे ही स्कुल की गली में पहुंचे.. मेरी "हूं-हूं" शुरू हो गई.. सोम मंगल बुध ये ही क्रम चला.. घर से मस्ती से चलो.. जैसे ही स्कुल की गली आये.. हूँ हूँ करो..  आज अचानक एक परिवर्तन आया.. स्कुल की गली आते हू रुआंसा हुआ.. पर रोया नहीं....  और स्कुल से निकलते हुए..
"bye bye Mitisha, bye bye Sara, bye bye Alisha.... " 

हाँ ये मेरे नए दोस्त बने है!!!
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