अब बहुत सारे वाक्य बना लेता हूँ में.. पापा मम्मी हैरान हो गए.. जब उन्होंने सूना.. "आदि को पकड़ना, आदि भम्म हो रहा है.."
और ये वाक्य निकला पलंग के किनारे खड़े होकर.. पापा मम्मी को छकाने के लिए...
और भी कुछ वाक्य -
"ये तो बाबा का प्लेन है'
"आदि को निचे उतारना"
"दुधु मम्मू पिलाएगी"
"ये तो पिजन की पोटी है"
"सुन्दर सुन्दर फूल खिले है"
"आदि दुधु लेने गया था"
"मम्मा आदि को सुला दो"
"मम्मू खेलें"
"बाबा बार चले"
"कौन आया"
"झूले पर चले"
फिर मिलते है.. बाय बाय..
बाबा बार चले
ReplyDelete-वाह बेटा, पूत के पांव पालने में...ताऊ के रास्ते चलना है क्या?? ये बाबा से नहीं, समीर अंकल से कहना पड़ेगा जब २५ साल के हो जाओ.. :)
बेटा, बार तो समीर अंकल ही ले जायेंगे तुझको.:) ताऊ तो तेरे को चंपाकली भैंस का मलाईदार दूध ही पिलवायेगा.:)
ReplyDeleteरामराम.
भई ये गुजराती स्टाईल के डिजाइनर अंगरखे में आदि बहुत प्यारा लग रहा है। अच्च्च्ची तस्वीर।
ReplyDeleteवैलीईईईईई गूउउउउद
आदि बेटा तुम्हारी डिक्शनरी में शब्द बढ़ रहे हैं जान कर अच्छा लगा :)
ReplyDeleteबहुत कुछ सीख गए तुम तो .. शुभकामनाएं !!
ReplyDeletedheere dheere sab bolna aa jaayegaa .
ReplyDeletegaay ka dudh pina ho to mere pass aa jana
"ये तो पिजन की पोटी है!"
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वाह, क्या बात है!
लगता है - कवि बनोगे!
वाह वाह आदि, तुम तो बहुत कुछ सीख गए ..... फिर कब मिलोगे... ??
ReplyDeleteअरे आदि यह भम्म शव्द ने मुझे अपने बच्चो का बचपन याद दिला दिया, वेसे तेरी सारी हरकते मुझे पहले ही पता चल जाती है....बहुत सुंदर लग रहा है आज तो बेटा इस पोशाक मै. बहुत सा प्यार
ReplyDeleteतो बाबा के साथ बार में जा रहे हो..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !!!!
ReplyDeleteभम्म बार जाने के पहले हुये न?
ReplyDeleteबस चार दिन की बात है ब्लाग डिक्टेट करने लगोगे
ReplyDeleteसच मे
ReplyDeleteआदि भाई को पकड़ना, आदि भम्म हो रहा है
nice picture.
बढ़िया है. नए-नए शब्द बनेंगे तभी तो हम लोग बड़ों को छाकायेंगे .
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