मेरे बारे मे चटपटी खबरें (The Indian Baby Blogger)
किस्सा कुर्सी का..इचक दाना!! बबुआ बाना!!यही है दबोचे रहो..छोड़ना मत!!
आदि ! कुर्सी उठाते ही लगा जैसे तू भी वही खेल खेलने जा रहा है जो हमारे नेता कई बार विधानसभाओं में कुर्सियों से खेलते है !
तुम्हारे खिलौने तो कुछ भी हो सकते हैं .. पर हमारे खिलौने तो तुम जैसे प्यारे प्यारे बच्चे ही हो सकते हैं !!
वाह प्यारे जल्दी बड़े हो जाओ। बॉलीवुड़ तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है!
अभी से प्रेक्टिस कर रहे हो? बहुत बढिया है, सीख लो सब दांव पेंच.:)रामराम.
आदि तुम्हारा जवाब नहीं...तुम सच में लाजवाब हो...बहुत कमाल के फोटो लेकर वीडियो बनाया है...वाह...नीरज
बहुत बढ़िया। अब कुर्सी का इस्तमाल किस किस काम के लिए किया जाता है यह आदि से सीखना चाहिए;))
कुर्सी का खेल शुरू आदि जी :) बहुत मजेदार पकडे रहना .जम के बेठे रहना :)
गजब है किस्सा कुर्सी का...
wah beta.. abhi se hi kursi ke chakkar me lage ho.. sahi hai.. :D
कुर्सी के सब दीवाने हैं।हमारा आदि भी किसी से का नही है।
किस्सा कुर्सी का मजेदार है...
बहुत सुंदर, आदि तुमहारी कुर्सी तो बहुत प्यारी लगी
कैसी लगी आपको आदि की बातें ? जरुर बतायें
किस्सा कुर्सी का..इचक दाना!! बबुआ बाना!!
ReplyDeleteयही है दबोचे रहो..छोड़ना मत!!
आदि ! कुर्सी उठाते ही लगा जैसे तू भी वही खेल खेलने जा रहा है जो हमारे नेता कई बार विधानसभाओं में कुर्सियों से खेलते है !
ReplyDeleteतुम्हारे खिलौने तो कुछ भी हो सकते हैं .. पर हमारे खिलौने तो तुम जैसे प्यारे प्यारे बच्चे ही हो सकते हैं !!
ReplyDeleteवाह प्यारे जल्दी बड़े हो जाओ। बॉलीवुड़ तुम्हारी प्रतीक्षा कर रहा है!
ReplyDeleteअभी से प्रेक्टिस कर रहे हो? बहुत बढिया है, सीख लो सब दांव पेंच.:)
ReplyDeleteरामराम.
आदि तुम्हारा जवाब नहीं...तुम सच में लाजवाब हो...बहुत कमाल के फोटो लेकर वीडियो बनाया है...वाह...
ReplyDeleteनीरज
बहुत बढ़िया। अब कुर्सी का इस्तमाल किस किस काम के लिए किया जाता है यह आदि से सीखना चाहिए;))
ReplyDeleteकुर्सी का खेल शुरू आदि जी :) बहुत मजेदार पकडे रहना .जम के बेठे रहना :)
ReplyDeleteगजब है किस्सा कुर्सी का...
ReplyDeletewah beta.. abhi se hi kursi ke chakkar me lage ho.. sahi hai.. :D
ReplyDeleteकुर्सी के सब दीवाने हैं।
ReplyDeleteहमारा आदि भी किसी से का नही है।
किस्सा कुर्सी का मजेदार है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर, आदि तुमहारी कुर्सी तो बहुत प्यारी लगी
ReplyDelete