आज मुंडन है और कल रात घर में मेहंदी लगाई जा रही थी.. हाथों पर चित्रकारी होते देख मैंने भी अपने हाथ आगे कर दिए.. आखिर मुंडन तो मेरा होना है...
शुरुआत मम्मु ने की..
और फिर आवंला चाची ने..
आवंला चाची इसलिए की वो मुझे आवंला खिलाती है...
हथेली पर जब मेहंदी लग गई तो मैंने फरमाइश कर दी.. अंगुली पर भी लगा दो...
ये देखो!! है न सुन्दर..
एक हाथ जब हो गया.. तो मैंने तुरंत ही दूसरा हाथ भी आगे कर दिया... और इस बार फरमाइश थी "काऊ" बनाने की.. "काऊ" वाली मेहंदी? पर चाची कोशिश कर रही है.. काऊ बनाने की...
हो गई मेरी मेहंदी....
ये देखो.. मेरे दोनों हाथ..
पूरी तैयारी हो चुकी है मुंडन की!! बस कुछ देर और...
मेहन्दी अच्छी लग रही है खासकर काउ वाली . मुन्डन कराते रोना नही
ReplyDeleteओये ओये हीरो क्या सुन्दर महंदी लगाई है चाची ने,
ReplyDeletelove ya
चाची को धन्यवाद बोला ना, चल अब तेरी गंजे वाली फ़ोटो देखेगे, बस रोना नही युही मुंडन करवाना जेसे मेहंदी लगवाई हे
ReplyDeleteमेंहदी तो बढ़िया लग रही है ! शायद हमारी टिप्पणी पहुंचने तक मुंडन भी हो चुका हो :)
ReplyDeleteआप भी मेंहदी, वाह।
ReplyDeleteवाह।
ReplyDeletebahut achchi photos hain... ghar ki yaad aa gayi... God bless you always!
ReplyDeleteआदि की मेंहदी...वो क्या बनाया है हाथ में???
ReplyDelete