बताया था न मेरा नया दोस्त देवांश.. मेरे साथ स्कूल में पढता है और हमारे घर के पास रहता है.. बस दो फ्लेट नीचे.. मैं उसके घर अकेला जा सकता हूँ.. पर मैं केवल उसे बुलाने जाता हूँ.. मैं चाहता हूँ की वो मेरे घर आये.. मेरे साथ खेले... अपने घर जाए ही नहीं... ऐसे ही कल उसे अपने घर ले आया... और हमने खूब धमाल किया...
वैसे जब देवांश जब मेरे घर आता है तो हम सारे काम साथ साथ करते है... जैसे खेलना, खाना खाना.. और तो और हम शू शू करने भी साथ साथ जाते है... और पोटी करने भी.. हुआ न देवांश मेरा पक्का लंगोटिया यार...
और फिर दोनों से दहाड़ मार कर रोने की भी एक्टिंग की...
वैसे जब देवांश जब मेरे घर आता है तो हम सारे काम साथ साथ करते है... जैसे खेलना, खाना खाना.. और तो और हम शू शू करने भी साथ साथ जाते है... और पोटी करने भी.. हुआ न देवांश मेरा पक्का लंगोटिया यार...
ये बदमाशी देवांश के साथ...खूब खेल चल रहा है...शाबाश!!! मगर बेटा....शु शु पॉटी थोड़ी न साथ साथ जाते हैं....:)
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ReplyDeleteतुम दोनों का प्यारा झूलना देखकर
मुझे यह गीत याद आ गया -
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मुझे प्यार है फूलों से,
ये मुझसे करते प्यार!
झुलाऊँ इनको झूला!
झुलाऊँ इनको झूला!
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हाँ ! लंगोटिया यार तो ऐसे ही होते आदि |
ReplyDeleteचित्रों ने सब भेद खोल दिया है!
ReplyDeleteअबे बदमाश तु तो बहुत अच्छी एक्टिंग कर लेता हे, ओर हां अब जमाना बदल गया हे इस लिये लंगोटिया यार नही बोलते बल्कि चड्डी यार बोलॊ:) कभी देखा हे किसी को लंगोटी पहने?
ReplyDeleteहाँ ! लंगोटिया यार तो ऐसे ही होते है| बहुत सुन्दर|
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