जब बाथरुम में जाता हूँ तो कितनी मौज होती है.. खेलने को और काम करने के लिये कितना कुछ होता है.. मेरी ये सभी शरारतें कैद है इस विडियो में.. फुरसत से देखिये.. और हर पल को महसुस किजिए.. शुरु से अंत तक कई शरारतें कैद है इसमें..
कैसा लगा?
Thursday, July 30, 2009
Wednesday, July 29, 2009
ट्रेन की पटरी क्यों उखाड़ रहे हो भाई!!
नैनो के साथ मेरे लिये एक ट्रेन भी आई थी.. अंकल ने विशेष सिफारिश की भी पापा से.. उनका कहना था "आदि जुडे़ हुए डिब्बे और चलती ट्रेन देख बहुत खुश होगा.." एसी सिफारिश के बाद पापा को ट्रेन लानी ही थी..
छोटे छोटे डिब्बे चलते देख पहले तो मैं बहुत खुश हुआ.. फिर इच्छा हुई की उठा कर देखुँ..
तो इंजन तो साइड कर एक डिब्बा उठा लिया.. चलती ट्रेन से..
फिर खेल शुरु हो गया.. पापा ट्रेन चलाते और मैं डिब्बे उठाता...
और इस बार तो बड़ा हाथ मारा.. इंजन उठा लिया..
एसे ही खेल चल रहा था.. पर ’you know i want something more'
तो इसलिये हमने पटरी ही उखाड़ दी..
पटरी उखाड़ कर जी नहीं भरा.. तो उसकी माला बना डाली..
हा हा हा..
पसंद आई ये शरारत..
Monday, July 27, 2009
मोबाईलीय नृत्य भाग - 2
कुछ दिनों पहले मेरा डांस आपने देखा था.. अब मैने कुछ नये स्टेपस सिखे है.. बिल्कुल नये अंदाज में... देखिये मेरे मोबाईलीय डांस का भाग दो..
कैसा लगा मेरी घूमर..
कैसा लगा मेरी घूमर..
Sunday, July 26, 2009
महाबली होगा पर मुझसे बड़ा तो नहीं..
एक महाबली मिला था.. कह रहा था मैं बहुत ताकतवर हूँ.. पर जब मुझसे सामना हुआ तो बेचारे का क्या हाल हुआ खुद देख लो..
हो गया न इसका बुरा हाल.. और किसी को अपने बारे में खुशफहमी हो तो सामने आये.. ये है मेरी बॉडी..
(नजर बचा कर आदि कल एक सेल चबा गया.. जब तक पता चला उसकी हालत खस्ता थी.. आप देख रहे है.. शुक्र है वक्त पर पता चल गया और उसकी और आदि की हालत और खराब होने से बच गई.. )..
आदि को बॉडी दिखाना सिखाया है.. पूरा तो नहीं सिखा पर जब कहते है "आदि बॉडी दिखा.. तो एक हाथ फोटो में दिखाये जैसे कर खडा़ हो जाता है...:)
पसंद आया!!
हो गया न इसका बुरा हाल.. और किसी को अपने बारे में खुशफहमी हो तो सामने आये.. ये है मेरी बॉडी..
(नजर बचा कर आदि कल एक सेल चबा गया.. जब तक पता चला उसकी हालत खस्ता थी.. आप देख रहे है.. शुक्र है वक्त पर पता चल गया और उसकी और आदि की हालत और खराब होने से बच गई.. )..
आदि को बॉडी दिखाना सिखाया है.. पूरा तो नहीं सिखा पर जब कहते है "आदि बॉडी दिखा.. तो एक हाथ फोटो में दिखाये जैसे कर खडा़ हो जाता है...:)
पसंद आया!!
सुचना पापा एक सप्ताह के लिये बाहर जा रहे हैं... आपके बताने के लिये काफी कहानियाँ उन्हे देकर भेज रहा हूँ.. उनको वक्त और इंटरनेट मिला तो जरुर नई बातें बताऐगें.. |
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Saturday, July 25, 2009
चेयर + मोबाइल + आदि = खेल
खेलने के लिये नये खिलौनो और नये आईडिया चाहिये होते है.. और ये सब मुझे ही इज़ाद करने पड़ते है..
ये देखो एक चेयर और एक मोबाइल.. और चेयर को पकड़ने के लिये बनी जगह.. और मेरा खेल शुरु...
कैसा लगा..
ये देखो एक चेयर और एक मोबाइल.. और चेयर को पकड़ने के लिये बनी जगह.. और मेरा खेल शुरु...
जगह का मुआयना तो हो गया.. अब लाता हूँ मोबाइल... नजर ’मछली की आँख’ पर
ये गया मोबाइल...
और ये देखो.. बिल्कुल अच्छे से पहुँचा दिया..
और धड़ाम.. मोबाइल.. उस पार..
तालियाँ, तालियाँ, तालियाँ!!कैसा लगा..
Friday, July 24, 2009
गर्मा गर्म जलेबी खाओगे!!
कल शाम को अच्छी बरसात हुई मौसम भी काफी ठण्डा हो गया.. पापा मम्मी के आने का समय भी हो गया पर वो कुछ लेट थे.. पर जब आये तो उनके हाथों में रंग बिरंगे डिब्बे थे.. आहा मेरे लिये गरमा गरम जलेबियां आई थी.. आया न मुँह में पानी? मेरे मुँह में भी आया था.. फिर क्या डिब्बा खोलो जलेबी खाओ..
मेरी जलेबी पर नजर तो नहीं है आपकी?
जलेबी खाने के बाद.. रस भी तो कम स्वादिष्ट नहीं होता... अंगुली से लो और..
चाट लो अंगुली.. ये किसी ने सिखाया नहीं है.. अनुभव से सिखा है हमने..
वैसे शिव अंकल कल चिट्ठा चर्चा में मिठाई की बात कर रहे थे..कह रहे थे "आदित्य की नैनो देखिये और उससे मिठाई की मांग कीजिये. नई कार आई और आदित्य ने मिठाई नहीं खिलाई. ऐसे चलता है क्या?"
शिव अंकल आप चिन्ता न करें..मैंने मिठाई खा ली है.. :))
है पसंद?
Thursday, July 23, 2009
आ गई मेरी नैनो....
आपने पढ़ा होगा की नैनो की डिलीवरी शुरु हो गई.. तो लगे हाथ पापा मेरे लिये भी नैनो ले आये.. yellow कलर की.. वैसे होंडा सिटी भी मिल रही थी.. पर वो तो बहुत कॉमन है न.. पापा-मम्मी ने सोचा आदि के लिये कुछ 'exclusive' कार ले जाते है.. और नैनो से बढ़कर भला और क्या हो सकता है.. बिल्कुल छोटी सी प्यारी सी नैनो..
और इसे तो मैं भी आराम से चला सकता हूँ.. हां हां चौंकिये नहीं इसे चलाने के किये कोई लाइसेंस की जरुरत नहीं... और ड्राईविंग नहीं आती तो भी चिन्ता नहीं बस कुछ पल में आपको सिखा सकता हूँ.. इस कार की विशेषता ये है कि इसमें बैटरी नहीं लगती.. क्या कहा "नैनो में भी बैटरी नहीं लगती?" अरे आप किसकी बात कर रहें है? मैं तो इस नैनो कि बात कर रहा हूँ...
हुआ यूँ कि वो पुराने बैट्री वाला मॉडल मेरी शिक्षा के जरुरी प्रयोगों की भेंट चढ़ गया.. और बिना कार के कोई रह नहीं सकता.. बैट्री कार में लगी रहे, ये मेरी शान के खिलाफ है..
तो तरीका ये निकाला कि मेरे लिये बिना बेट्री की कार लाई जाये... पर आप सोच रहे होगें कि बिना बेट्री और इंधन के ये चलेगी कैसे..अरे मैं चला कर दिखाता हूँ...
ये बहुत आसान है.. कार को पीछे धकेलने से ये ताकत लेती है और छोड़ने पर उसी ताकत से आगे दौड़ने लगती है.. ’न्युटन ’ अंकल के क्रिया प्रतिक्रिया के नियम से.. गलत तो नहीं कहा न!!
आपको भी नैनो चाहिये तो मुझे बता देना.. पापा से कह कर कुरियर करवा दूँगा.
पसंद आई मेरी नैनो!!
हुआ यूँ कि वो पुराने बैट्री वाला मॉडल मेरी शिक्षा के जरुरी प्रयोगों की भेंट चढ़ गया.. और बिना कार के कोई रह नहीं सकता.. बैट्री कार में लगी रहे, ये मेरी शान के खिलाफ है..
तो तरीका ये निकाला कि मेरे लिये बिना बेट्री की कार लाई जाये... पर आप सोच रहे होगें कि बिना बेट्री और इंधन के ये चलेगी कैसे..अरे मैं चला कर दिखाता हूँ...
ये बहुत आसान है.. कार को पीछे धकेलने से ये ताकत लेती है और छोड़ने पर उसी ताकत से आगे दौड़ने लगती है.. ’न्युटन ’ अंकल के क्रिया प्रतिक्रिया के नियम से.. गलत तो नहीं कहा न!!
तो बस देर किस बात की फ्री में कार चलाने के मजे लो!!
आपको भी नैनो चाहिये तो मुझे बता देना.. पापा से कह कर कुरियर करवा दूँगा.
पसंद आई मेरी नैनो!!
Wednesday, July 22, 2009
स्कोर कार्ड - समीर अंकल : 201*
समीर अंकल से मैं कभी नहीं मिला, पर वो हर रोज मुझसे मिलते है... और बहुत प्यार करते है.. पहली बार समीर अंकल 28 जुलाई के मिले थे..और इतना लगभग एक साल से हम हर रोज मिलते है.. वो रोज मेरे लिये प्यारे प्यारे संदेश छोड़ जाते है.. और देखते देखते ही ये संख्या 200 के पार पहुँच गई..
ये देखिये स्कोर कार्ड.. सबसे ऊपर उडन तश्तरी याने समीर अंकल.. और उनका स्कोर है २०१*
पसंद आया !!!
ये देखिये स्कोर कार्ड.. सबसे ऊपर उडन तश्तरी याने समीर अंकल.. और उनका स्कोर है २०१*
थेंक्यु समीर अंकल!!!
इस अवसर पर ताऊ (समीर अंकल) ने अपनी खास तस्वीर भेजी है.. और साथ में एक प्यारा सा खत भी... आप भी देखिए कितना प्यार से लिखा है उन्होने..प्रिय आदि, बहुत दिन हुए, तुमसे सीधे बात नहीं की. बस ब्लॉग पर टिप्पणी से ही बात हो पा रही है. अब तो तुम खूब जल्दी जल्दी बड़े हो रहे हो. रोज एक नया करिश्मा दिखाते हो. अच्छा भी लगता है कभी तुमको ज्यादा बदमाशी करता देखकर डर भी जाता हूँ, जैसे जब तुम अलमारी में बंद होने का खेल खेल रहे थे. मगर जब इतने समझदार मम्मी पापा हमेशा ख्याल रख रहे हैं तो डरना कैसा, यही सोच कर सहज हो जाता हूँ. मेरी बहुत इच्छा थी कि पिछली यात्रा के दौरान तुमसे मिलता और तुम्हें गोद में खिलाता. तुम्हारे साथ मैं भी बच्चा बन जाता. मगर हमेशा सोचा हुआ होता नहीं है.चलो, अगली बार सही, खेलेंगे जरुर तुम्हारे साथ. तुम्हें ब्लॉग पर लगातार देखने की अब तो ऐसी आदत सी हो गई है कि आदि एक दो दिन नहीं दिखता तो लगने लगता है कि क्या हुआ आदि को? कहीं कुछ तबीयत तो खराब नहीं? फिर तुम दिख जाते हो और मैं खुश हो जाता हूँ. तुमको मालूम है तुम्हारी दादी याने मेरी माँ, जब थीं तो दो तीन मेरा फोन न जाये तो यही सोच कर परेशान हो जाती थी, रोती थी. फिर मैं फोन कर देता था तो खुश हो जाती थी. मैं हँसा करता था. तुम भी हँसते होगे कि कैसे ताऊ हैं बार बार लिखने को कहते हैं, खेलने ही नहीं देते. और आज जब मैं भारत लगाने के लिए फोन उठाता हूँ तो एक बार को तुरंत तुम्हारी दादी की याद आ जाती है, आँख भर आती है. अब सोचता हूँ, काश!! जब तक थी तब मैं रोज फोन करता उसे. मैं तुमसे रोज तो नहीं मगर जल्दी जल्दी लिखने को तो कह ही सकता हूँ. जब बड़े हो जाओगे तब चिट्ठी लिखने को कहूँगा (अरे हाँ, ईमेल वाली ही :)) बहुत बदमाशी मत करना. मम्मी पापा का ख्याल रखते जाना और खूब प्यार से खेलना. दादी अभी है कि गईं जोधपुर. उनको मेरा चरण स्पर्श कहना. ढ़ेरों आशीष के साथ तुम्हारा फैन समीर अंकल (उड़न तश्तरी अंकल :)) नोट: पापा को मेरी पुरानी तस्वीर चाहिये थी. मिलती ही नहीं. सब भारत में रखी है तो अभी की ताऊ ताई की भेज रहा हूँ. जब थोड़ा बड़े हो जाओ तो पापा के समय की एक फिल्म देखना : कभी खुशी कभी गम...और उसमें रायचन्द याने अमिताभ का घर. इस तस्वीर में पीछे वही है. अपने दोस्तों को बताना तब कि मेरे ताऊ भी अमिताभ से कम नहीं!! हा हा!! |
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Tuesday, July 21, 2009
जल्दी करो भुट्टे का मौसम जाने वाला है...
भुट्टे का मौसम जल्द ही जाने वाला है.. मैने तो इसका स्वाद ले लिया आपने लिया क्या? भुट्टा दिलाया मम्मी ने और मैने भी बडे़ चाव से खाया..
जरा दम लगाना पड़ता है.. मजबुत दांत चहिये.. थोड़ी ताकत भी.. दम लगाना पड़ता है..
ये मुँह भुट्टा खाकर ही सफेद किया है.. क्या मेकअप है आदि..
और आपन अभी तक भुट्टा नहीं खाया तो आ जाइये आज शाम मेरे संग भुट्टा खाने!!
Sunday, July 19, 2009
आँखों में क्या जी?
मम्मी के साथ कुछ दिन पहले लखनऊ गया था.. होटल के कमरे में एक अलमारी रखी थी.. बिल्कुल मेरे साईज की.. छुपम छुपाई खेलने के लिये एकदम उपयुक्त.. तो फिर मौका भी था और साधन भी.. खेल शुरु..
इन चित्रों में मेरी आँखे और चहरे के भाव पढियें..
कैसा लगा?
Saturday, July 18, 2009
ये खरगोश
पापा अंजार की ’वेल्सपन’ फ्रेक्ट्री आऊटलेट से ये बाथ गाऊन लाये हैं.. नहाने के मजे तो है ही पर अब नहाने के बाद टॉवल बांध कर बाहर आता हूँ.. देखिये लग रहा हूँ न खरगोश जैसा..
ये दोस्त मदद
कल रामप्यारी मैडम की क्लास में गया था..और देखो इतना मुश्किल होम वर्क मिला है.. एक धमकी के साथ.."अब होमवर्क लिख लिजिये..और करके लाना..अदरवाइज...यु आल विल बी पनिशड...ओके? हां तो आज ईंगलिश की क्लास थी तो गया गया गया. की इंगलिश ट्रांसलेशन करके लाना.."
अब आप बताओ "A", "B" और "C" सिखाई और होम वर्क में ट्रांसलेशन..अब मैं कैसे करु यें.. आपको आता है तो प्लीज मेरी मदद कर दो..
कैसी लगी ये पोस्ट?
Friday, July 17, 2009
मोबाईलीय नृत्य
एक डांस आपने देखा था जब में आठ महीने का था और चल नहीं सकता था.. आज एक और डांस लेकर आया हूँ .. अब मैं चल भी सकता हूँ.. और खुद म्युजिक भी चुन सकता हूँ.. हाँ मोबाईल कि रिंग टोन से.. तो देखिये ये "मोबाईलीय नृत्य"
कैसा लगा मेरा डांस!!
कैसा लगा मेरा डांस!!
Thursday, July 16, 2009
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