Thursday, March 19, 2009

आदि गुम गया....

देखो मम्मी के साथ कैसे कैसे खेल खेलता हूँ.. और मम्मी तो मुझे खीर भी नहीं खिलाती और गुमा देती है... कैसे? आप देखो




(Scheduled on March 16th)

13 comments:

  1. खेल बहुत अच्छा लगा. हमारी अम्मा भी हमें ऐसे ही खिलाती थी.आश्चर्य कि इतने बड़े भारत में बच्चों के साथ माँ के खेलों में कितनी समानता. भाषा जरूर बदल जाती है. आशय और विधि एकदम सामान.

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  2. aare waah aadi mummy ke saath khel raha hai:)kher kha lena:)

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  3. आदि गुम्शुदाआआआआअ ....................जाओ जरा ढूंड के लाओ , के जाने कहां आदि खो गया हा हा हा हा हा हा हा ........... ओये हीरो एक बात बताओ.....ये तुम्हरी " mother in law" का क्या चक्कर है हाँ...पिछली पोस्ट पर उनका कमेन्ट हमने तो पढ़ लिया जी हा हा हा ...."तुम लाख छुपाओ .......आदि मगर हमको तो पता चल जायेगा

    love ya....

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  4. अरे यार पल्टू, तेरी पोस्ट का हैडिंग देख कर तो जान ही निकल गई थी. यार तू खेल पर ताऊ के साथ मजाक मत किया कर अभी से.:)

    रामराम.

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  5. चलो अच्छा है वापस मिल तो गये..

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  6. हम तो भागे आये कि आदि राम कहाँ गुम गये..पता चल रहा है कि मम्मी के साथ खूब खेला जा रहा है...गुदगुदी लगने वाली है सोच कर हंस देते हो यार!!! :)

    बहुत अच्छा लगा!!

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  7. आदित्य का पूरा परिवार निरपेक्षता की सुन्दरता लिए हुए है.

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  8. बच्चों का बचपन याद आ गया...बहुत सुन्दर प्रस्तुति....
    नीरज

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  9. अरे आदि ! पोस्ट का शीर्षक देख कर तो होश ही उड़ा दिए भई | वैसे ये खेल हमने भी अपने बचपन में खूब खेला और बड़े होने के बाद अक्सर छोटे बच्चो को यही खेल खिलाते थे बड़ा मजा आता है न ?

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  10. मत घुमो यार बस खीर खायो ..

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  11. अभी से खीर के दीवाने हो मियाँ

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  12. अबे पलटू यार हमारी मां भी ओर हम भी अपने बच्चो के संग यही खेल खेलते थे.... देखा अब तुम भी खेलते हो... बहुत अच्छा लगता है ना..
    चलो खुब खेलो...
    प्यार

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कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें

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