बुखार ठीक होने के बाद अब खांसी जुकाम हो गया.... खांसी के लिए मम्मु ने मीठी दवा बनाई है.. शहद, अदरक और तुलसी मिला कर... पर मैं इसे आसानी से पी जाऊं.. बिल्कुल नहीं... जैसे ही पापा ने इंजेक्शन में दवा भरी.. (हाँ, डाक्टर पीने की दवा के साथ भी इंजेक्शन देते है.. ताकि दवा पिलाने के कशमकश में दवा नहीं गिरे...) मैं टेबल से पेपर प्लेट का पैकेट उठा कर भागने लगा... फिर क्या हुआ.. आप खुद ही देख लीजिए...
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आदि दवा पी ले.. मीठी मीठी है... |
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हटा ले बेटू... |
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ये ले... मैं हटा देता हूँ... |
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नहीं बाबा मैं दवा नहीं पीऊँगा... |
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नाटक खत्म... |
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बताओ मम्मु मैंने कैसे बमाशी करी... |
अगर फालींग डाउन वाला डांस नहीं देखा तो ये लीजिए एक बार और...
सही बात है दवाई खानी ही नहीं चाहिये..बहुत कड़वी होती है :)
ReplyDeleteअरे, दवा पीने में परेशान थोड़ी न करते हैं, उससे तो आराम हो जाता है, फटाक से पिया करो...
ReplyDeleteबाकी गाना सुनकर बदमाशी और नाच तो फुलटूश चल रहा है...एनर्जी लेवल तो हाईपर वाला है .:)
अच्छा है दादा दादी आये हैं//// :)
इतने समझदार हो कर दवा पीने मे बदमाशी? न न ऐसे मत किया करो। खुश रहो जलदी से ठीक हो कर शरारतें करो। आशीर्वाद।
ReplyDeleteवो तो मीठी दवा थी .. तुम्हें इतना नाटक करने की क्या जरूरत थी ??
ReplyDeleteसही है...ऐसे ही तंग करते रहो मम्मी पापा को ;)
ReplyDeleteऔर डांस तो देख ही लिया था, अभी फिर से देख लिया :)
क्या उम्हे मालूम ना था कि दवा मिठी है . अहा मीठी मीठी
ReplyDeleteनजले-जुकाम की भी कोई दवा होती है? यह तो बदलते मौसम की निशानी है। आदि, बिल्कुल मत लेना दवाई। अदरक भी है ना उसमें। हां, आगे जान गया होगा।
ReplyDelete...kyaa baat hai !!!
ReplyDeleteऐसे चुस्त और दुरुस्त रहो की दवा की जरुरत ही न पड़े.
ReplyDeleteदवा रोज थोडे ही पीना पडती है बाबा ! बस एक दिन !
ReplyDeleteअच्छे बच्चे जिद नही करते हैं!
ReplyDeleteचुपचाप दवाई पो लेते हैं!
दवाई पीने में इतनी मस्ती......??? डांस तो मस्त है...
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteमुझे तो तेरी शक्ल देखते ही लग गया था की ताऊगिरी कर रहा है.:) हां शहद, तुलसी और अदरक का रस तो रोज ही ले लिया कर, इससे गला बहुत स्वस्थ रहता है.
ReplyDeleteरामराम.
दवाई तो नहीं पी जायेगी।
ReplyDeleteअरे मीठी है भाई, पी लो।
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ReplyDeleteअगर आसानी से पी लूँगा,
तो पापा कैसे मना पाएँगे?
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मज़ा आता है, जब पापा मनाते हैं!
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:))
ReplyDeleteक्या कहूँ, अपनी बेटियों का बचपन याद आ गया। आज वे कितनी बड़ी हो गईं हैं! आदि भी खूब बड़े हो जाओ।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
दवा पीने में कोई आना-कानी नहीं...स्वस्थ रहो आदि.
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आप सबका 'बाल-दुनिया' में स्वागत है.
दवा पीना सबसे बोरिंग काम होता है...मुझे भी achhi नहीं लगती.
ReplyDeleteआज कल कहाँ गायब हो भई...दिख ही नहीं रहे. स्कूल की दोस्तों के साथ बहुत व्यस्त हो गये लगता है.
ReplyDeleteमनभावन होने के कारण
ReplyDelete"सरस पायस" पर हुई "सरस चर्चा" में
प्यारी-प्यारी इस चर्चा में प्यार बहुत है
!
शीर्षक के अंतर्गत
इस पोस्ट की चर्चा की गई है!