Monday, December 22, 2008

छोटे मियां! ये छड़ी किसलिये?

पहले तो स्टेण्ड से खेला करता था.. उसे उठा भी लेता था.. पर अब तो उसे खोल भी लेता हूँ.. एसे ही खेल में एक छड़ी हाथ में आ गई.. फिर क्या था.. आप ही देखिये..


देखिये आपसे बात करते हुए समय कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला न? ये इस ब्लोग पर १०० वीं पोस्ट है.. है न?

7 comments:

  1. स्लो कनेक्शन के कारण तुम्हारी कारस्तानी तो हम देख नहीं सके . पर तुम सौवीं पोस्ट की बधाई तो लो :)

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  2. बहुत ही बढ़िया

    -----------------------
    http://prajapativinay.blogspot.com/

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  3. सौवी पोस्ट के लिए बधाई !

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  4. अबे पलटु लगता है अब सब को इस डंडे से सीधा करोगे, जो तुम्हे प्यार नही करेगा ??
    ओर सॊवीं पोस्ट की बधाई

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  5. 100 पोस्‍ट हों गयी खेल खेल में।

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  6. सौवीं पोस्ट की बधाई और पल्टू को प्यार !

    रामराम !

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  7. वाह!! १०० पोस्ट-शतकवीर को सलाम!!

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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