Tuesday, November 11, 2008

धडाम...

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी! जानते समझते हुए भी आदि की सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई और आदि सोफे से गिर गया..
रविवार सुबह.. बाहर जाने की जल्दी थी.. पिकुं के यहाँ काफी मेहमान आने को थे.. मैं दुसरे कमरे में था.. और आदि अपनी मम्मी के साथ सुबह का ब्रेकफास्ट कर रहा था.. सोफे पर.. अचानक अंजु को लगा की आदि को प्यास लगी है.. तो वो आदि को सोफा पर लिटा कर पानी लेने चली, एक कदम ही चली कि पीछे से आवाज आई धड़ाम... आदि सोफा से पलट गया और नीचे गिर गया.. अंजु ने जल्दी से आदि को गोद में लिया.. पर आदि तो बहुत जोर से रो रहा था... शुक्र है.. आदि को चोट नहीं लगी.. और थोडी़ देर में दूध पीकर सो गया..
लेकिन ये हमें जगाने के लिये बहुत था.. आदि कि सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई..हमने तय किया कि आदि को पलंग या सोफा पर अकेला नहीं छोडे़गे.. और खेलने के लिये आंगन पर ही लिटाएंगे..

Sorry aadi..

love you..
माँ, पापा

7 comments:

  1. हाँ जी.. ध्यान तो देना ही होगा बिटवा का.. :)

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  2. डेढ़ साल तक आते-आते मेरा बेटा इतनी बार गि‍र चुका है कि‍ क्‍या बताऍं। मगर भगवान का शुक्रि‍या अदा करें, बच्‍चे गि‍रते-पड़ते रहते हैं, रोते हैं, सोते हैं, फि‍र जगकर हॅसने-खेलने लगते हैं। कि‍तनी भी सावधानी बरतें, चोट लग ही जाती है, परसो की ही बात है, मि‍ट्टी में कॉच का टुकड़ा था, उसकी अंगुली कट गई, हाथ खून से सन गए, और हमारे तो होश उड़ गए। अब ठीक है।
    लेकि‍न बच्‍चे को हमेशा गोद में तो नहीं रखा जा सकता न।

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  3. ohhhhhhhhhhhhhh nooooooo heyy aadi how are you beta.... take care ok jyada uchal kud nahee.."

    love ya

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  4. आदि बेटा , दिवाली पर मैंने पापा को बोला था की आदि को सोफा पर मत अकेला छोड़ो पता नही कब तुम पलती मारना शुरू कर दो... येही डर था...ध्यान देना..

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  5. इस वक्त सावधानी की ज्यादा जरुरत है ,सोफे या बेड की बजाय आँगन ही बच्चे के लिए ज्यादा उपयुक्त रहेगा |

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  6. अले बाप रे, पलटूराम ऐसा पलटे की..धड़ाम!!!! ज्यादा चोट तो नहीं आई. जरा ध्यान से खेलो बेटा...बहुत ज्यादा पल्टा मत करो जब पास में मम्मी पापा न हों.

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  7. अबे पलटु मुझे तो पहले ही पता था, लेकिन घबराने की कोई बात नही, अभी तो कई बार धाडम धाडम होनी है, अरे मेने भी तो दो पलटू बडे किये है, मम्मी पापा को बोलो डरे मत, ओर देख कर सब ज्यादा चिल्लये भी मत वरना पलटू ज्यादा घबरा कर रोने लगता है.
    अबे तभी तो बहादुर बनेगा गिर गिर के( नेपाली बाहदुर नही ) बाहदुर बेटा.
    अरे बेड से गिरे की नही, फ़िर बेटा चलना सीखेगा तब भी तो गिरना है.
    खुब दुदु पीयो
    चलो कल मिलेगे.

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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