Monday, December 8, 2008

पीछे खिसकना सीख रहा हूँ.

पलटना तो सीख ही गया था.. पर आजकल खिसकना सीख रहा हूँ.. अभी तो हाथ से धक्का लगा कुछ-कुछ पीछे खिसक लेता हूँ..


मैं क्या करू आजकल माहौल ही ऐसा है, पर मेरे लिये तो ये एक नई उपलब्धि है... अब जल्द ही आगे बढ़ने वाला हूँ..

8 comments:

  1. आदित्य जी जल्दी से उठकर भागना शुरू कर दो;)

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  2. अब बना पलटुराम से खिसकुराम हमारा आदि बबुआ!!

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  3. मम्मी - पापा से लिखवा लिया कर बेटा खुद लैपटॉप से आँख मत लडा अभी से .

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  4. पीछे की जगह आगे भागो आदि जमाना आगे भागने वाला है.

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  5. खिसकू राम धीरे धीरे सब सीख जाओगे बस लगे रहो

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  6. दोस्त कभी मेरे ब्लाग पर भी आऒ खूब मजेदार बातें करेंगे और अच्छी-अच्छी कविताएं भी सुनाऊंगा

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  7. पलटू यार ! ममी पापा ओर बाकी लोग क्यो नही समझते ? बात तो यह है कि तु बढना आगे चाहते हो, लेकिन चले पीछे जाते हो, ओर सभी समझते है पलटु पीछे जा रहा है :), अबे लगा रह एक दो दिन मै खुद बा खुद आगे बढा आ जये गा, ओर दो महीनो मे ममी ओर पापा के हाथ भी नही आयेगा इतनी जल्दी जल्दी घुटनओ के बल भागेगा. चल शेर बन.
    खुब प्यार

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  8. अरे मेरे लाल ! यह पीछे खिसकना नहीं है बल्कि आगे बढ़ने के लिए ताकत बटोरना है.
    मैं बेचैन हूँ तुमको बकैयाँ खींचते हुए और आगे बढ़ते हुए देखने को.
    उम्मीद है की शीघ्र ही तुमको आगे बढ़ते हुए देख पाऊंगा.
    काश कि तुम्हें गोद में ले पाता !!

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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